गांव में ठेका नहीं चाहते तो जमा करवाएं रैजुलेशन

Edited By vinod kumar, Updated: 31 Dec, 2019 12:39 PM

if you do not want liquor shop in the village then submit a regulation

गांव में शराब ठेका नहीं चाहते तो ग्रामीण रैजुलेशन जमा करवा सकते हैं। एक्साइज विभाग ने इसकी अंतिम तारीख 31 दिसम्बर निर्धारित कर रखी है। यानी आज अंतिम दिन है। इसके बाद 15 जनवरी तक ग्राम सभा में शराब के ठेके के विरोध में प्रस्ताव पास कर विभाग में देना...

करनाल(मनोज): गांव में शराब ठेका नहीं चाहते तो ग्रामीण रैजुलेशन जमा करवा सकते हैं। एक्साइज विभाग ने इसकी अंतिम तारीख 31 दिसम्बर निर्धारित कर रखी है। यानी आज अंतिम दिन है। इसके बाद 15 जनवरी तक ग्राम सभा में शराब के ठेके के विरोध में प्रस्ताव पास कर विभाग में देना होगा। इस पर विभाग के अधिकारी इस पर मंथन करेंगे। गांव में जाकर सर्वे भी करेंगे। देखेंगे कि क्या वाकई शराब के ठेके की वजह से ग्रामीणों को परेशानी हो रही है।

ठेके के कारण कितना क्राइम बढ़ा है। सरकार ने आबकारी एवं कराधान की नई पॉलिसी के तहत इसका प्रावधान किया है। विभाग के पास सोमवार दोपहर तक जिलेभर से 27 रैजुलेशन आ चुके हैं। अधिकारियों के अनुसार अंतिम दिन ऐसे आवेदनों की संख्या में और इजाफा होगा। 

ठेकों के विरोध में महिलाएं 
विभाग के पास सोमवार तक कुल 27 रैजुलेशन पहुंचे। ग्रामीण एरिया के शराब के ठेकों का अधिक विरोध हो रहा है। खासकर देहात की महिलाएं नहीं चाहती कि उनके गांव में शराब के ठेके खोले जाएं। 
महिलाओं के कई गु्रप विभाग के अधिकारियों से मिल भी चुकी हैं। इसके अलावा कुछ संस्थाओं ने भी ठेके बंद करने के लिए प्रस्ताव भेजा है। इन सभी पर विभागीय अधिकारी मंथन करेंगे।  

सोमवार तक इनके रैजुलेशन आए 
डाबरथला, दविपुर, रामरंग, जयशक्ति महिला, बस्ताड़ा, कैरवाली, संजयनगर, अमृतपुर, कुटेल, चोचड़ा, दुपेडी, डबरकी, खोराखेड़ी, पिंगली, शेखपुरा जागीर, टपराना, गंजोगढ़ी, भूसली, संगोहा, सालवन, दनियालपुर, बहलोलपुर, औंगद, बीवीपुर ब्राöान, पस्ताना, बरसालू और नगला रोड़ान सहित 27 रैजुलेशन अब तक आ चुके हैं।  

इस साल 168 करोड़ की आमदनी 
जिले में शराब के कुल 22 जोन हैं। मेन बैंड 121 हैं। जबकि सब बैंड 80 हैं। इसके अलावा तीन एल-1 और चार एल-13 भी हैं। विभागीय आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2018-19 में शराब के ठेकों से विभाग को 149 करोड़ की आमदनी हुई थी। वर्ष 2019-20 में रेवैन्यू का यह आंकड़ा और बढ़ गया। मौजूदा वित्त वर्ष में शराब के ठेकों से विभाग ने 168 करोड़ रुपए जुटाए हैं।  

क्या है नई नीति 
18 नवम्बर को मंत्रिमंडल की बैठक में वैधानिक तौर पर फैसला लिया गया था। इसके अनुसार शराब की बिक्री रोकने के लिए 31 दिसम्बर तक प्रस्ताव पारित करना होगा। बहुमत से पास कर इसकी पुष्टि ग्राम ग्राम सभा में करवाकर 15 जनवरी तक इसे विभाग में जमा करवाना होगा।   

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