Edited By Nisha Bhardwaj, Updated: 14 Apr, 2018 05:16 PM
पानीपत का राजकीय प्राथमिक विद्यालय जो पिछले 40 साल से केवल दो ही कमरों में चल रहा है और यह बिल्डिंग कंडम घोषित हो चुकी है। इसके बावजूद शिक्षा विभाग बच्चों के जीवन से खिलवाड़ कर रहा है और उनको कंडम बिल्डिंग में पढ़ने को मजबूर होना पड़ रहा है। जब...
पानीपत(अनिल कुमार): पानीपत का राजकीय प्राथमिक विद्यालय जो पिछले 40 साल से केवल दो ही कमरों में चल रहा है और यह बिल्डिंग कंडम घोषित हो चुकी है। इसके बावजूद शिक्षा विभाग बच्चों के जीवन से खिलवाड़ कर रहा है और उनको कंडम बिल्डिंग में पढ़ने को मजबूर होना पड़ रहा है। जब जिला शिक्षा अधिकारी धर्मवीर ने स्कूल का दौरा किया तो उन्होंने भी माना कि स्कूल कंडम हो चुका है और बच्चों के बैठने के टाट भी खराब हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि अध्यापक अपना पैसा खर्च कर बच्चों के बैठने लिए टाट की व्यवस्था करेंगे।
एक कमरे में लग रही हैं 2 क्लासें
बच्चों की समस्याएं यहीं खत्म नहीं होती हैं। स्कूल में बच्चों के लिए समस्याओं का अंबार लगा हुआ था। उनके पढ़ने के लिए एक कमरे में 2 क्लासें लग रही हैं।
गंदा पानी पीने को मजबूर बच्चे
बच्चों का कहना है कि साफ पानी नहीं आता वे गंदा पानी पीने को मजबूर है। कहीं भी ठंडे पानी और आरओ की व्यवस्था नहीं है। आने वाली गर्मी में बच्चों को बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है।
लड़कियां-लड़के कर रहे एक शौचालय का इस्तेमाल
पूरे देश भर में शौचालय मुक्त भारत अभियान चला वहीं इसी स्कूल में केवल एक टॉयलेट है। जिसमें लड़के और लड़कियां इकट्ठे इस्तेमाल करते हैं और उन्हें लाइन लगाकर जाना पड़ता हैं। स्कूल में 2 टॉयलेट है लेकिन एक अध्यापकों के लिए है जिनकी हालत बहुत बुरी है।
बर्तन धुलाकर किया जा बच्चों का शोषण
तीसरी समस्या की बात करें तो सरकार ने बर्तन धोने के लिए मिड डे मील वर्कर की व्यवस्था की हुई है लेकिन बच्चों को पढ़ाई छोड़कर बर्तन धोने के लिए मजबूर किया जा रहा है। बच्चों का कहना है कि आंटी कहती हैं कि बर्तन खुद धोने हैं। सरकार बाल मजदूरी पर रोक लगाती हैं वही इस स्कूल में बच्चो से बर्तन धुलाकर उनसे मजदूरी वाला काम करवा कर उनके जीवन के साथ शोषण हो रहा है।
जिला शिक्षा अधिकारी ने भी माना स्कूल की बिल्डिंग कंडम हो चुकी हैं एक कमरे में 2 क्लास चल रही हैं ।बच्चे बर्तन धो रहे हैं पानी पीने की व्यवस्था ठीक नहीं हैं इसके बावजूद भी अधिकारी एक्शन के मूड में नहीं हैं केवल चेतवानी देकर चले जाते हैं।