Edited By Isha, Updated: 31 Dec, 2021 01:06 PM
हिसार से भाजपा विधायक डॉ. कमल गुप्ता और टोहाना से जजपा विधायक देवेंद्र बबली को हरियाणा सरकार में मंत्री बनाए जाने के फैसले को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में एडवोकेट जगमोहन सिंह भट्टी ने चुनौती दी गई है। दायर याचिका कहा गया है कि
चंडीगढ़(चंद्रशेखर धरणी): हिसार से भाजपा विधायक डॉ. कमल गुप्ता और टोहाना से जजपा विधायक देवेंद्र बबली को हरियाणा सरकार में मंत्री बनाए जाने के फैसले को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में एडवोकेट जगमोहन सिंह भट्टी ने चुनौती दी गई है। दायर याचिका कहा गया है कि संविधान के 91 वें संशोधन के तहत राज्य में कैबिनेट मंत्रियों की संख्या विधानसभा के कुल विधायकों की संख्या के 15 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकती है। हरियाणा विधानसभा में विधायकों की कुल संख्या 90 है। ऐसे में संविधान संशोधन के अनुसार कैबिनेट में अधिकतम 13.5 मंत्री हो सकते हैं, जिसके आधार पर इस समय हरियाणा में 14 मंत्री हैं। याचिकाकर्ता का कहना है कि 13.5 की जगह 14 मंत्री भी संविधान संशोधन का उल्लंघन है।
एडवोकेट बोले-लिया गया गैरकानूनी
एडवोकेट जगमोहन भट्टी कहा है कि याचिका में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, कमल गुप्ता, देवेंद्र बबली को प्रतिवादी बनाते हुए सरकार द्वारा दो और मंत्री बनाने के फैसले को गैरकानूनी, तानाशाह पूर्ण, असंवैधानिक और तय प्रावधानों का उल्लंघन बताते हुए दोनों विधायकों की नियुक्ति रद्द करने की मांग की गई है।
हरियाणा सरकार बांट रही है मंत्री पद और कैबिनेट रैंक
याचिकाकर्ता का आरोप है कि हरियाणा सरकार द्वारा जो मंत्री पद और कैबिनेट रैंक बांटे जा रहे हैं, उनका सीधा दबाव जनता पर पड़ रहा है। याचिका में यह भी कहा गया है कि विधायकों को खुश करने के लिए मंत्रियों की संख्या बढ़ाई जा रही है और उनको भुगतान जनता की कमाई से किया जाता है। याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से अपील की है कि तय संख्या से अधिक मंत्री होने के चलते इन अतिरिक्त मंत्रियों को हटाया जाए। साथ ही याचिका लंबित रहने तक उनको मिलने वाले लाभ पर रोक लगाई जाए।
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