Edited By Saurabh Pal, Updated: 08 Nov, 2023 06:43 PM
भारतीय किसान यूनियन चढूनी ग्रुप द्वारा गन्ने के रेट में मामूली वृद्धि को लेकर जिला मुख्यालय पर हरियाणा सरकार पुतला जलाया। किसानों का आरोप है कि वह लंबे समय से गन्ने के मूल्य को ₹450 करने की मांग कर रहे हैं...
यमुनानगर(सुरेंद्र मेहता): भारतीय किसान यूनियन चढूनी ग्रुप द्वारा गन्ने के रेट में मामूली वृद्धि को लेकर जिला मुख्यालय पर हरियाणा सरकार पुतला जलाया। किसानों का आरोप है कि वह लंबे समय से गन्ने के मूल्य को ₹450 करने की मांग कर रहे हैं। पिछले वर्ष किसानों ने आंदोलन किया था और तकरीबन हरियाणा की सभी शुगर मिलों को बंद किया था। तब हरियाणा सरकार ने मात्र ₹10 रेट बढ़ाया था और मुख्यमंत्री ने अपनी मजबूरी गिनाते हुए कहा था कि अगली बार हम किसानों को अच्छे दाम देंगे, लेकिन अबकी बार फिर वही। मात्र ₹14 बढ़ाकर किसानों के साथ मजाक किया है।
इस दौरान किसानों सरकार के पुतले के साथ ही गन्ने की होली जलाई। किसान नेता संजू गुंदियांना का कहना है कि आज महंगाई के दौर में लागत के आधार पर अगर गन्ने का मूल्य तय किया जाए तो कम से कम ₹600 प्रति कविंटल बनता है। किसान नेता नें कहा कि आज चीनी के दाम मार्केट में अच्छे हैं। गन्ने से एथेनॉल बनाया जाता है जो पेट्रोल डीजल में काम आता है। गन्ने से जो खोई निकलती है उसके रेट गन्ने के रेट के बराबर हैं।
संजू गुंदियांना ने कहा कि किसनों की लागत हर साल बढ़ती जा रही है। अबकी बार खेत में काम करने वाले मजदूरों ने ही अपने रेट 5 से ₹10 तक बढ़ा दिए हैं। किसान मांग करते हैं कि गन्ने के दाम को ₹450 प्रति कविंटल किया जाए, नहीं तो 23 नवंबर को पिपली अनाज मंडी में एक किसानों की महापंचायत होगी। जिसमें सरकार के साथ आर पार की लड़ाई का ऐलान किया जाएगा।
गौरतलब है कि पूरे देश में सबसे अधिक गन्ने का दाम हरियाणा में है। वहीं पड़ोसी राज्य पंजाब से 6 रुपये अधिक गन्ने का दाम हरियाणा में किसानों को मिल रहा है। इसके बावजूद भी किसान प्रदर्शन कर रहे हैं।
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