रणजीत के विधायकी से इस्तीफे पर फिर अड़चन; विधानसभा में नहीं हुए पेश, कहा- व्यक्तिगत कारणों से नहीं आ सकता

Edited By Nitish Jamwal, Updated: 23 Apr, 2024 02:04 PM

ranjit chautala did not appear in haryana assembly

एक तरफ हरियाणा में लोकसभा चुनावों का दबाव तो वहीं दूसरी तरफ निर्दलीय विधायक व कैबिनेट मंत्री रणजीत चौटाला के इस्तीफे का मामला, दोनों ही सुर्खियों में हैं। हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने रणजीत चौटाला के इस्तीफे को लेकर एक बयान दिया था।

चंड़ीगढ़ (चंद्र शेखर धरणी): एक तरफ हरियाणा में लोकसभा चुनावों का दबाव तो वहीं दूसरी तरफ निर्दलीय विधायक व कैबिनेट मंत्री रणजीत चौटाला के इस्तीफे का मामला, दोनों ही सुर्खियों में हैं। रणजीत चौटाला के इस्तीफे की वेरिफिकेशन को लेकर विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने उन्हें व्यक्तिगत रूप से मिलने के लिए आज यानि 23 अप्रैल को बुलाया था। लेकिन रणजीत चौटाला मंगलवार को विधानसभा में पेश नहीं हुए।

बता दें कि ज्ञान चंद गुप्ता ने बताया कि कैबिनेट मंत्री रणजीत सिंह चौटाला ने 24 मार्च को विधानसभा से अपना इस्तीफा मैसेंजर के जरिए भेजा था। इसके स्पष्टीकरण के लिए मंगलवार को उन्हें व्यक्तिगत रूप से बुलाया गया था। लेकिन रणजीत चौटाला विधानसभा में पेश नहीं हुए। वहीं मीडिया से बातचीत करते हुए विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने बताया कि रणजीत चौटाला ने फोन करके बताया है कि वो आज व्यक्तिगत कारणों से नहीं आ सकता। इसलिए अब उन्हें 30 अप्रैल को दोबारा बुलाया है।

24 मार्च को भाजपा में हुए थे शामिल

एक माह का लंबा अंतराल बीते जाने के बाद  सिरसा ज़िले की रानिया विधानसभा सीट से निर्दलीय विधायक रणजीत चौटाला, जो गत माह 24 मार्च को भाजपा में शामिल हो गए थे। जिसके साथ ही पार्टी द्वारा उन्हें हिसार लोकसभा सीट से उम्मीदवार भी घोषित कर दिया गया था। जिस दिन रणजीत उनके समक्ष व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित होकर स्वयं द्वारा गत माह एक मैसेंजर के हाथों स्पीकर को‌ भेजे गए‌ तथा कथित त्यागपत्र का‌ सत्यापन करेंगे। इस्तीफा स्वीकार होने के बाद एवं त्यागपत्र स्वीकार होने की तारीख से ही रणजीत पूर्व विधायक बन जाएंगे।

इसी बीच पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट और कानूनी विश्लेषक हेमंत कुमार ने बताया कि बेशक विधानसभा स्पीकर  द्वारा रणजीत चौटाला का विधानसभा सदस्यता से  त्यागपत्र स्वीकार करने में एक महीने का लंबा समय लिया गया है। लेकिन अगर उन्हें दल-बदल विरोधी कानून के अंतर्गत सदन की अयोग्यता से बचाना है, तो स्पीकर को रणजीत का विधायक पद त्यागपत्र गत 24 मार्च की पिछली तिथि से ही स्वीकार करना होगा अर्थात  वह उसी पिछली तारीख से ही प्रभावी होना चाहिए।

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