Edited By Shivam, Updated: 28 Dec, 2021 09:02 PM
नीति आयोग द्वारा जारी हेल्थ इंडेक्स में बेहतर स्वास्थ्य प्रणालियों के ओवरऑल प्रदर्शन में हरियाणा आगे रहा है। हरियाणा ने बेस वर्ष 2018-19 के रैंक को 2019-20 में भी बरकरार रखा है। हरियाणा एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां स्टाफ नर्सों की कमी नहीं थी। हरियाणा...
चंडीगढ़ (धरणी): नीति आयोग द्वारा जारी हेल्थ इंडेक्स में बेहतर स्वास्थ्य प्रणालियों के ओवरऑल प्रदर्शन में हरियाणा आगे रहा है। हरियाणा ने बेस वर्ष 2018-19 के रैंक को 2019-20 में भी बरकरार रखा है। हरियाणा एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां स्टाफ नर्सों की कमी नहीं थी। हरियाणा ने अपने पूरे स्टाफ को आईटी एनेबल्ड एचआरएमआईएस से कवर किया है। वहीं जिला, उप-जिला अस्पताल, पीएचसी गुणवत्ता मान्यता सुधार के मामले में भी हरियाणा अग्रणी राज्यों में से एक है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में राज्य सरकार लगातार स्वास्थ्य ढांचे को सुदृढ़ करने में जुटी हुई है। प्रदेश में डॉक्टरों की मांग को पूरा करने के लिए हर जिले में एक मेडिकल कॉलेज खोलने की प्रक्त्रिया जारी है। हर वर्ष 2500 डॉक्टर तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है और इसके लिए एमबीबीएस की सीटें बढ़ाकर 1685 की गई हैं, जो 2014 में 700 थीं। एमबीबीएस की सीटों के साथ-साथ लगभग 600 सीटें पीजी कोर्स की भी बढ़ाई गई हैं।
हरियाणा को केन्द्र सरकार से भी मेडिकल क्षेत्र में सहयोग मिल रहा है। झज्जर जिला के बाढ़सा में राष्ट्रीय कैंसर संस्थान स्थापित किया गया है। इसके अलावा, रेवाड़ी में एम्स तथा पंचकूला में आयुर्वेद का एम्स बनाने की प्रक्रिया जारी है। अन्य विभागों की तुलना में शिक्षा व स्वास्थ्य विभाग को बजट आबंटन में प्राथमिकता दी जा रही है। अन्य विभागों के वार्षिक बजट में 5-7 प्रतिशत की वृद्धि की जाती है जबकि शिक्षा व स्वास्थ्य विभाग के बजट में 12-15 प्रतिशत की वृद्धि होती है।
कोरोना की पहली व दूसरी लहर पर काबू पाने में भी हरियाणा के स्वास्थ्य विभाग ने बेहतर कार्य किया है। कोरोना की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की मांग को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीम ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए लगातार प्रयास कर रही है। अब आदेश जारी किए गए हैं कि 50 से अधिक बेड वाले अस्पताल चाहे वे सरकारी हों या निजी, सभी को ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए पीएसए प्लांट लगाना अनिवार्य होगा।
उल्लेखनीय है कि हेल्थ इंडेक्स को केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और विश्व बैंक के सहयोग से नीति आयोग द्वारा जारी किया जाता है। इसमें समग्र स्तरों पर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की परफार्मेंस और वृद्धिशील सुधार की वार्षिक रैंकिंग की जाती है।
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