रेगुलाइजेशन ऑफ सर्विस बिल: कर्मचारी संघ ने सरकार को भेजा सुझाव ड्राफ्ट

Edited By Deepak Paul, Updated: 11 Aug, 2018 01:51 PM

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हाईकोर्ट से प्रभावित कर्मचारियों की नौकरी बचाने और कच्चे कर्मियों को पक्का करने संबंधी सुझाव को सर्व कर्मचारी संघ ने सरकार को भेज दिया है। संघ ने सरकार से इस सुझाव को पूरी तरह से रैगुलाइजेशन ऑफ सॢवस बिल 2018 में शामिल करने का आग्रह किया है। सर्व...

चंडीगढ़(पांडेय): हाईकोर्ट से प्रभावित कर्मचारियों की नौकरी बचाने और कच्चे कर्मियों को पक्का करने संबंधी सुझाव को सर्व कर्मचारी संघ ने सरकार को भेज दिया है। संघ ने सरकार से इस सुझाव को पूरी तरह से रैगुलाइजेशन ऑफ सॢवस बिल 2018 में शामिल करने का आग्रह किया है। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रधान धर्मवीर फौगाट व महासचिव सुभाष लाम्बा ने बताया कि सरकार को भेजे सुझावों में सर्व कर्मचारी संघ ने सरकार से 2 साल (एक साल में 240 दिन) की सेवा पूरी करने वाले सभी सरकारी, अर्ध सरकारी, सहकारी विभागों, बोर्डों, निगमों, नगर निगमों, विश्वविधालयों, स्थानीय निकायों, सोसायटीज, फैडरेशन व पंचायत समितियों सहित अलग-अलग विभागों में चल रही परियोजनाओं में काम कर रहे सभी कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने व हाईकोर्ट के फैसले से प्रभावित 4654 कर्मचारियों को उनकी सेवा सुरक्षा के साथ पिछली सेवा का लाभ बरकरार रखने की मांग की है। अब देखना यह होगा कि सरकार सर्व कर्मचारी संघ के कितने सुझावों को अध्यादेश के ड्राफ्ट में शामिल करता है।

लाम्बा ने कहा कि सुझावों में ग्रुप ए-बी-सी-डी के सभी अनुबंध कर्मचारियों के साथ-साथ वर्क लोड पर या स्वीकृत पद पर काम करने वाले पार्ट टाइम, डेलीवेजिज, डी.सी. रेट, सॢवस प्रोवाइडर द्वारा नियुक्त किए गए कर्मचारी,  एडहॉक, टर्म अप्वाइंटी, वर्क चार्ज व जोब वर्क के विरुद्ध काम करने वाले सभी कर्मियों को बिल के दायरे में लाने की मांग की है। यह भी मांग की गई कि नियमित होने वाले कर्मचारी प्रोबेशन पीरियड में पूरा वेतन व भत्ते पाने के हकदार होंगे। 

संघ किसी प्रकार की कोई शर्त कबूल नहीं कर सकता। संघ के वरिष्ठ उपप्रधान नरेश कुमार शास्त्री, मुख्य संगठनकत्र्ता विरेंद्र डंगवाल व उपप्रधान सबिता ने सरकार से 31 मई 2018 के माननीय हाईकोर्ट के फैसले से प्रभावित 4654 कर्मचारियों को सेवा सुरक्षा प्रदान कर उनके सभी सेवा लाभों को बरकरार रखने का प्रावधान बिल में किए जाने की भी जोरदार मांग की है। संघ ने सरकार को यह भी सुझाव दिया  है कि वह अपनी वैधानिक शक्तियों का प्रयोग कर बिल में व्यवस्था करे कि बिना सरकार की अनुमति के न्यायालय बिल पर कोई दखल नहीं करेगा। 

संघ के ऑडिटर सतीश सेठी, सचिव राजेंद्र जुलाना व सुरेंद्र राणा ने बताया कि संघ ने यह भी मांग की है कि नियमित होने वाले कर्मचारियों के लिए शैक्षणिक, अनुभव व उम्र इत्यादि की शर्त  कर्मचारी की नियुक्ति के समय जब उसे नियुक्त किया गया था उस समय के नियमों अनुसार ही मानी जाए। सर्व कर्मचारी संघ स्पष्ट कर देना चाहता है कि यदि सरकार कर्मचारी हित मे सुझावों अनुसार बिल पास नहीं करती तो 20 अगस्त को प्रदेश का कर्मचारी इन सभी मांगों को लेकर विधानसभा कूच करेगा।

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