बजट सत्र के अंतिम दिन नौ विधेयक किए गएपारित, क्या हुई घोषणाएं, देखें दिनभर की पूरी जानकारी

Edited By Isha, Updated: 28 Feb, 2024 05:58 PM

haryana legislative assembly nine bills were passed today

हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के अंतिम दिन आज नौ विधेयक पारित किए गए। इनमें हरियाणा ट्रैवल एजेंटों का पंजीकरण और विनियमन विधेयक, 2024, हिसार महानगर विकास प्राधिकरण विधेयक, 2024, हरियाणा निजी कोचिंग संस्थानों का पंजीकरण और विनियमन विधेयक, 2024, हरियाणा

 चंडीगढ़ (चन्द्र शेखर धरणी):   हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र के अंतिम दिन आज नौ विधेयक पारित किए गए। इनमें हरियाणा ट्रैवल एजेंटों का पंजीकरण और विनियमन विधेयक, 2024, हिसार महानगर विकास प्राधिकरण विधेयक, 2024, हरियाणा निजी कोचिंग संस्थानों का पंजीकरण और विनियमन विधेयक, 2024, हरियाणा पिछड़े वर्ग (सेवाओं तथा शैक्षणिक संस्थाओं में दाखिले में आरक्षण) संशोधन विधेयक, 2024, हरियाणा विनियोग (संख्या 1) विधेयक,2024, हरियाणा विनियोग (संख्या 2) विधेयक,2024, हरियाणा राज्य खेल संघ (पंजीकरण और विनियमन) विधेयक, 2024, हरियाणा परियोजना भूमि समेकन (विशेष उपबंध) संशोधन विधेयक, 2024 तथा हरियाणा शव का सम्मानजनक निपटान विधेयक, 2024, शामिल हैं।

हरियाणा ट्रैवल एजेंटों का पंजीकरण और विनियमन विधेयक, 2024

ट्रैवल एजेंटों की पारदर्शिता, उत्तरदायित्व, अखण्डता सुनिश्चित करने और उनकी अवैध और कपटपूर्ण गतिविधियों की जांच करने और अंकुश लगाने, हरियाणा राज्य के निवासियों के हितों की रक्षा करने के लिए ढांचा स्थापित करने और उससे सम्बन्धित या उसके आनुषंगिक मामलों के लिए विधेयक, हरियाणा ट्रैवल एजेंटों का पंजीकरण और विनियमन अधिनियम, 2024 कहा जाएगा।

हरियाणा के निर्दोष और बेरोजगार युवाओं को नाजायज तरीकों से बड़े पैमाने पर अवैध अप्रवास के जाल में फंसाया जा रहा है। बेईमान और अपंजीकृत ट्रैवल एजेंट ऐसे व्यक्तियों को विदेशों में आसान और त्वरित आप्रवासन का वादा करके धोखा देते हैं। ये एजेंट विदेशों में विश्वविद्यालयों और कॉलेजों से प्रस्ताव पत्र के जरिए वर्क वीजा, वर्क परमिट, स्टडी वीजा की व्यवस्था करने का वादा करते हैं, लेकिन कई मामलों में, वे अपने वादे पूरे करने में विफल रहते हैं। कई मामलों में, ये एजेंट नकली प्रस्ताव पत्र प्रदान करते हैं और कभी-कभी नकली या गैर-मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या कॉलेज भी बनाते हैं। वे अत्यधिक फीस वसूलते हैं और विभिन्न चरणों में बड़ी रकम की मांग करते हैं। कई बार ये एजेंट निर्दोष व्यक्तियों को अवैध तरीके से विदेश भेज देते हैं और ऐसे लोगों को उन देशों की पुलिस पकडक़र सलाखों के पीछे डाल देती है, इसलिए ऐसे ट्रैवल एजेंटों की अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने की सख्त जरूरत है।

जनता के व्यापक हित में, एक कानून यानी ‘हरियाणा ट्रैवल एजेंटों का पंजीकरण और विनियमन अधिनियम, 2024’ जो कि ट्रैवल एजेंटों की गैरकानूनी और धोखाधड़ी वाली गतिविधियों की जांच एवं निगरानी करने, ऐसे लोगों को दंडित करने, कानून के अनुसार गलत काम करने वालों के लिए एक तंत्र की स्थापना करेगा और उससे जुड़े या उसके आनुषंगिक मामलों के लिए यह आवश्यक है।

हिसार महानगर विकास प्राधिकरण विधेयक, 2024

रोजगार के अवसर उत्पन्न करने के माध्यम से निवासियों को जीवन की गुणवत्ता और उचित जीविका स्तर उपलब्ध करवाने के माध्यम से हिसार महानगर क्षेत्र के निरन्तर, स्थायी तथा संतुलित विकास के लिए विजन विकसित करने हेतु, एकीकृत और समन्वित योजना, अवसंरचना विकास की व्यवस्था के लिए तथा नगरीय सुख-सुविधाओं, गतिशीलता प्रबन्धन, नगरीय पर्यावरण और सामाजिक, आर्थिक तथा औद्योगिक विकास के स्थायी प्रबन्धन के उपबन्ध करने हेतु, तेजी से बढ़ रही नगर बस्तियों के रूप में हिसार के आविर्भाव के संदर्भ में स्थानीय प्राधिकरणों के समन्वय में नगरीय सुशासन और वितरण ढांचे को पुन:परिभाषित करने हेतु, उक्त प्रयोजन के लिए और उससे सम्बन्धित और उसके आनुषंगिक मामलों के लिए वैधानिक प्राधिकरण स्थापित करने हेतु, हिसार महानगर विकास प्राधिकरण विधेयक, 2024 पारित किया गया है।

हिसार महानगर क्षेत्र के त्वरित तथा आर्थिक विकास के लिए केन्द्र के रूप में इसके आविर्भाव ने शहरी शासन, अवसंरचना अभाव, विकेंद्रित निर्णय तथा स्वतन्त्र रूप से सृजित नगर क्षेत्र की चुनौतियाँ प्रस्तुत की हैं, जिन्हें यदि नजर अंदाज किया जाता है तो हिसार के नागरिकों के जीवन का स्वरूप तथा कल्याण प्रभावित हो सकता है। इस विकास ने समेकित शहरी योजना तथा अवसंरचना विकास में अन्तर पैदा किया है। एक महानगर के रूप में हिसार के आविर्भाव से शहरी पर्यावरण की गतिशीलता तथा संपोषण क्षमता की समस्यायें सामने आई हैं जो कि विधिक रूप से परिभाषित शहर की सीमाओं से बाहर है।

हिसार महानगर क्षेत्र के प्रशासन के लिए वर्तमान विधिक व्यवस्था में विभिन्न कमियां है जिन्हें सही किये जाने की आवश्यकता है। विभिन्न विभागों के बीच विचार विमर्श उपरान्त निर्बाध तथा समेकित विकास संरचना की आवश्यकता को महसूस किया गया है ताकि स्थानीय स्तर पर प्रशासकीय तथा वित्तीय सरंचनाओं में कार्यात्मक सशक्तिकरण के अलावा कार्यात्मक तथा संचालन संबंधी जिम्मेदारियों में परस्पर व्यापन से बचा जा सके।

भारत के महानगर विकास प्राधिकरणों के विभिन्न माडलों का अध्ययन करने उपरान्त, हिसार महानगर विकास प्राधिकरण की स्थापना द्वारा समन्वित तथा समेकित शहरी शासन हेतु एक विधिक संरचना स्थापित करने का विचार किया गया है।

हिसार महानगर विकास प्राधिकरण द्वारा निवासियों के जीवन के स्वरूप तथा युक्तियुक्त जीवन तथा समन्वित योजना, अवसंरचना विकास तथा मुहैया कराने, समेकित शहरी सुख सुविधाओं को मुहैया कराने, गतिशीलता प्रबन्धन, शहरी पर्यावरण तथा सामाजिक, आर्थिक तथा औद्योगिक विकास का जारी रखने योग्य प्रबन्धन के माध्यम से हिसार महानगर क्षेत्र के सतत् दीर्घकालीन तथा सन्तुलित विकास के दृश्य को विकसित करना प्रस्तावित किया है। हिसार के शहरी समूहकरण के रूप में तीव्र विकास के मद्देनजर, यह शहरी शासन तथा उसके प्रतिपादन संरचना को स्थानीय निकायों के समन्वय से पुन: परिभाषित करने का प्रयास करेगा।

 

हरियाणा निजी कोचिंग संस्थानों का पंजीकरण और विनियमन विधेयक, 2024

उच्चतर अध्ययनों, नौकरियों और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु कोचिंग उपलब्ध करवाने वाले निजी कोचिंग संस्थानों को पंजीकृत और विनियमित करने हेतु तथा इससे सम्बन्धित और उसके आनुषंगिक मामलों के लिए, हरियाणा निजी कोचिंग संस्थानों का पंजीकरण और विनियमन विधेयक, 2024 पारित किया गया है।

एक कल्याणकारी राज्य होने के नाते, हरियाणा, शिक्षा के क्षेत्र में छात्रों, शिक्षकों और अन्य सभी हितधारकों के लिए विभिन्न कल्याणकारी कदम उठा रहा है। पिछले कुछ वर्षों में राज्य सरकार ने शिक्षा में प्रमुख मुद्दों जैसे पहुंच, समानता, गुणवत्ता, प्रासंगिकता और उत्कृष्टता पर ध्यान दिया है। पिछले एक दशक में शिक्षा, उच्च शिक्षा और नौकरियों में प्रतिस्पर्धा कई गुना बढ़ गई है। इसके परिणामस्वरूप पूरे देश में कोचिंग संस्थानों की स्थापना हुई है।

यह महसूस किया गया है कि हरियाणा में निजी कोचिंग संस्थानों के पंजीकरण और विनियमन के लिए एक कानून लाने की आवश्यकता है ताकि छात्रों और उनके अभिभावकों के हितों की रक्षा की जा सके, निजी कोचिंग संस्थानों में पंजीकृत छात्रों के बीच तनाव को कम किया जा सके और बेहतर शैक्षणिक सुविधा प्रदान की जा सके और उन्हें विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी और विशिष्ट संस्थानों में प्रवेश में सहायता प्रदान करना की जा सके।

 

हरियाणा पिछड़े वर्ग (सेवाओं तथा शैक्षणिक संस्थाओं में दाखिले में आरक्षण) संशोधन विधेयक, 2024

हरियाणा पिछड़े वर्ग (सेवाओं तथा शैक्षणिक संस्थाओं में दाखिले में आरक्षण) अधिनियम, 2016 को संशोधित करने के लिए हरियाणा पिछड़े वर्ग (सेवाओं तथा शैक्षणिक संस्थाओं में दाखिले में आरक्षण) संशोधन विधेयक, 2024 पारित किया गया है।

राज्य सरकार की सिफारिश क्रमांक 568-एसडब्ल्यू (1) 2014, 28 जुलाई, 2014 पर भारत सरकार द्वारा राजपत्र संख्या 27, 09 मई,2016 के तहत 7 जातियों अर्थात् अहेरिया, अहेड़ी, हेड़ी, थोरी या तूरी हारी और रायसिक्ख को संविधान (अनुसुचित जाति) आदेश, 1950 की अनुसूची में शामिल किया गया।

इन जातियों को अनुसूचित जाति की सूची में शामिल करते समय, भारत सरकार द्वारा अधिसूचना संख्या 12011/15/2016-बीसी-॥, 30 जून, 2016 के तहत इन सात जातियों को हरियाणा की अन्य पिछड़े वर्ग की केंद्रीय सूची से भी हटा दिया गया, क्योंकि अनुसूचित जातियों और अन्य पिछड़े वर्गों की सूची परस्पर अनन्य है और एक जाति को एक ही समय में अनुसूचित जातियों और पिछड़े वर्गों की सूची में नहीं पाया जा सकता है। जब एक बार इन जातियों को संविधान के अनुसूचित जाति आदेश में शामिल कर लिया गया है तो उन्हें हरियाणा पिछड़े वर्ग (सेवाओं तथा शैक्षणिक संस्थाओं में दाखिले में आरक्षण) अधिनियम, 2016 (हरियाणा अधिनियम संख्या 2016 का 15) की पिछड़े वर्ग ब्लॉक-ए की अनुसूची-। से हटाया जा सकता है। इसलिए राज्य सरकार की पिछड़े वर्ग की सूची ब्लॉक-ए में क्रम संख्या 1 पर ‘अहेरिया, अहेड़ी, हेड़ी, नायक, थोरी या तूरी, हारी’ को बदल कर ‘‘नायक’’ शब्द तथा क्रम संख्या 50 पर ‘‘रायसिक्ख’’ की जगह ‘‘लोपित’’ शब्द 30 जून,2016 से अंकित किया जाएगा क्योंकि भारत सरकार द्वारा भी उसी तारीख से हरियाणा की अन्य पिछड़े वर्ग की सूची में बदलाव किया गया है। मंत्रिपरिषद की 3 जनवरी,2024 की बैठक में सात जातियों अर्थात् अहेरिया, अहेडी, हेड़ी, नायक, थोरी या तूरी का नाम क्रम संख्या 1 से हटाने तथा क्रम संख्या 50 से रायसिक्ख जाति को पिछड़े वर्ग ब्लॉक-ए की अनुसूची-। से लोपित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।

इसी सूची में क्रम संख्या 31 पर ‘‘जोगीनाथ, जोगी, नाथ, जंगम-जोगी, योगी जातियों की प्रविष्टि है। मंत्रिपरिषद की 3 जनवरी,2024 बैठक में निर्णय लिया है कि क्रम संख्या 31 की प्रविष्टि को ‘‘जोगीनाथ, जोगी नाथ, जंगम्, योगी’’ के रूप में प्रतिस्थापित किया जाए।

उपरोक्त वर्णित पिछड़े वर्ग ब्लॉक-ए की अनुसूची-1 के क्रम संख्या 29 पर हजाम, नाई, नाईज, सैन नामक जातियों की प्रविष्टि है। ‘नाईज’ जाति को यादि पत्र 13 दिसंबर, 1956 के माध्यम से पिछड़े वर्ग की सूची में जोड़ा गया था। हजाम तथा नाई जातियों को यादि पत्र 9/23 दिसंबर, 1959 के माध्यम से पिछड़े वर्गों की सूची में जोड़ा गया था। हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग की वर्ष 1995 की रिपोर्ट में सिफारिशों के आधार पर सैन जाति को भी हरियाणा पिछड़ा वर्ग ब्लॉक-ए की सूची में अधिसूचना 7 जून,1995 द्वारा सम्मिलित किया गया था।

अब हरियाणा पिछड़े वर्ग आयोग द्वारा सैन समाज से प्राप्त प्रतिवेदन पर यादि पत्र क्रमांक एच.बी.सी. सी/2024/101, 23 जनवरी,2024 द्वारा सिफारिश की है कि सैन जाति को प्रविष्टि संख्या 29 से हटाकर हरियाणा पिछड़े वर्ग (सेवाओं तथा शैक्षणिक संस्थाओं में दाखिले में आरक्षण) अधिनियम, 2016 (हरियाणा अधिनियम संख्या 2016 का 15) की हरियाणा पिछड़े वर्ग की राज्य-सूची ब्लॉक-ए में एक अलग प्रविष्टि के रूप में परिचित किया जाए। मंत्रीपरिषद् ने 30 जनवरी,2024 की बैठक में विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई कि पिछड़े वर्ग ब्लॉक-ए की अनुसूची-1 के क्रम संख्या 29 से ‘सैन’ जाति को हटाकर क्रम संख्या 72 पर परिचित किया जाए।

 

हरियाणा विनियोग (संख्या 1) विधेयक, 2024

मार्च, 2024 के 31वें दिन को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान सेवाओं के लिए हरियाणा राज्य की संचित निधि में से कुल 4771,27,32,000 रुपये के भुगतान और विनियोग का प्राधिकार देने लिए हरियाणा विनियोग(संख्या 1) विधेयक, 2024 पारित किया गया है।

हरियाणा विनियोग (संख्या 2) विधेयक, 2024

मार्च, 2025 के 31वें दिन को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान सेवाओं के लिए हरियाणा राज्य की संचित निधि में से कुल 237184,86,60,286 रुपये के भुगतान और विनियोग का प्राधिकार देने लिए हरियाणा विनियोग(संख्या 2) विधेयक, 2024 पारित किया गया है।

 

हरियाणा राज्य खेल संघ (पंजीकरण और विनियमन) विधेयक, 2024

खिलाडिय़ों और खेल संघों के हितों की रक्षा करने हेतु खेल संघों के पंजीकरण और विनियमन के लिए हरियाणा खेल पंजीकरण परिषद् और क्षेत्रीय खेल पंजीकरण परिषद् की स्थापना के लिए और उससे सम्बन्धित या उसके आनुषंगिक मामलों के लिए उपबन्ध करने के लिए, हरियाणा राज्य खेल संघ (पंजीकरण और विनियमन) विधेयक, 2024 पारित किया गया है।

सरकार ने इस तथ्य को गंभीरता से लिया है कि जिला और राज्य स्तर पर काम करने वाले कुछ खेल संघ अनुचित प्रथाओं में लिप्त हैं जो खेल और खिलाडिय़ों के हितों के लिए हानिकारक हैं। राज्य सरकार इस संबंध में किसी विशिष्ट कानून के अभाव में ऐसे मामलों को विनियमित करने के लिए कानूनी रूप से बाध्य महसूस करती है।

हरियाणा राज्य खेल संघ (पंजीकरण और विनियमन) विधेयक, 2024 का उद्देश्य इन खेल संघों के काम काज के पंजीकरण और विनियमन की निगरानी के लिए राज्य और क्षेत्रीय दोनों स्तरों पर नियामक निकाय स्थापित करना है। इसका प्राथमिक उद्देश्य राज्य में खेल भावना को बढ़ावा देते हुए खिलाडिय़ों और खेल के हितों की रक्षा करना है।

यह विधेयक हरियाणा खेल पंजीकरण परिषद और क्षेत्रीय खेल पंजीकरण परिषद की स्थापना का प्रयास करता है जो खेल संघों को पंजीकृत करने, उनके काम काज को विनियमित करने और राज्य सरकार को सलाह देने के लिए जिम्मेदार होगा। इसके अतिरिक्त, इन परिषदों के पास निष्पक्ष खेल प्रथाओं का पालन सुनिश्चित करने के लिए खेल संघ और उसके पदाधिकारी के खिलाफ शिकायतों की जांच करने का अधिकार होगा।

इसके अलावा, विधेयक राज्य और जिला स्तरीय खेल संघों के दायित्वों को रेखांकित करता है, जिसमे चैंपियनशिप आयोजित करना, प्रशिक्षण सुविधाएं प्रदान करना, रिकॉर्ड बनाए रखना और नियामक को अपेक्षित जानकारी जमा करना शामिल है। यह पंजीकरण कराने और पंजीकरण रद्द करने के परिणामों को भी निर्दिष्ट करता है। विधेयक खेल संघों के काम काज को सुव्यवस्थित करने, जवाब देही, पारदर्शिता बढ़ाने और हरियाणा राज्य में खेलों के विकास को बढ़ावा देने का प्रयास करता है।

 

हरियाणा परियोजना भूमि समेकन (विशेष उपबंध) संशोधन विधेयक, 2024

हरियाणा परियोजना भूमि समकेन (विशेष उपबंध) अधिनियम, 2017 को संशोधित करने के लिए हरियाणा परियोजना भूमि समेकन (विशेष उपबंध) विधेयक, 2024 पारित किया गया है।

हरियाणा परियोजना भूमि समकेन (विशेष उपबंध) अधिनियम, 2017 के मुख्य हरियाणा समेकन (2017 के  हरियाणा अधिनियम संख्या 28) का उद्देश्य परियोजना की स्थापना के लिए बचे हुए भूमि के टुकड़ों को समेकित करने के उद्देश्यों से परियोजना या सम्बन्धित मामलों के लिए विशेष प्रावधान करना है। मूल अधिनियम को हरियाणा परियोजना भूमि समेकन (विशेष उपबंध) संशोधन अधिनियरम 2020 (2020 का हरियाणा अधिनियम संख्या 15) द्वारा संशोधित किया गया और मूल अधिनियम की धारा 3 को ‘सत्तर प्रतिशत’ से पहले ‘या पट्टे पर लिया गया’ प्रतिस्थापित किया गया था।

हरियाणा शव का सम्मानजनक निपटान विधेयक, 2024

हरियाणा राज्य में शव के बुनियादी मानवाधिकारों को बनाए रखने और शव के सम्मानपूर्वक अंतिम निपटान के लिए और उससे सम्बन्धित और आनुषंगिक मामलों के लिए विधेयक को संशोधित करने के लिए हरियाणा शव का सम्मानजनक निपटान विधेयक, 2024 पारित किया गया।

भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत निहित जीवन का अधिकार के दायरे में ‘मृतकों के अधिकार और सम्मान’ भी शामिल हैं। भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत गरिमा और उचित व्यवहार का अधिकार न केवल जीवित व्यक्ति को बल्कि उसकी मृत्यु के बाद उसके शरीर को भी प्राप्त है। मृतकों के प्रति आदर और सम्मान मानवीय गरिमा की पहचान है। मृत व्यक्ति के अधिकार और सम्मान को ध्यान में रखते हुए किसी को भी मृत शरीर का समय पर अंतिम संस्कार न करके किसी भी विरोध या आंदोलन के माध्यम से किसी भी मांग को उठाने या आगे बढ़ाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। यह सुनिश्चित करना आवश्यक हो गया है कि कोई भी व्यक्ति किसी भी प्रकार के विरोध प्रदर्शन के लिए किसी शव का स्वयं उपयोग न करे या उपयोग करने की अनुमति न दे।

यह विधेयक ‘हरियाणा शव का सम्मान जनक निपटान अधिनियम, 2024’ एक मृत शरीर के गरिमापूर्ण और समय पर अंतिम संस्कार के लिए प्रावधान करता है और यदि परिवार के सदस्य किसी शव को अस्वीकार कर देते है और जिससे वह अंतिम संस्कार से वंचित हो जाता है तो सार्वजनिक प्राधिकरण द्वारा ऐसे शव का अंतिम संस्कार किया जाएगा और उससे जुड़े या उसके आनुषंगिक मामलों के लिए यह आवश्यक है। इसलिए यह बिल प्रस्तुत है।

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