Edited By Yakeen Kumar, Updated: 30 Dec, 2025 10:01 PM

हरियाणा की स्वास्थ्य सेवाओं पर एक बार फिर सवाल उठ खड़े हुए हैं। यमुनानगर जिले के छछरौली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक गर्भवती महिला को डॉक्टरों की अनुपस्थिति के चलते अस्पताल के फर्श पर ही बच्चे को जन्म देना पड़ा।
यमुनानगर (परवेज खान) : हरियाणा की स्वास्थ्य सेवाओं पर एक बार फिर सवाल उठ खड़े हुए हैं। यमुनानगर जिले के छछरौली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक गर्भवती महिला को डॉक्टरों की अनुपस्थिति के चलते अस्पताल के फर्श पर ही बच्चे को जन्म देना पड़ा। महिला के पति ने इसे डॉक्टरों की लापरवाही बताया है।
पीड़ित महिला के पति शिवम ने आरोप लगाया कि वे मंगलवार सुबह करीब 8 बजे अस्पताल पहुंचे थे। जब वह अस्पताल पहुंचे तो वहां कोई डॉक्टर मौजूद नहीं था। शिवम ने बताया कि उनकी पत्नी दर्द से तड़पती रही। करीब 20-25 मिनट तक वह सहायता के लिए अस्पताल में डॉक्टरों को ढूंढते रहे, लेकिन कोई चिकित्सक नजर नहीं आया। आखिरकार मजबूरी में महिला ने अस्पताल के फर्श पर ही बच्चे को जन्म दिया।
घटना पर मौजूद अन्य लोगों ने कहा कि बच्चे के जन्म के बाद डॉक्टर मौके पर पहुंचे। परिजनों का कहना है कि यदि समय पर चिकित्सा सहायता मिल जाती तो महिला को इस हालात का सामना नहीं करना पड़ता।

दूसरी तरफ, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सीनियर मेडिकल ऑफिसर वागीश गुटेन ने लापरवाही की बात को सिरे से खारिज कर दिया। उनका कहना है कि प्रसव इमरजेंसी स्ट्रेचर पर हुआ है। अस्पताल के खिलाफ तथ्य गलत तरीके से पेश किए जा रहे हैं।

जानकारी के अनुसार, पीड़ित महिला मूल रूप से बिहार के पूर्णिया जिले की रहने वाली है। महिला का परिवार यमुनानगर के भुखड़ी गांव की एक प्लाईवुड फैक्ट्री में काम करता है। फिलहाल बच्चे और महिला की हालत सामान्य बताई जा रही है।
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