Edited By Punjab Kesari, Updated: 27 Jan, 2018 10:59 PM
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने पेट्रोल, डीजल व रसोई गैस की आसमान छूती कीमतों पर भाजपा को घेरते हुए आज कहा कि सरकार ने पेट्रोल की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि कर अपना खजाना तो भर लिया है, पर आमजन की कमर तोड़ डाली है। पेट्रोलियम मंत्रालय के...
चण्डीगढ़ (धरणी): पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने पेट्रोल, डीजल व रसोई गैस की आसमान छूती कीमतों पर भाजपा को घेरते हुए आज कहा कि सरकार ने पेट्रोल की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि कर अपना खजाना तो भर लिया है, पर आमजन की कमर तोड़ डाली है। पेट्रोलियम मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक केन्द्र सरकार ने इस मद पर 5 लाख 97 हजार 473 करोड़ रूपये की कमाई की है। ये हालात तब हैं जबकि अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें औसतन आाधी रह गई हैं।
उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार ने केन्द्रीय एक्साईज शुल्क व अन्य टैक्स लगाकर आमजन को मिल सकने वाली राहत से वंचित कर दिया है। कांग्रेस पार्टी ने अपने समय में जीएसटी के प्रारूप में बिजली व रीयल इस्टेट के साथ पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में रखने की नीति तय की थी, पर भाजपा ने इसे जीएसटी के दायरे से बाहर रख दिया।
हुड्डा ने कहा कि इसी प्रकार हरियाणा की भाजपा सरकार ने भी भारी बोझ लादते हुए वैट में पांच से ज्यादा बार वृद्धि करते हुए पेट्रोल में 21 प्रतिशत से बढ़ाकर वैट को 26.25 प्रतिशत और डीजल में लगभग दोगुनी वृद्धि करते हुए 9.24 प्रतिशत से बढ़ाकर उसे 17.22 प्रतिशत कर दिया है। जहां वर्ष 2013-14 में हरियाणा को डीजल/पेट्रोल पर वैट से 4591 करोड़ रूपये आय हुई थी, वहीं वर्तमान भाजपा सरकार ने जनता पर भारी टैक्स भार लादते हुए 2016-17 में 7000 करोड़ रूपये की कमाई की।
इसका नतीजा यह हुआ कि आज हरियाणा में पेट्रोल 73.25 रूपये प्रति लीटर व डीजल 64.61 रूपये प्रति लीटर बिक रहा है तथा रसोई गैस का सिलेण्डर 770 रूपये का हो गया है, जो हमारे समय 389 रूपये में मिलता था। यह छदम् वेश में सरासर लूट है, जो स्वीकार्य नहीं है। कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे पर सड़क से लेकर संसद तक लड़ाई लड़ेगी व केन्द्र सरकार पर तेल व रसोई गैस को जीएसटी के दायरे में लाने के लिए दबाव डालने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी।