हुड्डा ने बढ़ती बेरोजगारी के लिए बीजेपी-जेजेपी सरकार की नीतियों को बताया जिम्मेदार

Edited By vinod kumar, Updated: 13 Jul, 2021 09:08 PM

hooda blamed the policies of bjp jjp government for rising unemployment

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा ने प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी के लिए बीजेपी-जेजेपी सरकार को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा लगातार बेरोजगारी के मामले में पूरे देश में टॉप कर रहा है। सीएमआईई द्वारा जारी जून...

चंडीगढ़ (धरणी): हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा ने प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी के लिए बीजेपी-जेजेपी सरकार को जिम्मेदार बताया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा लगातार बेरोजगारी के मामले में पूरे देश में टॉप कर रहा है। सीएमआईई द्वारा जारी जून महीने की रिपोर्ट ने भी तस्दीक की है कि हरियाणा 27.9% बेरोजगारी दर के साथ एकबार फिर टॉप पर है। हरियाणा की बेरोजगारी दर राष्ट्रीय औसत से लगभग 3 गुना ज्यादा है। बेरोजगारी के मामले में हरियाणा, बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों से भी आगे हैं।

हुड्डा ने कहा कि बीजेपी सरकार के नकारेपन की वजह से 7 साल के दौरान एक के बाद एक हरियाणा से कई बड़े प्रोजेक्ट दूसरे राज्यों में जा रहे हैं। महम एयरपोर्ट और सोनीपत की रेल कोच फैक्ट्री दूसरे राज्य में चले गए और प्रदेश सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी रही। कांग्रेस कार्यकाल में रोहतक, नूंह, खरखौदा और फरीदाबाद में स्थापित की गई आईएमटी के विकास की तरफ सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया। इस सरकार में प्रदेश में औद्योगिक विकास एवम रोजगार की तमाम संभावनायें रुक सी गई है।

उन्होंने कहा कि उनके मुख्यमंत्री रहते हरियाणा ने औद्योगिक क्षेत्र में ऐतिहासिक तरक्की की थी। प्रति व्यक्ति आय और प्रति व्यक्ति निवेश में नबर एक था। उस दौरान राष्ट्रीय स्तर की परियोजनाएं हरियाणा में स्थापित हुई थीं। प्रदेश का औद्योगिक क्षेत्र में हरियाणा समेत देशभर के लाखों लोगों को रोजगार देने में सक्षम हुआ। लेकिन मौजूदा सरकार की नीतियों के चलते यह उद्योग हरियाणा से लगातार पलायन कर रहा है। मारुति समेत कई बड़ी कंपनियां अब हरियाणा की बजाए गुजरात या उत्तर प्रदेश में विस्तार कर रही हैं। सरकार द्वारा पंचकूला स्थित एचएमटी जैसी बड़ी परियोजनाओं को बंद किया जा रहा है। उसका विपरित असर उसकी सहयोगी एंसिलरी की फैक्ट्रियों पर भी पड़ा । जो सभी अब बंद हो गई।

इतना ही नहीं इस सरकार की ज्यादातर सरकारी भर्तियां लटकी हुई हैं। ऊपर से सितम ये कि निजी क्षेत्र में निवेश भी घटता जा रहा है। इसलिए युवाओं के लिए सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में रोजगार के अवसर खत्म होते जा रहे हैं। अगर बेरोजगारी के मसले पर प्रदेश सरकार गंभीर नहीं हुई तो आने वाले समय में ये और विकराल रूप अख्तियार कर लेगी।
 

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