Edited By Shivam, Updated: 01 Nov, 2021 07:27 PM
भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने किसान नेता राकेश टिकैत के दिल्ली कूच वाले बयान पर तीखी प्रक्रिया दी है। चढूनी ने तंज भरे अंदाज में कहा कि 26 नवंबर को भी दिल्ली कूच हुआ था उससे कोई फायदा नहीं हुआ, बल्कि किसानों का 200 करोड़ का तेल...
सोनीपत (पवन राठी): भारतीय किसान यूनियन के नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने किसान नेता राकेश टिकैत के दिल्ली कूच वाले बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। चढूनी ने तंज भरे अंदाज में कहा कि 26 नवंबर को भी दिल्ली कूच हुआ था उससे कोई फायदा नहीं हुआ, बल्कि किसानों का 200 करोड़ का तेल ट्रैक्टरों में जलवा दिया गया। उन्होंने कहा कि अगर कुछ करना ही है तो दिल्ली जाकर संसद भवन पर धरना दिया जाए।
वहीं किसान नेता दलजीत सिंह डल्लेवाल ने टिकैत के बयान पर कहा कि वह उनका निजी बयान है। संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में ही कोई फैसला लिया जाएगा। गौरतलब है कि किसान नेता राकेश टिकैत ने रविवार को ट्विटर पर ट्वीट किया है कि अगर 26 नवंबर तक सरकार कोई हल नहीं निकालती है तो ट्रैक्टर-ट्राली लेकर किसान दिल्ली कूच करें। सोमवार को किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने बताया कि आज प्रदेश भर के पदाधिकारियों की बैठक बुलाई गई थी। बैठक के बाद सभी को आंदोलन को तेज करने और हर ब्लॉक से 100 आदमी लाने की बात कही गई है, ताकि आंदोलन को मजबूती मिल सके।
चढूनी ने राकेश टिकैत के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राकेश टिकैत ट्रैक्टर लेकर दिल्ली कूच की बात कह रहे हैं। 26 जनवरी को भी ट्रैक्टर लेकर ही दिल्ली कूच किया था ,लेकिन फायदा क्या हुआ। किसानों के 200 करोड़ का तेल ट्रैक्टरों में जलवा दिया गया और उससे कोई नतीजा भी नहीं निकला। अगर दिल्ली कूच करना है तो ट्रैक्टरों से नहीं बल्कि संसद भवन पर धरना दिया जाए और तीन कृषि कानूनों को रद्द करवाने का दबाव बनाया जाए।
गुरनाम सिंह ने बताया कि 7 नवंबर को जींद में बैठक बुलाई गई है। दिल्ली कूच या फिर आगे के आंदोलन को मजबूत करने के लिए 9 नवंबर को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक बुलाई गई है। इन बैठकों में ही बड़े फैसले लिए जाएंगे। उन्होंने आज दोहराते हुए कहा कि अगर दिवाली से पहले किसानों के साथ छेडख़ानी होती है, तो किसान दिल्ली प्रधानमंत्री के आवास पर दिवाली मनाएंगे।
उधर, किसान नेता दलजीत सिंह डल्लेवाला ने बताया कि किसान आंदोलन को मजबूत करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। 6 तारीख और 9 नवंबर को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक बुलाई गई है, जिसमें आंदोलन को मजबूत करने के लिए रणनीति बनाकर बड़े फैसले लिए जाएंगे। वहीं राकेश टिकैत के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि यह उनका निजी बयान हो सकता है। संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से ऐसा कोई भी ऐलान नहीं किया गया है।
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