Edited By vinod kumar, Updated: 12 Jan, 2020 11:41 AM
सी.एम. सिटी की सड़कों पर अब बिजली की तारें दिखाई नहीं देंगी। स्मार्ट सिटी प्रोजैक्ट के तहत इन्हें अंडरग्राऊंड किया जाएगा। पायलेट प्रोजैक्ट के रूप में 3 मुख्य सड़कों को चुना गया है। बोर्ड ऑफ डायरैक्टर्स की टीम ने हरी झंडी दे दी है। कुंजपुरा रोड, मेरठ...
करनाल(मनोज): सी.एम. सिटी की सड़कों पर अब बिजली की तारें दिखाई नहीं देंगी। स्मार्ट सिटी प्रोजैक्ट के तहत इन्हें अंडरग्राऊंड किया जाएगा। पायलेट प्रोजैक्ट के रूप में 3 मुख्य सड़कों को चुना गया है। बोर्ड ऑफ डायरैक्टर्स की टीम ने हरी झंडी दे दी है। कुंजपुरा रोड, मेरठ चौक से महाराणा प्रताप चौक, नमस्ते चौक से महाराणा प्रताप चौक तक का सर्वे हो चुका है। करनाल स्मार्ट सिटी लिमिटेड की टीम आंकलन कर अपनी रिपोर्ट सौंप चुकी है। अब टीम आंकलन कर रही है कि इस प्रोजैक्ट पर कितना खर्च आएगा। बिजली निगम को कुंजपुरा रोड का एस्टीमेट बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
सर्वे के बाद 8 करोड़ का रफ एस्टीमेट भेजा गया है। कोस्ट कम करने पर स्मार्ट सिटी की टीम मंथन कर रही है। सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही तीनों सड़कों का टैंडर लगाकर बिजली की तारें अंडरग्राऊंड कर दी जाएंगी। बता दें कि इससे पहले अम्बेदकर चौक से महाराजा अग्रसैन चौक तक बिजली की तारें पहले ही भूमिगत की जा चुकी हैं। इसी तर्ज पर उक्त तीनों सड़कों पर काम होगा।
प्रोजैक्ट का फायदा क्या
बिजली की तार अंडरग्राऊंड होने से हादसे का खतरा नहीं रहेगा। यही तीनों सड़क पूरा दिन व्यस्त रहती हैं। कुंजपुरा रोड पर तो सैंट्रल वर्ज पर ही ट्रांसफार्मर भी रखे हैं। इनके फ्यूज इतने नीचे हैं कि कोई भी इन्हें आसानी से छू सकता है। बिजली लाइन भूमिगत होने से खम्भे हट जाएंगे। इससे व्यस्त सड़क पर पार्किंग के लिए जगह और बढ़ेगी। मुख्य मार्कीट और स्मार्ट हो जाएगी।
एन.ओ.सी. के लिए लिखा पत्र
मेरठ चौक से महाराणा प्रताप चौक और नमस्ते चौक से महाराणा प्रताप चौक तक के इस स्मार्ट प्रोजैक्ट के लिए वन विभाग की एन.ओ.सी. जरूरी है। जबकि कुंजपुरा रोड पर पेड़ नहीं होने की वजह से इसकी जरूरत नहीं। करनाल स्मार्ट सिटी लिमिटेड की तरफ से वन विभाग को एन.ओ.सी. के लिए पत्र लिख दिया गया है। उम्मीद है कि जल्द ही विभाग से इसकी परमिशन मिल जाएगी। इसके बाद पायलेट प्रोजैक्ट पर काम शुरू हो जाएगा।
सरकार से मिले 110 करोड़
स्मार्ट सिटी प्रोजैक्ट के तहत अब तक सरकार से 110 करोड़ रुपए करनाल को मिल चुके हैं। 50 करोड़ रुपए केंद्र सरकार से आए हैं। इतनी ही राशि हरियाणा सरकार भी दे चुकी है। केंद्र ने प्रशासनिक व अन्य खर्च के लिए 10 करोड़ अलग से भी दिए हैं। जबकि प्रदेश सरकार ने यह राशि अभी तक मुहैया नहीं कराई है। बता दें कि प्रोजैक्ट के तहत पांच साल में करनाल को स्मार्ट बनाना है। हर साल 200 करोड़ रुपए केंद्र व राज्य सरकार को देने थे। यह राशि स्मार्ट प्रोजैक्ट के तहत हो रहे कार्य की प्रोग्रैस रिपोर्ट के आधार पर ही जारी होती है।
राजीव मेहता, सी.ई.ओ. करनाल स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने कहा कि करनाल स्मार्ट सिटी लिमिटेड की टीम करनाल को स्मार्ट बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रोजैक्ट गति पकड़ रहा है। 3 सड़कों की बिजली तारें अंडरग्राऊंड करने के लिए सर्वे हो चुका है। कुंजपुरा रोड के लिए बिजली निगम ने 8 करोड़ का एस्टीमेट भेजा है। खर्च घटाने पर मंथन कर रहे हैं। इसके बाद तीनों सड़कों का टैंडर लगाया जाएगा।