टॉर्चर से हुई जुनैद की मौत, एसएचओ सहित कई अन्य पुलिसवालों पर मामला दर्ज

Edited By Shivam, Updated: 15 Jun, 2021 02:40 PM

junaid died due to torture case registered against sho and many other policemen

जुनैद की पिटाई मामले में फरीदाबाद क्राइम ब्रांच फरीदाबाद पुलिस थाने के एसएचओ सहित सात नामजद लोगों के अलावा 4-5 अन्य पुलिस जवानों के खिलाफ हत्या की धाराओं में बिछोर थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पत्रकारवार्ता के दौरान नूंह मुख्यालय सुधीर तनेजा...

नूंह (एके बघेल): जुनैद की पिटाई मामले में फरीदाबाद क्राइम ब्रांच फरीदाबाद पुलिस थाने के एसएचओ सहित सात नामजद लोगों के अलावा 4-5 अन्य पुलिस जवानों के खिलाफ हत्या की धाराओं में बिछोर थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पत्रकारवार्ता के दौरान नूंह मुख्यालय सुधीर तनेजा ने जानकारी दी। मुकदमा दर्ज होने के बाद पीड़ित परिवार सहित इलाके के लोगों ने राहत की सांस ली है।

बता दें कि फरीदाबाद क्राइम ब्रांच एसएचओ बसंत, एसआई राजेश कुमार, एसआई सुरजीत, एएसआई नरेंद्र, एएसआई जावेद, नरेश हवलदार, दलबीर हवलदार के अलावा चार-पांच अन्य जवान तीन गाडिय़ों में सवार होकर आए थे और जुनैद के अलावा 4-5 अन्य लोगों को सुनहेड़ा बॉर्डर से शाम करीब 6 बजे उस समय उठा लिया था, जब वह बारात से वापस अपने गांव लौट रहे थे।

शिकायतकर्ता खतीजा निवासी जलालगढ़ ने बिछोर पुलिस को दी गई शिकायत में कहा कि फरीदाबाद क्राइम ब्रांच की टीम ने गत 31 मई को जुनैद इत्यादि को उठा लिया था, जिनमें नदीम पुत्र साकिर निवासी नई भी शामिल था और यह सभी वैन्यू गाड़ी में सवार थे। गत 1 जून को इरशाद इत्यादि जुनैद को छुड़ाने के लिए फरीदाबाद गए, तो जुनैद को छोडऩे की एवज में 70 हजार लिए गए, बाकि पकड़े गए लोगों को भी रिश्वत लेकर छोडऩे का आरोप लगाया जा रहा है। 

शनिवार को पुन्हाना तथा जमालगढ़ में रोड को जाम करने वाली भीड़ जुनैद मौत मामले में एसआईटी के गठन सहित दोषी पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग कर रही थी। उसी दौरान भीड़ ने गुस्से में पुलिस पीसीआर को आग के हवाले कर दिया था। साथ ही पुलिसकर्मियों पर पथराव व हाथापाई की गई थी, जिसमें पुन्हाना चौकी प्रभारी हरदेव व एक अन्य पुलिस जवान घायल हो गया। इस घटना से इलाके में लगातार तनाव बढ़ रहा था। पुन्हाना पुलिस ने पुलिस पीसीआर को आग के हवाले करने वाले उपद्रवियों पर 58 नामजद व 100-150 अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए 8 लोगों को गिरफ्तार कर लिया था। 

उसके बाद मेवात पुलिस पर सवाल उठ रहे थे कि स्थानीय लोगों के खिलाफ तो मुकदमा दर्ज कर लिया गया, लेकिन जुनैद को मौत के घाट उतारने वाले पुलिस अधिकारी व कर्मचारियों पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिसके बाद पुलिस कप्तान नरेंद्र सिंह बिजारनिया ने मामले की गंभीरता को देखते हुए साइबर क्राइम फरीदाबाद एसएचओ बसंत के अलावा मामले में मुख्य आरोपी राजेश एसआई सहित सात नामजद व चार-पांच अन्य लोगों के खिलाफ भादस की धारा 302, 342, 34 आईपीसी के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। हालांकि अभी तक किसी आरोपी की इस मामले में गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। 

पीड़ित खतीजा का कहना है कि जब पुलिस ने जुनैद को इरशाद के कहने पर छोड़ा तो उनसे कोरे कागजों पर ना केवल हस्ताक्षर कराए, बल्कि एसआई राजेश ने धमकी भरे लहजे में कहा कि अगर पुलिस के खिलाफ कार्रवाई की या जुनैद का मेडिकल कराया तो सारे परिवार का जुनेद जैसा हाल ही कर दूंगा। महिला ने कहा की गत 11 जून को एसडीएम रणवीर सिंह पुन्हाना के आदेश पर सीएचसी पुन्हाना से जुनैद का मेडिकल कराया गया। 

जुनैद की नाजुक हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे अल आफिय़ा सामान्य अस्पताल मांडीखेड़ा रेफर कर दिया, लेकिन वहां पर फिरोजपुर झिरका में कार्यरत डिप्टी सीएमओ साहू की मौत हो जाने की वजह से जुनैद का इलाज नहीं हो सका। उसके बाद परिजन उसे इलाज के लिए निजी अस्पताल ले गए, परंतु वहां भी जब जुनैद की हालत बिगडऩे लगी तो उसे होडल ले जाया गया, लेकिन वहां पहुंचने से पहले ही जुनैद ने रास्ते में दम तोड़ दिया। 

जैसे ही जुनैद के मौत की खबर जमालगढ़ गांव के अलावा आसपास के गांवों में पहुंची तो सोशल मीडिया के माध्यम से जमालगढ़ गांव में भीड़ जुटने लगी। पहले तो भीड़ ने पुन्हाना जमालगढ़ रोड को जाम कर दिया, उसके बाद पुलिस व प्रशासन के अधिकारियों के समझाने पर लोगों ने जाम खोला और शव को पुन्हाना होते हुए बिछोर थाना ले जाने लगे, लेकिन गुस्साई भीड़ ने पुन्हाना शहर में जाम लगा दिया। इस दौरान भीड़ ने पुलिस की जिप्सी को आग लगा दी तथा पुलिस जवानों पर न केवल पथराव किया बल्कि हाथापाई तक की नौबत भी आ गई। जिसके बाद पुन्हाना शहर की शांति व्यवस्था भंग होने लगी। 

हालात बिगड़ते देख एसपी नरेंद्र सिंह बिजारनिया पहुंचे और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया गया। इसी दौरान 8 लोगों को हिरासत में भी लिया गया। कुल मिलाकर फरीदाबाद पुलिस पर अब हत्या की धाराओं सहित मुकदमा दर्ज हो गया है, जिससे उनकी मुसीबत बढ़ गई है। सूत्र तो यहां तक दावा कर रहे हैं कि साइबर क्राइम फरीदाबाद थाने में कार्यरत एसआई राजेश का इस तरह का यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी वह विवादों में रहा है और पिटाई की वजह से पहले भी कई लोग काल के गाल में समा चुके हैं। जुनैद मामले की अगर एसआईटी का गठन कर निष्पक्ष व त्वरित जांच की जाए, तो एसआई राजेश सहित साइबर क्राइम फरीदाबाद द्वारा कानून को ताक पर रख की जा रही कार्रवाई का खुलासा जमाने के सामने हो सकता है। 

आरोपी पुलिस अधिकारी व कर्मचारियों के खिलाफ मेवात पुलिस ने अब शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। अभी भी इलाके के लोग जुनैद मामले की जांच एसआईटी से कराने की मांग लगातार कर रहे हैं। मेवात जिले के लोगों की दो मांगो पर पूरी तरह से अमल हो चुका है। जिनमें बोर्ड से वीडियोग्राफी की मदद से पोस्टमार्टम कराना, दूसरा दोषी पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों पर मुकदमा दर्ज करना शामिल हैं। 

इसके अलावा एसआईटी का गठन कर मामले की निष्पक्ष व त्वरित जांच कराना शामिल है, जिस पर अभी कोई अमल नही हुआ है। पुन्हाना पुलिस को अभी भी जुनैद की पोस्टमार्टम रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में क्या कुछ निकल कर सामने आता है। इसके लिए सोमवार तक इंतजार करना पड़ सकता है, लेकिन मुकदमा दर्ज होने के बाद अब खाकी वर्दी पहन कर लोगों के साथ मनमानी करने वाले साइबर क्राइम फरीदाबाद स्टाफ पर मुसीबतों का पहाड़ टूट सकता है।

 

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