Edited By Isha, Updated: 13 Jun, 2024 06:53 PM
कैथल के एक प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टर पर 13 वर्षीय बच्चों के इलाज में लापरवाही बढ़ाने के आरोप लगे हैं। परिजनों द्वारा डॉक्टर पर लगाए गए आरोपों में बताया गया कि डॉक्टर ने बिना कोई टेस्ट किए ही उनके बच्चे के पेट का ऑपरेशन किया है
कैथल(जयपाल): कैथल के एक प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टर पर 13 वर्षीय बच्चों के इलाज में लापरवाही बढ़ाने के आरोप लगे हैं। परिजनों द्वारा डॉक्टर पर लगाए गए आरोपों में बताया गया कि डॉक्टर ने बिना कोई टेस्ट किए ही उनके बच्चे के पेट का ऑपरेशन किया है, जबकि दूसरी जगह से इलाज करवाने के बाद उनको पता चला कि बच्चे के पेट में कैंसर था। अब परिजनों द्वारा डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए गांव दयोहर के दर्जनों ग्रामीण डीसी और सपा से मिले तथा डॉक्टर के खिलाफ इलाज में लापरवाही वर्तनी पर कानूनी कार्रवाई करने की मांग रखी।
पीड़ित बच्चों के पिता बलविंदर सिंह ने बताया कि उसके 13 वर्षीय बेटे जतिन कुमार को कुछ दिन पहले पेट में दर्द हुआ था, जिसके बाद वह बच्चों को लेकर डॉक्टर के पास आए थे डॉक्टर ने इलाज के दौरान बच्चों का ऑपरेशन करने की बात कही। डॉक्टर द्वारा बच्चों का ऑपरेशन करने के बाद भी जब उसे आराम नहीं मिला तो वह बच्चे को पटियाला के एक निजी अस्पताल में लेकर गए।
जहां डॉक्टर ने बताया कि बच्चों को पेट में कैंसर था इसीलिए इसका ऑपरेशन नहीं किया जाना चाहिए था। वह बच्चे को लेकर और कहीं अस्पतालों में गए वहां से भी उनको यही जवाब मिला, डॉक्टर की लापरवाही के कारण अब बच्चे की तबीयत ज्यादा खराब हो चुकी है। इसको लेकर आज बच्चों के परिजन व दर्जनों ग्रामीण डॉक्टर पर कार्रवाई करवाने के लिए कैथल डीसी व एसपी से मिले थे, जिन्होंने जल्द ही मेडिकल बोर्ड बनवाकर इस पूरे मामले की जांच करने की बात कही है
वही इस मामले पर अपना पक्ष रखते हुए प्राइवेट अस्पताल के डॉक्टर डी.पी गुप्ता ने बताया कि डेढ़ महीने पहले दयोहरा गांव से एक बच्चे को लेकर परिजन उसके पास आए थे। इलाज के दौरान उन्होंने देखा कि बच्चों की छोटी आंत बड़ी आंत में फसी ही थी जिसका ऑपरेशन कर उसे से ठीक कर दिया था. उन्होंने कहा कि जहां बच्चों के पेट में कैंसर की गांठ बनी हुई थी। उन्होंने उसे सोजीश की गांठ समझा और बच्चे का इलाज कर दिया, उसे समय उन्हें कैंसर के लक्षण नहीं दिखे।