Edited By Isha, Updated: 07 Apr, 2024 04:00 PM
चीका के प्रोफेसर कॉलोनी के पिछले हिस्से में और मदर्स प्राईड स्कूल के नजदीक की कॉलोनी में वर्षों पहले पीला पंजा चला था जिसके बाद उक्त आबाद हो सकने वाला क्षेत्र पूरी तरह से बर्बाद हो गया और एक तरह से उजड़े
गुहला/चीका(कपिल): चीका के प्रोफेसर कॉलोनी के पिछले हिस्से में और मदर्स प्राईड स्कूल के नजदीक की कॉलोनी में वर्षों पहले पीला पंजा चला था जिसके बाद उक्त आबाद हो सकने वाला क्षेत्र पूरी तरह से बर्बाद हो गया और एक तरह से उजड़े चमन जैसा बन गया। इस क्षेत्र में पिछले कुछ समय से हलचल शुरू हो गई है जिसके चलते प्रापर्टी से जुड़े लोगों के चेहरे पर भी रौनक आ गई है।
यहां अमूमन 2 लाख रुपए प्रति मरला या यू कहें कि लगभग महज 65 सौ रूपए प्रति गज का रेट था लेकिन जबसे इसका कुछ क्षेत्र अप्रूवड़ हुआ है तबसे इसमें जान सी आ गई है। इस मामले में रोचक तथ्य यह भी है कि इस क्षेत्र में अब प्लाटों की कीमतें आसमान छू रही हैं और महज दो लाख रुपए मरला की दर से खरीद करने वाले कॉलोनाईजर्स अब अपने मनमाने भावों में यहां प्लॉट बेच रहे हैं जिन्हें लोग खुशी से खरीद भी रहेे हैं।
यदि इस मामले में जानकारों की मानें तो यहां भाव 6 लाख रुपए से आठ लाख रुपए प्रति मरला तक पहुंचने की जानकारी मिल रही है। अमूमन भाव 20 हजार से 27 हजार रुपये प्रति वर्ग गज के भाव कहे जा सकते हैं। इस कॉलेानी क्षेत्र में भले ही नगरपालिका द्वारा अभी सडक़ों का निर्माण कार्य शुरू न करवाया गया हो लेकिन इस बीच यहां पर सीवरेज डालने का कार्य एवं गलियों के निर्माण कार्य के लिए मिट्टी डाले जाने का कार्य भी तीव्र गति से शुरू हो गया है हालांकि यह किसके द्वारा करवाया जा रहा है यह जानकारी प्राप्त नही हो पाई है।
वर्जन
इस मामले में नगरपालिका चीका जे.ई.खुशीराम ने बताया कि नपा की तरफ से उक्त एरिया में कोई कार्य नही करवाया जा रहा हो सकता है कि किसी के द्वारा निजी तौर पर कार्य करवाया जा रहा हो।