Edited By Deepak Kumar, Updated: 22 Jul, 2025 11:57 AM
हरियाणा में भारी बारिश के कारण प्रदेश भर में करीब 55 हजार एकड़ से अधिक क्षेत्र में जलभराव हो गया है, जिससे फसलों को व्यापक नुकसान पहुंचा है।
डेस्कः प्रदेश में तीन दिन तक सुस्त रहने के बाद मानसून एक बार फिर मंगलवार से सक्रिय हो गया है। सोमवार को भी राज्य के छह जिलों में बारिश दर्ज की गई, जबकि मंगलवार को पांच जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। इसके अलावा अन्य सभी जिलों में भी बारिश की संभावना बनी हुई है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार 21 जुलाई की रात से प्रदेश में मानसून दोबारा सक्रिय हुआ है। हवा में बढ़ी नमी के चलते आगामी दिनों में तेज बारिश की संभावना जताई गई है।
55,000 एकड़ से अधिक फसल जलभराव से प्रभावित
दूसरी ओर भारी बारिश के कारण प्रदेश भर में करीब 55 हजार एकड़ से अधिक क्षेत्र में जलभराव हो गया है, जिससे फसलों को व्यापक नुकसान पहुंचा है। प्रदेश के हिसार, सिरसा, यमुनानगर, झज्जर, कुरुक्षेत्र, फतेहाबाद, भिवानी और रोहतक आदि जिलों के खेतों में पानी भरा है। इसे किसान निकाल रहे हैं। कुछ जगह पर तो किसानों ने कपास की फसल पर ट्रैक्टर भी चला दिए।
इन जिलों में फसल हुई खराब
यमुनानगर: पांच गांवों में 500 एकड़ से अधिक धान की फसल खराब हुई और दोबारा रोपाई करनी पड़ी।
झज्जर: करीब 12,000 एकड़ फसल जलभराव से प्रभावित हुई।
कुरुक्षेत्र: 800 एकड़ से अधिक फसल जलभराव की चपेट में आई।
फतेहाबाद: 1,800 एकड़ में जलभराव।
हिसार: करीब 7,000 एकड़ फसल प्रभावित।
भिवानी: 12,000 एकड़ में जलभराव, जिसमें से 7,000 एकड़ से पानी निकाला जा चुका है, पंपसेट लगाए गए हैं।
रोहतक: करीब 19,000 एकड़ फसल पर जलभराव।
सिरसा: आठ गांवों में 2,000 एकड़ में फसल पूरी तरह खराब, किसानों ने ट्रैक्टर चलाकर नष्ट की।
ग्वार और मूंगफली की फसलें खराब
सिरसा के किसान अशोक कुमार कासनियां, प्रदीप कुमार, मनीष, राजेश सहारण, मुकेश नंबरदार और भरत सिंह ने बताया कि लगातार पानी भरे रहने के कारण नरमा, ग्वार और मूंगफली की फसलें खराब हो गईं। मजबूरी में किसानों को ट्रैक्टर चलाकर फसल नष्ट करनी पड़ी।
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