Edited By Nitish Jamwal, Updated: 26 Mar, 2024 04:07 PM
सरकार की ओर से 26 मार्च से सरकारी रेट पर सरसों की फसल खरीदने के दावे चरखी दादरी में हवाई साबित हुए। यहां ना तो किसी सरसों फसल की सरकारी खरीद शुरू हो पाई और ना ही किसान अपनी फसल लेकर आए।
चरखी दादरी (पूनीत श्योरण): सरकार की ओर से 26 मार्च से सरकारी रेट पर सरसों की फसल खरीदने के दावे चरखी दादरी में हवाई साबित हुए। यहां ना तो किसी सरसों फसल की सरकारी खरीद शुरू हो पाई और ना ही किसान अपनी फसल लेकर आए। अधूरे प्रबंधों और ठोस व्यवस्था नहीं होने के कारण आढ़तियों की ओर से मंडी अधिकारियों पर आरोप लगाए हैं।
वहीं आढतियों ने मंडी में मीटिंग कर सरसों की सरकारी खरीद का बहिष्कार किया और खरीद करने वाले आढ़तियों पर 5 हजार रुपए जुर्माना करने का भी निर्णय लिया। उधर मंडी प्रशासन ने पुख्ता प्रबंधों का दावा करते हुए आवक होने पर ही नमी अनुसार खरीद करने की बात कही है। हालात ऐसे हैं कि तेल मिल मालिक बाहर से ही सरसों खरीद कर सरकार को मार्केट फीस और GST की लाखों रुपए की चपत लगा रहे हैं।
आढ़तियों ने मांग की है कि सरसों की सरकारी खरीद उनके जरिए हो और ढाई प्रतिशत उन्हें आढ़त मिले। जब तक उनकी मांग पूरी नहीं की जाएगी वे सरसों की खरीद नहीं करेंगे। वहीं मार्केट कमेटी सचिव परमजीत नांदल ने कहा कि खरीद को लेकर पुख्ता प्रबंध हैं। फिलहाल मंडी में सरसों की आवक नहीं है और आवक होने पर नमी अनुसार की सरकारी खरीद शुरू कर दी जायेगी।
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