Edited By vinod kumar, Updated: 30 Oct, 2019 02:26 PM
हर साल दवाइयों की आड़ में नकली और नशीली दवाइयों के कारोबार को धड़ल्ले से अंजाम दिया जाता है जिसके चलते लोगों के स्वास्थ्य को अनेक गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं। नकली और नशीली दवाइयों का कारोबार करने वालों को जड़ से समाप्त करने के लिए खाद्य एवं औषधि...
करनाल(शैली): हर साल दवाइयों की आड़ में नकली और नशीली दवाइयों के कारोबार को धड़ल्ले से अंजाम दिया जाता है जिसके चलते लोगों के स्वास्थ्य को अनेक गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं। नकली और नशीली दवाइयों का कारोबार करने वालों को जड़ से समाप्त करने के लिए खाद्य एवं औषधि विभाग द्वारा पूर्णतया सजगता बरती जाती है।
विभाग द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार साल में अभी तक 150 के करीब दवाइयों के सैंपल कई दुकानों से लिए गए हैं। जोकि विभाग द्वारा इस प्रकार से नकली दवाओं को बेचने वालों के खिलाफ सजगता को दर्शाता है। चुनाव आचार संहिता अवधि के दौरान भी औषधि विभाग द्वारा शहर भर से 12 ऐसी दवाइयों के सैंपल अलग-अलग दुकानों से लिए, जिनमें कुछ खामी पाए जाने का शक जाहिर हुआ।
जानकारी के अनुसार चुनाव आचार संहिता में सैंपलिंग के दौरान अधिकतर सैंपल एंटीबायटिक, पेनकिलर और एंटीऐसीडिटी की दवाइयों के लिए गए थे। जिनको लैब में परीक्षण के लिए भेज दिया गया है। सैंपलों में सिपरोफ्लोक्सासिन, लोराजिपॉम, एमोक्सिीसिलीन समेत 2 प्रकार की दवाइयां भी मौजूद थी। स्वास्थ्य की नजर से देखा जाए, तो इस प्रकार से नकली दवाइयों के सेवन से लोगों को बहुत गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं, जिसके लिए इस प्रकार से नकली दवाइयों का कारोबार करने वालों के खिलाफ विभाग द्वारा सख्त कदम उठाया जाना बहुत आवश्यक है।