Edited By Shivam, Updated: 15 Aug, 2020 06:23 PM
21 साल पहले भारत-पाकिस्तान की लड़ाई के दौरान हरियाणा के लाल नवीन वैद्य ने अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे। उनकी शहादत को अमर बनाने के लिए उनकी पत्नी ने एक सपना देखा था, जो इस स्वतंत्रता दिवस पर पूरा हो पाया है। दरअसल, शहीद नवीन वैद्य की पत्नी की इच्छा...
यमुनानगर (सुमित ओबेरॉय): 21 साल पहले भारत-पाकिस्तान की लड़ाई के दौरान हरियाणा के लाल नवीन वैद्य ने अपने प्राण न्यौछावर कर दिए थे। उनकी शहादत को अमर बनाने के लिए उनकी पत्नी ने एक सपना देखा था, जो इस स्वतंत्रता दिवस पर पूरा हो पाया है। दरअसल, शहीद नवीन वैद्य की पत्नी की इच्छा थी कि उनकी याद में प्रतिमा स्थापित की जाए। प्रतिमा स्थापित करने के लिए शहीद की पत्नी डोली मेहता ने बहुत संघर्ष किया है, अब जाकर उनका सपना साकार हुआ।
शहीद नवीन वैद्य के सम्मान में यमुनानगर के एक सरकारी को स्कूल को उनका नाम दिया गया। उनकी पत्नी डोली चाहती थी कि जिस सरकारी स्कूल का नाम उनके शहीद पति के नाम पर रखा गया है, उसी स्कूल में उनकी प्रतिमा बनवाई जाए। इसके लिए उन्होंने बहुत संघर्ष किया और आज कुछ लोगों की वजह से उनका ये सपना साकार हुआ और शहीद नवीन वैद्य सरकारी स्कूल में प्रतिमा का अनावरण हुआ।
शहीद की वीरांगना डोली मेहता अपने शहीद पति की प्रतिमा के अनावरण पर बेहद भावुक हो गई। उन्होंने कहा कि आज बहुत गर्व महसूस हो रहा है। स्कूल में जो भी बच्चे आएंगे वह देखेंगे कि यह कारगिल शहीद है और उनके नाम को याद रखेंगे। मैं नहीं रहूंगी तो मेरे पोते पोतियां सब देखा करेंगे कि हमारे दादा की फोटो है। मुझे बहुत खुशी हो रही है, मुझे बहुत गर्व होता है। मेरी और मेरे बच्चों की इच्छा थी कि इस स्कूल में इनकी प्रतिमा लगाई जाए। उसके बाद मैंने कुछ लोगों से बात की जिन्होंने मेरा बहुत साथ दिया और इन सब के सहयोग से आज यह कार्य पूर्ण हुआ है।