अच्छी खबर: प्रदेश में ऑरेंज-ग्रीन जोन में शुरू होगी इंडस्ट्री, रेड में भी चलाने के लिए केंद्र को लिखा

Edited By Shivam, Updated: 18 Apr, 2020 01:28 PM

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केंद्र सरकार की ओर से 20 अप्रैल के बाद लॉकडाउन में दी जाने वाली छूट के लिए राज्य सरकार सीनियर अफसरों के साथ लगातार मंथन कर रही है कि कहां क्या छूट दी जाए। माना जा रहा है कि सरकार ने ग्रीन व ऑरेंज के साथ रेड जोन में भी इंडस्ट्री को शुरू करने के लिए...

चंडीगढ़: केंद्र सरकार की ओर से 20 अप्रैल के बाद लॉकडाउन में दी जाने वाली छूट के लिए राज्य सरकार सीनियर अफसरों के साथ लगातार मंथन कर रही है कि कहां क्या छूट दी जाए। माना जा रहा है कि सरकार ने ग्रीन व ऑरेंज के साथ रेड जोन में भी इंडस्ट्री को शुरू करने के लिए हरी झंडी देने का मन बना लिया है। हालांकि कंटेनमेंट और बफर जोन में कोई गतिविधि नहीं शुरू की जाएगी। राज्य में 282 कंटेनमेंट-बफर जोन हैं। रेड जोन में शामिल गुडग़ांव, नूंह, पलवल और फरीदाबाद में ही 214 कंटेनमेंट जोन हैं। सरकार की ओर से रेड जोन में भी इंडस्ट्री शुरू करने के लिए केंद्र को लिखा गया है।

6 जिले कोरोना मुक्त 
राज्य के लिए राहत की बात यह है कि यहां कुछ ही इलाकों में कोरोना पॉजिटिव केस मिल रहे हैं, तीन जिलों में कोरोना का अब तक कोई केस सामने नहीं आया, जबकि 6 जिले कोरोनामुक्त हो चुके हैं। ऐसे में सरकार केंद्र की गाइड लाइन के अनुसार सभी जिलों को लेकर प्लानिंग कर रही है। डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा कि ऑरेंज और ग्रीन जोन में इंडस्ट्री को शुरू किया जाएगा।

रेड जोन में शामिल गुडग़ांव और फरीदाबाद में ही सबसे ज्यादा इंडस्ट्री
साथ ही रेड जोन के लिए भी केंद्र को लिखा गया है। रेड जोन में शामिल गुडग़ांव और फरीदाबाद में ही सबसे ज्यादा इंडस्ट्री हैं। इसलिए रेड जोन में भी कुछ छूट देने की तैयारी में है। राज्य में छूट जिला स्तरीय कमेटियों की सिफारिश पर दी जाएगी। वहीं, पहले देखेंगी कि इंडस्ट्री में कोरोना से बचाव की सभी व्यवस्था है या नहीं। कमेटियां अपनी रिपोर्ट राज्य स्तरीय कमेटी को भेजेंगी, जहां से इसकी अप्रूवल मिलेगी। हालांकि बड़ी कंपनियों को छूट देने के लिए राज्य स्तरीय कमेटी ही फैसला करेगी।

आम लोगों के एक दर्जन से अधिक काम होंगे शुरू 
तहसीलों में शुरू हो सकेंगी रजिस्ट्रियां, एक दिन में 30 रजिस्ट्रियां शुरू होंगी। राजस्व रिकॉर्ड एवं पंजीकरण डीडी की प्रतियां भी मिलेंगी व म्यूटेशन होगा।  शपथ पत्रों का सत्यापन होगा। एससी और बीसी के प्रमाण पत्र बनाए जाएंगे। इनके लिए ई-अपॉइंटमेंट दी जाएगी। लॉकडाउन में ई-अपॉइंटमेंट की अधिकतम सीमा 30 रहेगी। इसमें से 50  प्रतिशत ई-अपॉइंटमेंट ऑनलाइन व 50 प्रतिशत तहसील एवं उप तहसील कार्यालयों द्वारा दी जाएंगी। पहले दी गई अपॉइंटमेंट को रद्द किया जाएगा।

विद्यार्थियों को पुस्तक मिले, इसके लिए पुस्तकों या स्टेशनरी की दुकानें खोली जा सकती हैं। विद्यार्थियों तक पुस्तकें पहुंचाने के लिए संभावना तलाशी जाएगी।

बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन शुरू होगा: बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन काम 20 के बाद शुरू किया जाएगा। माइनिंग और ईंट भट्‌ठे पर काम शुरू होगा।

शुरू होगी ओपीडी, फोन पर ही मिलेगा टोकन नंबर
प्राइवेट अस्पतालों में शुरू हुई ओपीडी को लेकर हरियाणा मेडिकल काउंसिल की ओर से दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। जिसके अनुसार इन अस्पतालों में सुबह नौ से दोपहर एक बजे तक रोगियों की जांच होगी। इस दौरान लैब भी खुली रहेंगी। जांच कराने वाले मरीजों को पहले फोन पर अस्पताल से अपने टोकन नंबर लेने पड़ेंगे, ताकि अस्पताल में भीड़ न लगे और सोशल डिस्टेसिंग का पूरा पालन हो सके। अस्पतालों में आपातकालीन सेवाएं 24 घंटे जारी रहेंगी। अस्पताल मैनेजमेंट की ओर से अस्पताल भवन के गेट पर मरीजों को मुफ्त मास्क दिए जाएं और उन्हें सैनिटाइज करने की व्यवस्था करें। यदि किसी में कोरोना के लक्षण दिखें तो सूचना स्वास्थ्य विभाग को दी जाए। स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने भी प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टरों से ओपीडी शुरू करने की अपील की थी। कहा था कि सरकारी अस्पतालों में भी ओपीडी शुरू होगी।

उद्योगों के लिए ये रहेंगे नियम
जिला स्तरीय समितियों का गठन होगा, जो ‘पहले आओ, पहले पाओ’ के आधार पर पास जारी करेंगी। आवश्यक सेवाएं से जुड़े लोगों को कोरोना से बचाने के लिए उनकी जांच होगी।

कोई श्रमिक एक स्थान से दूसरे स्थान पर कार्य करने जा रहा हो तो उसकी मेडिकल जांच होगी। कार्य-स्थल पर या उसके आप-पास ही श्रमिकों के सब-कैंप बनाए जा सकते हैं।

उद्योग विभाग हेल्पलाइन स्थापित की जाएगी। जहां उद्योगपति कॉल कर सकते हैं और पास बनवाने व अन्य प्रबंधों के बारे में जानकारी ले सकेंगे।

उपायुक्त निर्णय लेंगे कि कोई प्रतिष्ठान खुलेगा या नहीं। जिलों में औद्योगिक प्रक्रियाओं पर नजर रखने के लिए उद्योग विभाग के सचिव की देखरेख में मुख्यालय पर एक कमेटी बनाई जाएगी।

कंटेनमेंट जोन में आवश्यक वस्तुओं को बनाने वाले उद्योगों के लिए एक ‘त्रिकोणीय विशेष पास’ और गैर-कंटेनमेंट जोन के लिए ‘आयताकार साधारण पास’ जारी किया जाएगा।

उद्योगों को एक चरणबद्ध तरीके से खोला जाएगा, जिसमें स्वच्छता, मास्क का उपयोग और सोशल-डिस्टेंसिंग से संबंधित अनिवार्य शर्तें पूरी करनी होंगी।


किस जिले में बने कितने कंटेनमेंट-बफर जोन
सबसे ज्यादा कंटेनमेंट और बफर जोन नूंह में 140 बनाए गए हैं। जबकि पलवल में 52, सोनीपत में 3, करनाल में 3, फरीदाबाद 13, भिवानी में 2, चरखी दादरी में 7, गुडग़ांव में 9, जींद में 7, फतेहाबाद में 2, पानीपत में 2, कैथल और झज्जर में एक-एक, पंचकूला में 23, सिरसा में 5, हिसार में एक, यमुनानगर में 4 और कुरुक्षेत्र में 7 जोन कंटेंनमेंट और बफर जोन हैं।

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