फर्जी आयु प्रमाण पत्रों के आधार पर वृद्धावस्था पेंशन प्राप्त, 2 DSWO समेत 11 पर मामला दर्ज

Edited By Nitish Jamwal, Updated: 08 Mar, 2024 04:48 PM

received old age pension on the basis of fake age certificates

देश में घोटाले के मामले बढ़ चुके हैं, फर्जी चीजें बनाकर सुविधाओं का फायदा लेने के मामले दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। पलवल में डिस्ट्रिक्ट सोशल वेलफेयर डिपार्टमेंट के अधिकारियों से मिलीभगत कर आधा दर्जन से अधिक लोग फर्जी आयु प्रमाण पत्रों के आधार पर...

पलवल: देश में घोटाले के मामले बढ़ चुके हैं, फर्जी चीजें बनाकर सुविधाओं का फायदा लेने के मामले दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। पलवल में डिस्ट्रिक्ट सोशल वेलफेयर डिपार्टमेंट के अधिकारियों से मिलीभगत कर आधा दर्जन से अधिक लोग फर्जी आयु प्रमाण पत्रों के आधार पर वृद्धावस्था पेंशन प्राप्त करते हुए पाए गए।

कैंप थाना पुलिस ने सीएम फ्लाइंग के सब इंस्पेक्टर की शिकायत पर दो तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारियों (DSWO) और दो कर्मचारियों सहित 11 के खिलाफ फर्जीवाड़ा कर वृद्धावस्था पेंशन प्राप्त करने का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

DSP दिनेश यादव ने बताया कि सीएम फ्लाइंग के सब इंस्पेक्टर राजेंद्र कुमार ने शिकायत दी और कहा है कि उन्हें सूचना मिली थी कि लड़माकी गांव में कुछ व्यक्ति जिला समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर वृद्धावस्था सम्मान भत्ता ले रहे है।

जिसके बाद उनकी टीम ने जांच के लिए लड़माकी गांव निवासी अब्दुल रसीद, सहनाज, हासम, रसीद, सायरा, हमीद और अमीना के वृद्धावस्था सम्मान भत्ता मंजूर कराए जाने संबंधित दस्तावेज जिला समाज कल्याण अधिकारी से प्राप्त करने के लिए अनुरोध किया। इस पर विभाग के कार्यालय की ओर से उपरोक्त सभी लाभार्थियों के असल आवेदन फार्म की अटेस्टेड कॉपी उपलब्ध न कराकर ऑनलाइन आवेदन फार्म की कॉपी उपलब्ध करा दी।

सीएम फ्लाइंग ने जांच करने पर पाया कि लाभार्थी अब्दुल रसीद, सहनाज, हासम, रसीद, सायरा, हमीद और अमीना की आयु को 60 वर्ष या उससे अधिक साबित करने के लिये जिला नागरिक अस्पताल पलवल से मेडिकल बोर्ड से जारी एज असेसमेंट सर्टिफिकेट को आधार बनाया हुआ है। जिसके संबंध में उनकी टीम ने चीफ मेडिकल अफसर से इसकी रिपोर्ट प्राप्त की।

जन्मतिथि भी अलग पाई गई

इस पर अधिकारी ने अवगत कराया कि आयु प्रमाण पत्रों पर डॉक्टर सरफराज खान ने लिखित में सत्यापित किया है कि ये हस्ताक्षर उनके नहीं है। जिससे उनकी आयु के प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए। साथ में आवेदन फॉर्म पर मतदाता पहचान पत्र लगाए हुए थे। जिनकी जांच में पाया कि मतदाता पहचान पत्र की जो कॉपी लगाई हुई थी और जो इलेक्शन डिपार्टमेंट ने जारी की हुई थी, दोनों पर जन्मतिथि अलग पाई गई। जिससे साबित होता है कि उक्त व्यक्तियों द्वारा फर्जी मतदाता पहचान पत्रों का उपयोग किया है।

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