2022 के खराबे का नाममात्र मुआवजा हुआ जारी, हजारों के खराबे के बदले 6-6 रुपये दे रही सरकार: हुड्डा

Edited By Isha, Updated: 21 Mar, 2024 06:06 PM

hooda target haryana goverment about compensation

पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सरकार से जल्द सरसों की खरीद शुरू करने और किसानों को बकाया मुआवजा देने की मांग उठाई है। हुड्डा का कहना है कि मंडियों में फसल की आवक शुरू हो चुकी है। लेकिन सरकार 26 मार्च

चंडीगढ़(चन्द्र शेखर धरणी):  पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सरकार से जल्द सरसों की खरीद शुरू करने और किसानों को बकाया मुआवजा देने की मांग उठाई है। हुड्डा का कहना है कि मंडियों में फसल की आवक शुरू हो चुकी है। लेकिन सरकार 26 मार्च से खरीद शुरू करने की बात कह रही है। जबकि तैयारियों को देखकर यह भी होता संभव नजर नहीं आ रहा। क्योंकि एक बार फिर सरकार किसानों को पोर्टल के जंजाल में फंसाना चाहती हैं। 

 

“मेरी फसल मेरा ब्यौरा” पार्टल पर 9.25 लाख किसानों ने 61.45 लाख एकड़ का पंजीकरण करवाया है। लेकिन इसमें से 10.40 लाख एकड़ रकबे का रिकॉर्ड मिसमैच है। जब तक यह खामी दूर नहीं होती, तब तक सरकार किसानों की फसल नहीं खरीदेगी। यानी सरकार की गलती का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ेगा। कांग्रेस सरकार से बिना देरी के सरसों की खरीद शुरू करने और गेहूं की आवक के लिए पहले से ही तमाम तैयारियां को पूरी करने की मांग करती है। 

 

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सरकार से किसानों को बकाया मुआवजा देने की मांग भी दोहराई। उन्होंने कहा कि अब तक सरकार ने ना बाढ़ पीड़ित किसानों को मुआवजा दिया और ना ही पिछले दिनों हुई ओलावृष्टि के नुकसान की भरपाई की। कई साल से किसान इंतजार में बैठे हैं। जैसे तैसे बीजेपी ने 2022 के खराबे का नाममात्र मुआवजा रिलीज किया गया है। उसमें भी बड़े स्तर पर खामियां हैं। जिन किसानों की पूरी फसल बर्बाद हो गई, उन्हें 6-6 रुपए का मुआवजा दिया जा रहा है।   कई जगह से किसानों की ऐसी शिकायतें आई हैं, जहां किसानों ने खराबे के मुकाबले बेहद कम मुआवजे मिलने की शिकायत की है।

 

हुड्डा ने सवाल उठाया कि अगर सरकार को मुआवजा ही नहीं देना था तो फिर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का क्या औचित्य है? इस योजना के जरिए सरकार द्वारा सिर्फ बीमा कंपनियों को लाभ क्यों पहुंचा जा रहा है? बीमा कंपनियां इस योजना के जरिए देश में 57,000 करोड़ का लाभ कमा चुकी हैं जबकि किसान पाई-पाई के लिए तरस रहे हैं। इस सरकार ने किसान को बर्बाद की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है। कांग्रेस किसानों की हालत सुधारने के लिए प्रतिबद्ध है।

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