10 साल पुरानी मान्यता वाले 90 प्राइवेट स्कूलों ने नहीं करवाया दोबारा नवीनीकरण, अब विभाग करेगा कार्रवाई

Edited By Manisha rana, Updated: 03 Apr, 2024 08:58 AM

private schools 10 year old recognition did not get renewal done again

एक तरफ नए शैक्षणिक सत्र में बच्चों के अधिक दाखिले को लेकर प्राइवेट स्कूलों में होड़ लगी है। तो वहीं दूसरी तरफ जिले के 83 प्राइवेट स्कूलों की मान्यता पर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं।

कैथल (जयपाल रसूलपुर) : एक तरफ नए शैक्षणिक सत्र में बच्चों के अधिक दाखिले को लेकर प्राइवेट स्कूलों में होड़ लगी है। तो वहीं दूसरी तरफ जिले के 83 प्राइवेट स्कूलों की मान्यता पर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं। ऐसे में अभिभावकों के लिए बड़ी समस्या है कि अगर एक साथ इतने स्कूलों की मान्यता रद्द होती है तो उनमें पढने वाले हजारों बच्चों के भविष्य पर सवाल खड़े हो जाएंगे। 

अभिभावकों  का कहना है कि आखिर वे किस आधार पर अपने बच्चों का प्राइवेट स्कूलों में दाखिला कराएं। विदित रहे कि डी.ई.ओ कार्यालय जल्द ही जिले के 83 निजी स्कूलों पर कार्रवाई करने की तैयारी में है। क्योंकि शिक्षा निदेशालय ने प्रदेश के दस साल पुरानी मान्यता वाले सभी निजी स्कूलों को 31 मार्च तक दोबारा से मान्यता लेने बारे निर्देश जारी किए गए थे। इसको लेकर कैथल जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा भी जिले के सभी खंड शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से संबंधित स्कूल संचालकों को नोटिस भेजे थे। जिनमें निदेशालय के आदेशों का हवाला देते हुए 31 मार्च तक दोबारा से मान्यता लेने की बात कही गई थी।

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जिला शिक्षा अधिकारी ने अपने पत्र में साफ लिखा था कि यदि स्कूल संचालकों ने 31 मार्च से पहले मान्यता नहीं ली तो उन स्कूलों को आगामी सेशन चलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके साथ ही उन पर विभाग के आदेश न मानने को लेकर जुर्माने के साथ पुरानी मान्यता भी रद्द करने बारे भी बोला गया था। वहीं कैथल जिले की अगर बात की जाए तो यहां ऐसे 90 स्कूल थे। जिनकी मान्यता दस पुरानी है। इनमें से अब तक केवल सात स्कूलों ने ही दोबारा से मान्यता ली है। जिस कारण बाकी के स्कूलों पर जल्द विभागीय कार्रवाई की गाज गिरने वाली है। जिसको लेकर जिला शिक्षा अधिकारी विजय लक्ष्मी ने अधिकारियों को विभाग के आदेशों की सख्ती से पालन करने बारे निर्देश दिए हैं।

 ऐसे करना था ऑनलाइन आवेदन

स्कूल संचालकों को पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन करना था। आवेदन के लिए फार्म-2 के साथ फायर विभाग की एन.ओ.सी, बिल्डिंग का नक्शा पास, बिजली विभाग और सी.एम.ओ कार्यालय से शौचालय और पीने के पानी की मौजूदा व्यवस्था की रिपोर्ट भी लगानी अनिवार्य थी। इसके साथ ही स्कूल में कक्षाओं की स्थिति और खेल का मैदान होना भी जरूरी था। इन सभी के साथ स्कूल भूमि से सम्बंधित सभी जरूरी दस्तावेजों को अपलोड करने बारे हिदायत दी गई थी। प्राप्त आवेदनों की जांच खुद जिला शिक्षा अधिकारी को करनी थी। उसके बाद ही स्कूल को मान्यता का प्रावधान है।

शिक्षा अधिकारी विजय लक्ष्मी ने बताया कि निदेशालय के आदेश अनुसार 31 मार्च तक जिले के 90 निजी स्कूल संचालकों को दोबारा नवीनीकरण बारे लिखा गया था। जिन्होंने अभी तक भी नवीनीकरण नही करवाया उनके खिलाफ विभागीय नियमानुसार आगामी कार्रवाई की जायेगी।

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