हरियाणा में युवक-युवती बनेंगे साधु-साध्वी, गुरुओं को देखकर ऐसा जीवन जीने की जागी इच्छा

Edited By Isha, Updated: 22 Feb, 2024 04:40 PM

haryana news panipat anshika suraj jain sadhu sadhvi diksha samaroh

पानीपत में 16 साल की अंशिका और 21 साल के सूरज पंडित गुरुओं से दीक्षा लेकर साधु और साध्वी बन गए हैं। दोनों ने गुरुवार को पानीपत की श्री एसएस जैन सभा गांधी मंडी में दीक्षा ग्रहण कर आम जीवन को त्याग कर गुरुओं में शरण मे चले गए हैं। साधु और साध्वी बनने...

पानीपत(सचिन): पानीपत में 16 साल की अंशिका और 21 साल के सूरज पंडित गुरुओं से दीक्षा लेकर साधु और साध्वी बन गए हैं। दोनों ने गुरुवार को पानीपत की श्री एसएस जैन सभा गांधी मंडी में दीक्षा ग्रहण कर आम जीवन को त्याग कर गुरुओं में शरण मे चले गए हैं। साधु और साध्वी बनने से पहले कार्यकर्म सूरज पंडित दूल्हे की और अंशिका दुल्हन की सजाया गया था। वहीं गुरुओं की दीक्षा लेने के बाद दोनों ने अपने वस्त्र त्याग दिए और साधु साध्वी की वेश भूषा धारण की। दीक्षा लेने से पहले सूरज पंडित और अंशिका ने अपने अब तक के जीवन को लोगों के साथ सांझा किया और लोगों को बताया कि कैसे और किन गुरुओं से प्रभावित होकर उन्होंने साधु बनने का फैसला लिया।


उत्तरप्रदेश के रहने वाले सूरज ने अपने जीवन के बारे में बताते हुए कहा की वह पंडित घराने से हैं। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के दुरगुडवा गांव के रहने वाले हैं। पिता विसराम पंडित और मां सुनीता पंडित हैं। पिता खेतीबाड़ी का काम करते हैं। गांव में उन्होंने 12वीं कक्षा तक पढ़ाई की। दिल्ली में पहली बार जैन संत ओजस्वमी वक्ता रमेश मुनि महाराज को देखा। उनके मन में पहला ही प्रश्न था कि जैन संत मुंह क्यों ढक कर रखते हैं, बोलते कैसे हैं। फिर उन्होंने इसी मार्ग पर चलने की इच्छा जाहिर की।

वहीं अंशिका ने अपने शानदार संबोधन में अपने जीवन के बारे में बताते हुए कहा कि वह दिल्ली की रहने वाली है। वह माता-पिता के साथ गुरुओं के दर्शन करने पानीपत आई थी। यहां गुरुओं को देखकर ऐसा ही जीवन जीने की इच्छा मन में जागी और फिर माता-पिता को भी मनाया।अंशिका का जन्म दिल्ली के द्वारिका में हुआ था। वह 16 वर्ष की आयु में संसार की सुख-सुविधाओं को त्याग रही हैं। उनके पिता सुभाष बंसल दिल्ली में प्राइवेट नौकरी करते हैं। परिवार में उनकी मां, एक भाई व दो बहनें हैं। अंशिका परिवार के साथ गुरु के दर्शनों के लिए जाती थीं। 4 वर्ष पहले गुरु दर्शनों के लिए पानीपत आई तो उसे ऐसे लगा जैसे सबकुछ मिल गया हो। उसने माता-पिता को यह इच्छा जताई। फिर श्रमणी गौरव महासाध्वी शक्ति प्रभा के चरणों में बच्ची को अर्पण कर दिया।

सूरज और अंशिका लगभग 4 वर्षों से जैन धर्म की शिक्षाओं का अनुसरण कर रहे हैं। अंशिका को दीक्षा दिलवाने और गुरुओं की शरण मे अंशिका को सौंपने के लिए अंशिका का पूरा परिवार पानीपत में कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचा था। अंशिका ने लोगों और गुरुओं को संबोधित करते हुए अपने परिवार के एक एक सदस्य के बारे में बताया और कैसे उन्होंने साध्वी बनने के लिए घर वालों को मनाया । बता दे कि इससे पहले बुधवार को मंगल मेहंदी आलेखन का मांगलिक कार्यक्रम हुआ। सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति प्रसिद्ध गायक महाराष्ट्र के तरुण मोदी ने सभी को संगीत लहरी से सराबोर कर दिया।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!