Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 27 Feb, 2024 05:31 PM
गुड़गांव पुलिस ने साइबर ठगी के गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इसमें हैरान कर देने वाली बात यह है कि पकड़े गए चार आरोपियों में से तीन आरोपी बैंक मैनेजर हैं जो साइबर ठगों के लिए काम करते थे और ठगी करने के लिए ठगों को बैंक...
गुड़गांव, (ब्यूरो): गुड़गांव पुलिस ने साइबर ठगी के गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इसमें हैरान कर देने वाली बात यह है कि पकड़े गए चार आरोपियों में से तीन आरोपी बैंक मैनेजर हैं जो साइबर ठगों के लिए काम करते थे और ठगी करने के लिए ठगों को बैंक खाते उपलब्ध कराते थे। पुलिस ने इन आरोपियों को तकनीकी सहायता की मदद से पकड़ने में सफलता हासिल की है। फिलहाल आरोपियों से पूछताछ की जा रही है।
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एसीपी साइबर क्राइम प्रियांशु दिवान की मानें तो 18 नवंबर 2023 को मानेसर साइबर थाने में एक व्यक्ति ने शिकायत देकर बताया था कि उन्हें एक व्यक्ति ने फोन करके सूचना दी थी कि उनके बेटे का एक्सीडेंट हो गया है जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। अस्पताल का प्रारंभिक बिल भरने के लिए 10 हजार रुपए की जरूरत है। ऐसे में व्यक्ति ने अपने बेटे की जान बचाने के लिए फोन करने वाले को 10 हजार रुपए ट्रांसफर कर दिए और अस्पताल का नाम व एड्रेस पूछ लिया और वह मौके पर पहुंच गए। यहां पहुंचने पर उन्हें अपने साथ हुई ठगी का पता लगा। इस बारे में उन्होंने पुलिस को शिकायत देकर केस दर्ज कराया। मामले में तकनीकी जांच करते हुए पुलिस ने चार आरोपियों मेवात के रहने वाले हयात, गुड़गांव के राठीवास के रहने वाले मोहित राठी, बिलासपुर निवासी महेश कुमार व महु उत्तर प्रदेश के रहने वाले विश्वकर्मा मौर्या को काबू कर लिया।
एसीपी के मुताबिक, जांच के दौरान सामने आया कि मोहित राठी कोटेक महिंद्रा बैंक में असिस्टेंट मैनेजर हैं जबकि महेश कुमार व विश्वकर्मा मौर्या डिप्टी मैनेजर हैं। हयात मेवात का साइबर ठग है जिसने महेश कुमार से संपर्क किया और उसे अपने साथ मिलाया।महेश ने मोहित और विश्वकर्मा माैर्या के साथ मिलकर साइबर ठगी के लिए बैंक खाते उपलब्ध कराते थे। यह दोनों सात महीने से कोटेक महिंद्रा बैंक में कार्यरत थे और इन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान करीब 2 हजार बैंक खाते खोले हैं जिनमें से प्रारंभिक तौर पर 18 बैंक खातों का उपयोग साइबर फ्रॉड में मिल गया है। यह बैंक खाता हयात को उपलब्ध कराने के लिए 15 से 20 हजार रुपए वसूलता था।
मामले में फिलहाल पुलिस इन आरोपियों से पूछताछ कर रही है। इनके कार्यकाल में खोले गए सभी 2 हजार बैंक खातों की जांच की जाएगी। इसके अलावा पूछताछ में यह भी पता लगाया जा रहा है कि इन आरोपियों द्वारा कितने लोगों से साइबर ठगी की गई है और उनसे कितने रुपए वसूले गए हैं। इसके अलावा उनके साथ और कौन-कौन लोग शामिल हैं।