Edited By Isha, Updated: 26 Sep, 2019 10:14 AM
अधिकारी किस तरह सरकार की ईमानदार छवि को पलीता लगा रहे हैं, इसका ताजा उदाहरण बल्लभगढ़ के मटिया महल मामले में देखा जा सकता है। एसडीएम द्वारा जांच के आदेश दिए जाने के बावजूद भी आज तक इस मामले........
फरीदाबाद (महावीर गोयल): अधिकारी किस तरह सरकार की ईमानदार छवि को पलीता लगा रहे हैं, इसका ताजा उदाहरण बल्लभगढ़ के मटिया महल मामले में देखा जा सकता है। एसडीएम द्वारा जांच के आदेश दिए जाने के बावजूद भी आज तक इस मामले में व्यापक जांच कर कार्रवाई के आदेश दिए थे परंतु एसडीएम के आदेशों को ठेंगा दिखाते हुए आज 6 माह बीत जाने के बाद भी इस मामले में कोई जांच नहीं की गई है जबकि जांच के आदेश लोकसभा चुनावों के समय दिए गए थे।
बल्लभगढ़ एसडीएम ने स्वयं ऐतिहासिक मटिया महल पर भूमाफियाओं द्वारा कब्जा किए जाने पर यहां का निरीक्षण किया था। कहा जाता है कि सरकार चाहे कितनी ही ईमानदार क्यों न हो लेकिन जब तक भ्रष्ट अधिकारी कार्य करेंगे, भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लग सकता और इस बात को मटियामहल मामले ने सच साबित किया है।
इस मामले में जानकारी देते हुए बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष एवं न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के प्रधान एडवोकेट एलएन पाराशर ने बताया कि उन्होंने काफी पहले आवाज उठाई थी कि बल्लभगढ़ के ऐतिहासिक मटियामहल की जमीन पर शहर के कुछ भू-माफिया और भ्रष्ट अधिकारियों से मिलकर वहां अवैध निर्माण कर लिया था और अब तक ऐसे लोगों को कोई कार्यवाही नहीं की गई।
एसडीएम ने करवाई थी वीडियोग्राफी
बल्लभगढ़ के अंबेडकर चौक के पास स्थित बेशकीमती मटिया महल की जमीन पर भूमाफियाओं द्वारा खड़ी की गई मल्टीस्टोरी बिल्डिंग के मामले को प्रशासन के समक्ष लगातार उठाए जाने के बाद बल्लभगढ़ के एसडीएम त्रिलोकचंद ने मौके का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया था। इस दौरान उन्होंने इस पूरी जमीन की विडियोग्राफी भी कराई थी।
एसडीएम ने इस जमीन की जांच के लिए तहसीलदार व पटवारी को आदेश दे दिए थे लेकिन जांच आगे नहीं बढ़ी। उस समय अधिकारियों ने कहा था कि लोकसभा चुनाव के कारण वो व्यस्त हैं। अब लोकसभा चुनाव के 6 महीने बाद भी अधिकारी खामोश हैं। इस सारे मामले में अधिकारियों की सुस्ती भ्रष्टाचार की ओर संकेत कर रही है।