Edited By Shivam, Updated: 15 Mar, 2019 12:42 PM
कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट पूरे विश्व में विख्यात है। इस सीट का सीधा संबंध धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र यानि महाभारत से है। कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट शुरू में कैथल लोकसभा सीट था और 1977 तक इसका मुख्यालय भी कैथल था। कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट 1977 में...
कैथल ( महीपाल): कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट पूरे विश्व में विख्यात है। इस सीट का सीधा संबंध धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र यानि महाभारत से है। कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट शुरू में कैथल लोकसभा सीट था और 1977 तक इसका मुख्यालय भी कैथल था। कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट 1977 में अस्तित्व में आई। दूसरी से लेकर 5 वीं लोकसभा तक चुनाव कैथल लोकसभा सीट पर हुए।
पूर्व कार्यवाहक प्रधानमंत्री एवं तत्कालीन सांसद गुलजारी लाल नंदा ने इस लोकसभा सीट कैथल का नाम बदलकर कुरुक्षेत्र लोकसभा करवाया और तभी से यह कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट के नाम से जाने जानी लगी। गुलजारी लाल नंदा चौथी 1967-71 और 5वीं लोकसभा 1971-77 तक कैथल सीट से सांसद बने और देश के कार्यवाहक प्रधानमंत्री के पद पर पहुंचे। लोकसभा चुनाव 2019 का आगाज हो चुका है।
राज्य में लोकसभा चुनाव छठे चरण में होगा। इसका सभी राजनीतिक पार्टियों को लाभ होगा पाॢटयों को चुनाव प्रचार के लिए लगभग 2 महीने का समय मिलेगा। इस लोकसभा चुनाव 815 बूथ बनाए जाएंगे। 18 नए बूथ बनाए गए हैं। 53 गांव के बूथ संवेदनशील हैं इन बूथों में कलायत में 99, गुहला में 41, कैथल में 38 व पूंडरी में 18 बूथ शामिल हैं।