Edited By Manisha rana, Updated: 07 Sep, 2020 01:50 PM
बहादुरगढ़ के पटेल नगर में सीवर और नालियों से निकला गंदा पानी गलियों में जमा हो गया है। पंचमुखी हनुमान मंदिर वाली गली में तो गंदगी से लोग...
बहादुरगढ़ (प्रवीण धनखड़) : बहादुरगढ़ के पटेल नगर में सीवर और नालियों से निकला गंदा पानी गलियों में जमा हो गया है। पंचमुखी हनुमान मंदिर वाली गली में तो गंदगी से लोग बीमार होने लगे हैं। महिलाओं का कहना है कि गंदगी से निकलने के लिए उन्हें कपड़े ऊपर करके जाना पड़ता है। रिश्तेदार भी उनके घरों में नहीं आते हैं। परेशान महिलाओं का कहना है कि अब अगर कोई राजनेता वोट मांगने आया तो उसके सिर में ईंट मारने का काम करेंगे। गंदगी से परेशान लोगों ने भाजपा सरकार मुर्दाबाद के नारे भी लगाए।
बता दें कि गलियों और नालियों में खड़ा ये गंदा पानी बहादुरगढ़ के पटेल नगर का वास्तविक दृश्य है। जहां पटेल नगर में सीवर व्यवस्था ठप्प हो गई है। नालियों में जमा गंदे पानी की निकासी की व्यवस्था ठप्प है। मच्छरों से मलेरिया फैल रहा है। लगभग हर घर में बच्चे और बूढ़े बीमार पड़े हैं। गुस्साई महिलाओं का कहना है कि कोई उनकी समस्या का समाधान नहीं करता।
दरअसल वार्ड- 30 के पटेल नगर में पंचमुखी बालाजी हनुमान मंदिर वाली गली से कॉलोनी की ज्यादातर गलियों के गंदे पानी की निकासी की गई है लेकिन पंचमुखी बालाजी हनुमान मंदिर की गली से आगे गंदे पानी की निकासी हो ही नहीं रही। जिसके कारण गली में गंदा पानी जमा हो गया। गंदे पानी से बदबू आ रही है। मच्छरों की भरमार हो गई है। लोग बीमार पड़ने लगे हैं। विधायक से लेकर वार्ड पार्षद तक को शिकायत की गई लेकिन समाधान नही हो पाया है।
वार्ड पार्षद नीना राठी के पति सतपाल राठी जो पहले कांग्रेस में थे और फिलहाल भारतीय जनता पार्टी के सिपाही बन चुके हैं। उनका कहना है कि पिछले चार साल में उनके वार्ड में कोई काम नहीं हुआ था लेकिन अब काम शुरू हो गया है। सीवरेज लाईन जुड़़वा दी गई हैं। पानी और सीवर की जो समस्या है वो ठीक हो जाएगी। जिन गलियों में पानी भरा है उनका टेंडर भी लगवा दिया है। आपको ये भी बता दें कि नगर परिषद में कांग्रेस की चेयरपर्सन हैं। पटेल नगर में बारिश के पानी की निकासी भी बड़ी समस्या है। लेकिन सीवर और नालियों की समस्या तो पूरा साल ही रहती है। ऐसे में जनप्रतिनिधियों को लोगों की समस्या का समाधान बिना राजनीतिक स्वार्थ के करना चाहिए। नहीं तो वोट मांगने आएंगे तो सिर पर ईंट ही खाएंगे।