Edited By Nisha Bhardwaj, Updated: 17 Apr, 2018 10:53 AM
कॉमनवेल्थ गेम्स में हरियाणा के 22 खिलाड़ियों ने पदक जीतकर प्रदेश अौर देश का नाम रोशन किया। अब बात विजेताओं को सम्मानित करने की है लेकिन हरियाणा के 22 विजेता खिलाड़ियों में 5 को सम्मान देने को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है, क्योंकि उक्त खिलाड़ी...
झज्जर(प्रवीन धनखड़): कॉमनवेल्थ गेम्स में हरियाणा के 22 खिलाड़ियों ने पदक जीतकर प्रदेश अौर देश का नाम रोशन किया। अब बात विजेताओं को सम्मानित करने की है लेकिन हरियाणा के 22 विजेता खिलाड़ियों में 5 को सम्मान देने को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है, क्योंकि उक्त खिलाड़ी हरियाणा की तरफ से नहीं, बल्कि रेलवे की तरफ से कॉमनवेल्थ गेम्स में खेले हैं। जिसको लेकर कुश्ती में गोल्ड मेडल विजेता विनेश फौगाट, बजरंग पूनिया, सुमित मलिक, कुश्ती में ही कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक व बॉक्सिंग में कांस्य विजेता मनोज को पुरस्कार राशि देने व एसीएस या एचपीएस अफसर बनाने के लिए खेल नीति बदली जाएगी।
सरकार की खेल नीति-2015 के तहत हरियाणा के मूल निवासी और हरियाणा का प्रतिनिधित्व वाले खिलाड़ियों को ही पुरस्कार दिया जा सकता है। ऐसे में प्रदेश के खेल विभाग की दुविधा बनी हुई है कि क्या करें जिससे वह खिलाड़ी जो रहने वाले हरियाणा के हैं लेकिन खेले रेलवे की तरफ से हैं, उन्हें भी नकद इनाम दिया जा सके। कुश्ती में स्वर्ण पदक हासिल करने वाले बजरंग पूनिया, सुमित कुमार, विनेश फौगाट व साक्षी मलिक ने इन खेलों में रेलवे का प्रतिनिधित्व किया। बॉक्सिंग में मनोज कुमार ने कांस्य पदक हासिल किया। पांचों ही खिलाड़ी हरियाणवी हैं। इसलिए सरकार इन्हें अपने कोटे में गिन रही है। हरियाणा के खेल विभाग ने इस समस्या से बचने के लिए खेल नीति में संशोधन का प्रस्ताव सरकार को भेजा है जो कि मुख्यमंत्री कार्यालय में लंबित है।