Edited By Gourav Chouhan, Updated: 03 Oct, 2022 08:58 PM
कमलेश ढांडा ने कहा कि साइबर बाल यौन शोषण अपराधों के मद्देनजर युवाओं को इससे बचाव के लिए जागरूक करने और बाल यौन अपराध पीड़ितों को तकनीकी व कानूनी सहायता देने को लेकर विशेष जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे।
चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): हरियाणा की महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा ने कहा कि साइबर बाल यौन शोषण अपराधों के मद्देनजर युवाओं को इससे बचाव के लिए जागरूक करने और बाल यौन अपराध पीड़ितों को तकनीकी व कानूनी सहायता देने को लेकर विशेष जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे। यही नहीं प्रदेश भर में साइबर यौन अपराध मामलों की जांच में जुटे पुलिस अधिकारियों के लिए विशेष प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाएगी।
यौन हिंसा के मामलों पर रोक लगाने के लिए विभाग ने बनाई विशेष योजना
महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा ने सोमवार को जारी एक बयान में कहा कि देशभर में युवाओं, विशेषकर छोटी उम्र के बच्चों को ऑनलाइन माध्यम से फंसाने व उनके यौन उत्पीड़न के मामलों में निरंतर हो रही बढोतरी चिंता का विषय है। प्रदेश में यौन हिंसा व कम उम्र के बच्चों को आकर्षित करने वाली सामग्री के माध्यम से साइबर क्राइम की दर में हो रही बढोतरी को ध्यान में रखते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग ने विशेष कार्य योजना तैयार की है। ढांडा ने कहा कि प्रदेश में सभी जिला बाल संरक्षण अधिकारियों को इन अपराध के प्रति बच्चों, अभिभावकों को सतर्क करने के कदम उठाने व मासिक आधार पर निर्धारित परफॉर्मे में रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं।
पुलिस अधिकारियों को मासिक स्तर पर प्रशिक्षण दिलाने की होगी व्यवस्था
ढांडा ने बताया कि साइबर क्राइम के तहत बाल यौन अपराध के मामलों की जांच पड़ताल करने वाले पुलिस अधिकारियों को मासिक स्तर पर प्रशिक्षण दिलाने की व्यवस्था की जाएगी, ताकि वह बाल यौन हिंसा के मामलों में त्वरित निपटान सुनिश्चित करें। यही नहीं पुलिस विभाग के साथ समन्वय करते हुए ऑनलाइन अभियान चलाया जाएगा, ताकि सामुदायिक तौर पर आमजन को जागरूक व सतर्क किया जा सके। इसके साथ-साथ सरकारी, गैर सरकारी स्कूलों में बच्चों को साइबर क्राइम से बचने के लिए सतर्क रहने के लिए विशेष शिविरों का आयोजन किया जाएगा, ताकि युवाओं को साइबर क्राइम के माध्यम से होने वाले किसी भी खतरे के प्रति पहले ही आगाह किया जा सके और वह अपराध का शिकार होने से बचें।
मंत्री कमलेश ढांडा ने कहा कि जिला बाल संरक्षण अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वह मासिक आधार पर साइबर क्राइम का मासिक आंकड़ा गंभीरता के साथ एकत्रित करें तथा पुलिस विभाग की साइबर सेल के साथ मिलकर बाल यौन शोषण से बचाव की पठनीय सामग्री का अधिक से अधिक प्रचार करवाना सुनिश्चित करें। यही नहीं प्रदेश में सकारात्मक व सक्रिय दृष्टिकोण के साथ साइबर क्राइम पर अधिक से अधिक जागरूकता फैलाने का काम किया जाएगा तथा साइबर क्राइम अपराध के पीड़ितों को जागरूक करने व उनकी तकनीकी व कानूनी तौर पर सहायता करने को लेकर लगातार गंभीरता से काम करने के निर्देश दिए गए हैं।
(हरियाणा की खबरें टेलीग्राम पर भी, बस यहां क्लिक करें या फिर टेलीग्राम पर Punjab Kesari Haryana सर्च करें।)