Edited By Naveen Dalal, Updated: 30 Jul, 2019 03:45 PM
हरियाणा मानव अधिकार ने राष्ट्रीय समाचार पत्रों में छपी एक खबर पर संज्ञान लेते हुए जिला पुलिस अधीक्षक रोहतक से रिपोर्ट तलब की है। चेयरमैन जस्टिस सतीश कुमार मित्तल (पूर्व मुख्य न्यायाधीश), सदस्य जस्टिस के सी पुरी एवं सदस्य दीप भाटिया की पीठ
चंडीगढ़ (ब्यूरो) : हरियाणा मानव अधिकार ने राष्ट्रीय समाचार पत्रों में छपी एक खबर पर संज्ञान लेते हुए जिला पुलिस अधीक्षक रोहतक से रिपोर्ट तलब की है। चेयरमैन जस्टिस सतीश कुमार मित्तल (पूर्व मुख्य न्यायाधीश), सदस्य जस्टिस के सी पुरी एवं सदस्य दीप भाटिया की पीठ ने इस मामले की अखबारों की रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए यह नोटिस जारी किया है। बता दें कि 27 जुलाई 2019 में प्रमुख राष्ट्रीय अखबारों में छपी एक खबर के मुताबिक बताया गया था कि रोहतक पुलिस की कार्यप्रणाली से एक व्यक्ति नाराज था, जिसके चलते पीड़ित व्यक्ति ने पुलिस अधीक्षक के कार्यालय के बाहर अपनी पैर की नस काटकर आत्महत्या का प्रयास किया था।
जिस दौरान वहां मौजूद पुलिकर्मियों ने प्राथमिक उपचार देने की बजाय उसे वहां घसीटते हुए जबरदस्ती सीढ़ियों उतारा दिया। ताकि उसको वहां उस हालात में कोई अधिकारी ना देख लें। जिसके बाद वह बेहोश हो गया। इस कृत्य को हरियाणा मानव अधिकार आयोग ने गंभीरता से लिया और पुलिस अधिक की रिपोर्ट मांगी है जिस पर मामले की अगली सुनवाई 1अक्टूबर को की जाएगी।
गौरतलब है कि मूलरूप से गांव कंसाला निवासी 50 वर्षीय राजबीर सिंह कैलाश कालोनी में रहता है। 5 साल पहले उसका कंसाला में नशा मुक्ति केंद्र था। जो अब बंद हो गया है। बीच में एक युवक आशू निवासी प्रेम नगर से मारपीट हो गई थी। जिसकी शिकायत सांपला थाना में दर्ज कराई गई थी। इस मामले में वह राजबीर ए.एस.आई. पर रिश्वत लेने का आरोप लगा रहा है। उसका कहना है कि उसका नशा मुक्ति केंद्र बंद करवा दिया गया। वह ए.एस.आई. से रुपए वापस दिलाने की भी मांग कर रहा था।