नई खेल पॉलिसी: खिलाड़ियों की नौकरी के प्रावधानों में सरकार ने किए बड़े बदलाव

Edited By Isha, Updated: 14 Feb, 2021 03:12 PM

government made major changes in the provisions of the job of players

नेशनल से लेकर ओलिंपिक गेम्स में मेडल जीतने पर खिलाड़ियों को दी जाने वाली नौकरी के प्रावधानों में सरकार ने खूब परिवर्तन किया है। एचसीएस-एचपीएस तो वे अब बन ही नहीं पाएंगे। अब खिलाड़ियों को ग्रुप-सी की नौकरी के लिए भी कम से कम

ब्यूरो: हरियाणा सरकार ने नेशनल से लेकर ओलिंपिक गेम्स में मेडल जीतने पर खिलाड़ियों को दी जाने वाली नौकरी के प्रावधानों में परिवर्तन किया है। खिलाड़ी अब कभी एचसीएस-एचपीएस तो  बन ही नहीं पाएंगे साथ ही ग्रुप-सी की नौकरी के लिए भी कम से कम ग्रेजुशन अनिवार्य कर दी गई है।  
 
10 वर्ष में होगा प्रमोशन 
खेल विभाग ने इनमें 550 पद भी निर्धारित किए हैं, परंतु जूनियर कोच और सीनियर कोच को छोड़ डिप्टी डायरेक्टर व कोच 50 फीसदी पद प्रमोशन से भरे जाएंगे। जूनियर कोच की सभी पदों पर जहां सीधी भर्ती होगी, वहीं सीनियर कोच के पद प्रमोशन के लिए आरक्षित किए गए हैं। खिलाड़ियों को नौकरी मिलने पर सभी पदों पर 10 वर्ष में प्रमोशन होगा। 

ग्रुप-ए 
खास बात यह है कि ग्रुप-ए की नौकरी सिर्फ ओलिंपिक गेम्स में व्यक्तिगत और टीम इवेंट में गोल्ड व सिल्वर मेडल और एशियन गेम्स में व्यक्तिगत गोल्ड जीतने पर ही मिलेगी। ग्रुप-ए के लिए डिप्टी डायरेक्टर का पद निर्धारित किया गया है। ओलिंपिक गेम्स में गोल्ड और सिल्वर मेडल जीतने पर ग्रुप-ए की नौकरी मिलेगी। इसके साथ ही एशियन गेम्स में गोल्ड पर ग्रुप-ए का पद दिया जाएगा।

ग्रुप-बी
ओलिंपिक गेम्स में ब्रांज मेडल जीतने व शामिल होने, पैरालिंपिक गेम्स में कोई भी मेडल जीतने, एशियन गेम्स में सिल्वर व ब्रांज, एशियन पैरा गेम्स में गोल्ड जीतने पर ग्रुप-बी की नौकरी मिलेगी। इसके साथ चार वर्षीय वर्ल्ड कप या चैंपियनशिप में कोई भी मेडल, चार वर्ष से कम में होने वाले वर्ल्ड कप या चैंपियनशिप में गोल्ड जीतने, कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड व सिल्वर, वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स, चार वर्षीय एशियन चैंपियनशिप, स्पेशल ओलिंपिक गेम्स और डेफलिंपिक में गोल्ड जीतने पर इस कैटेगिरी नौकरी मिल पाएगी। 

ग्रुप-सी
एशियन पैरा गेम्स, वर्ल्ड कप या चैंपियनशिप, वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स, चार वर्षीय एशियन चैंपियनशिप, स्पेशल ओलिंपिक और डेफलिंपिक में सिल्वर व ब्रांज मेडल, साउथ एशियन गेम्स में गोल्ड, कॉमनवेल्थ पैरा गेम्स व नेशनल गेम्स में कोई भी मेडल जीतने पर इस कैटेगिरी नौकरी दी जाएगी। इसके अलावा एशियन गेम्स व चार वर्षीय वर्ल्ड कप या चैंपियनशिप में शामिल होने पर भी ग्रुप-सी की नौकरी मिलेगी। कॉमनवेल्थ गेम्स में ब्रांज मेडल जीतन पर भी इसी वर्ग की नौकरी मिलेगी। ओलिंपिक में गोल्ड व सिल्वर पर ग्रुप-ए की नौकरी मिलेगी। ओलिंपिक गेम्स में ब्रांज, पैरालिंपिक में कोई भी मेडल, एशियन व चार वर्षीय वर्ल्ड कप या चैंपियनशिप में गोल्ड व सिल्वर मेडल जीतने पर ग्रुप-बी की नौकरी मिलेगी।

एशियन पैरा गेम्स, वर्ल्ड चैंपियनशिप, कॉमनवेल्थ गेम्स, चार वर्षीय एशियन चैंपियनशिप, स्पेशल ओलिंपिक, डेफलिंपिक और नेशनल गेम्स में कोई भी मेडल जीतने पर ग्रुप-सी की नौकरी दी जाएगी। साउथ एशियन गेम्स और रणजी ट्रॉफी में गोल्ड मेडल, चार वर्षीय वर्ल्ड कप या दो वर्षीय सर्कल कबड्‌डी में, कॉमनवेल्थ पैरा गेम्स में गोल्ड व सिल्वर, एशियन गेम्स व चार वर्षीय वर्ल्ड कप या चैंपियनशिप में ब्रांज व शामिल होने पर इस कैटेगिरी की नौकरी मिलेगी। टीम में ओलिंपिक में शामिल होने वाले को ग्रुप-सी की नौकरी दी जाएगी।

नौकरी में आने पर लगवानी होगी वैक्सीन लगवानी होगी
विभाग ने प्रावधान किया है कि खिलाड़ियों को नौकरी में आने पर आदेशानुसार वैक्सीन लगवानी होगी। मेडल जीतने के साथ खिलाड़ी का हरियाणा का मूल निवासी होना जरूरी है। वह नेशनल गेम्स हरियाणा या केंद्र सरकार के किसी विभाग से खेला होना चाहिए। पात्र खिलाड़ी को एप्लीकेशन जमा करानी होगी। इसके साथ ही उसे संबंधित खेल की नेशनल स्पोर्ट्स फैडरेशन का सर्टिफिकेट भी देना होगा। विभाग के निदेशक फाइल सरकार को भेजेंगे। वहां से मुख्य सचिव के पास जाएगी। अप्रूवल होने पर अपाइंटमेंट अथॉरिटी नियुक्ति देगी।
 

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