Edited By Manisha rana, Updated: 10 Feb, 2024 03:57 PM
मन में जीत का जुनून सवार हो और आदमी दृढ़ इच्छा शक्ति से आगे बढ़े तो उम्र भी कोई मायने नहीं रखती। ऐसा ही कर दिखाया है चरखी दादरी जिले के कादमा निवासी 107 वर्षीय दादी रामबाई ने। उड़नपरी के नाम से प्रसिद्ध दादी रामबाई इस समय हैदराबाद के मैदान पर फर्राटा...
चरखी दादरी (पुनीत) : मन में जीत का जुनून सवार हो और आदमी दृढ़ इच्छा शक्ति से आगे बढ़े तो उम्र भी कोई मायने नहीं रखती। ऐसा ही कर दिखाया है चरखी दादरी जिले के कादमा निवासी 107 वर्षीय दादी रामबाई ने। उड़नपरी के नाम से प्रसिद्ध दादी रामबाई इस समय हैदराबाद के मैदान पर फर्राटा भर रही हैं।
हैदराबाद में आयोजित नेशनल प्रतियोगिता में बुजुर्ग एथलिट रामबाई ने न केवल भागीदारी की है बल्कि हरियाणा का प्रतिनिधित्व कर 2 गोल्ड मेडल हासिल कर साबित कर दिया कि उम्र पर जीत का जज्बा कितना भारी है। वहीं उनकी 65 वर्षीय बेटी संतरा देवी ने भी अलग-अलग स्पर्धाओं में तीन मेडलों पर कब्जा किया है। रामबाई ने अपना पासपोर्ट बनवा लिया है और विदेशी धरती पर सोना जीतकर देश का नाम रोशन करना चाहती है।
दादी रामबाई ने नेशनल प्रतियोगिता में सफलता की हासिल
उम्र 80 के बाद अक्सर बुजुर्ग दूसरों के अधिक हो जाता है और उसके खाना-पानी से लेकर दूसरी दिनचर्या उन्हीं पर निर्भर करती है। लेकिन हैरानी की बात तो यह है कि बुजुर्ग खिलाड़ी ने बिना थके हारे 6 व 7 फरवरी को अलवर में आयोजित नेशनल प्रतियोगिता में सफलता हासिल करने के बाद सीधा हैदराबाद पहुंचकर जीत का सिलसिला बरकरार रखा है। रामबाई हैदराबाद में 8 से 11 फरवरी तक आयोजित पांचवी नेशनल मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें देशभर के विभिन्न राज्यों के खिलाड़ी भाग ले रहे है।
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