कांग्रेस नेता के बयान पर शिक्षा मंत्री का पलटवार, बोले- राहुल बताएं, तपस्वी बनना चाहते हैं या पुजारी

Edited By Gourav Chouhan, Updated: 09 Jan, 2023 03:31 PM

education minister retaliated on statement of rahul gandhi

कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि अगर देश हित में राहुल गांधी के पास कोई सुझाव है तो उन्हें सरकार को बताना चाहिए। सरकार राहुल गांधी के सुझाव पर विचार करेगी।

यमुनानगर(सुरेंद्र मेहता): राहुल गांधी द्वारा भारत को तपस्वियों का देश बताने वाले बयान पर हरियाणा के शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि राहुल को बताना चाहिए कि वे तपस्वी बनना चाहते हैं या पुजारी। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा कोई संदेश नहीं दे रही है। कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि अगर देश हित में राहुल गांधी के पास कोई सुझाव है तो उन्हें सरकार को बताना चाहिए। सरकार राहुल गांधी के सुझाव पर विचार करेगी। वहीं हरियाणा में भारत जोड़ो यात्रा में उमड़ रही भीड़ को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में शिक्षा मंत्री ने माना कि प्रदेश में कांग्रेस का आधार है। उन्होंने कहा कि सभी कांग्रेस जन राहुल की यात्रा में शामिल हो रहे हैं।

 

राहुल ने कुरुक्षेत्र में कहा था, यह देश तपस्वियों का पुजारियों का नहीं

 

दरअसल बीते दिन कुरुक्षेत्र में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए राहुल गांधी से तपस्या को लेकर सवाल पूछा गया था। मीडिया के सवाल के जवाब में राहुल ने कहा कि लोग यह कहते हैं कि राहुल हर रोज कई किलोमीटर की यात्रा कर रहा है। लोग कहते हैं कि राहुल गांधी पैदल चलते हुए तपस्या कर रहा है। उन्होंने कहा कि लोग किसान-मजदूर के बारे में बात नहीं करते। राहुल ने कहा कि किसान-मजदूर हर रोज मुझसे ज्यादा पैदल चलते हैं। लोग उनकी बात क्यों नहीं करते। उन्होंने कहा कि देश का हर गरीब तपस्या ही कर रहा है। राहुल गांधी ने कहा कि यह देश तपस्वियों का है न कि पुजारियों का। राहुल के इसी बयान पर शिक्षा मंत्री ने पलटवार किया था। उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा लोगों के बीच कोई संदेश नहीं दे रही है।  

 

पुरानी पेंशन बहाली को लेकर भी बोले शिक्षा मंत्री

 

वहीं हरियाणा में पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर विभिन्न कर्मचारी संगठनों द्वारा आंदोलन किए जा रहे हैं। इसे लेकर शिक्षा मंत्री ने कहा कि मनमोहन सिंह की सरकार में पुरानी पेंशन बंद की गई थी। उसमें योजना आयोग के चेयरमैन ने इसकी सिफारिश की थी। अब आर्थिक मामलों के अधिकांश विशेषज्ञों का मानना है कि इसे लागू करना ठीक नहीं है। आने वाले समय में इसके भयंकर परिणाम होंगे।  वहीं अध्यापकों से गैर शैक्षणिक कार्य करवाए जाने को लेकर उन्होंने कहा कि अध्यापक एक बड़ा वर्ग है। कई बार सरकार को इस तरह के कार्य भी अध्यापकों से करवाने पड़ते हैं। हालांकि उन्होंने दावा किया कि अब काफी कम अध्यापकों का ड्यूटी गैर शैक्षणिक कार्यों में लगाई जाती है। 

 

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