डेंगू का प्रकोप : जिले में 35 मामले आए सामने

Edited By Isha, Updated: 07 Nov, 2019 10:46 AM

dengue outbreak 35 cases reported in the district under treatment

जिले में डेंगू ने कहर बरपाना शुरू कर दिया तथा पूरे जिले को अब अपनी चपेट में ले लिया जिसके चलते जिले में अब तक डेंगू के 35 मामले पाए गए हैं जो की जिले के विभिन्न अस्पतालों में उपचाराधीन........

पलवल (ओमप्रकाश गुप्ता) : जिले में डेंगू ने कहर बरपाना शुरू कर दिया तथा पूरे जिले को अब अपनी चपेट में ले लिया जिसके चलते जिले में अब तक डेंगू के 35 मामले पाए गए हैं जो की जिले के विभिन्न अस्पतालों में उपचाराधीन हैं। इसके अलावा डेंगू ने एक 74 वर्षीय महिला की बलि भी ले ली है जिसकी डेंगू की चपेट में आने से  मृत्यु हो गई। यह जानकारी सिविल सर्जन डॉ. प्रदीप शर्मा ने एक भेंट वार्ता में दी। 

उन्होंने बताया की डेंगू के मामले औरंगाबाद में 2, हथीन में एक, दुधौला में 12 तथा पलवल में 20 मामले आज तक पाए गए हैं जबकि होडल में अभी तक डेंगू का एक भी मरीज नहीं पाया गया है। डॉ. प्रदीप शर्मा की मानें तो उनका कहना है पिछले साल डेंगू का एक भी मामला नहीं पाया गया था। जबकि इस बार पहले पखवाड़े में ही डेंगू ने अपना रौद्र रूप दिखा दिया है। उन्होंने बताया कि डेंगू की रोकथाम के लिए उनके विभाग ने पूरी सक्रियता से कार्य करते हुए इसकी रोकथाम के उपाय शुरू कर दिए हैं। एक तरफ  संदेहस्पद स्थानों पर फ ोगिंग की जा रही है। वहीं घरों को चेक किया जा रहा है।

उनके अनुसार अब तक 450 घरों को चेक किया जा चुका है तथा जिनके घरों में मच्छरों के लार्वा मिले हैं उन 25 शहरी घरों को नोटिस भेजे जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को सचेत करने के लिए एक तरफ  स्कूली बच्चों के सहयोग से रैली निकल कर लोगों को जागरूक किया जा रहा है और उन्हें अवगत कराया जा रहा है कि घरों के फ्रि ज की ट्रे, गमले, कूलर या घरों में पड़ी अन्य वस्तुओं में पानी इकठ्ठा न होने दें, उन्होंने बताया की डेंगू का मच्छर साफ पानी में पैदा होता है।

उन्होंने बताया कि जिला अस्पताल में डेंगू के मरीजों के लिए स्पेशल वार्ड तैयार कर दिया है जिसमें हर बेड पर मच्छर दानी तथा नई बेड शीटें बिछा दी हैं तथा उन्होंने यह भी दावा किया की डेंगू के मरीजों के लिए अलग से डेंगू क्लिनिक भी शुरू कर दी है लेकिन ये दावे हवा हवाई निकले तथा एक संवाददाता ने जब अस्पताल का दौरा किया तो न तो कोई अलग से कोई डेंगू क्लिनिक ही दिखाई दिया जबकि दावे के अनुसार डेंगू के मरीजों के लिए बनाया गया स्पेशल वार्ड में भी ताला लटका मिला।

इतना ही नहीं डेंगू की एक मरीज नीतू पत्नी नरेंदर निवासी गावं अमरौली को पिछले तीन दिनों से डेंगू वार्ड की बजाय नर्सरी वार्ड में डाल रखा है वो भी एक बेड पर दूसरे मरीज के साथ। जिससे स्वास्थ्य विभाग के दावे हवा-हवाई के साथ-साथ लापरवाही भी साफ झलक रही है। जहां एक तरफ  स्वास्थ्य विभाग को इसका जिम्मेवार माना जा रहा है। वहीं नगर परिषद को भी इसका जिम्मेवार ठहराया जा रहा है।

अगर कुछ दिन पहले हालातों पर नजर दौड़ाई जाए तो डेंगू के प्रभावित क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था बद से बदतर रही तथा नालियों का पानी सड़कों और गलियों में बहता रहा। इतना ही नहीं मच्छर पनपने की शिकायत के बाद भी न तो नगर परिषद तथा न ही स्वास्थ्य विभाग ने फोगिंग करवाई। इस मामले में पलवल का स्वास्थ्य विभाग जब जागा जब पलवल व फरीदाबाद के निजी अस्पतालों से डेंगू की शिकायतें आने लगी। इसी अनदेखी के चलते डेंगू के मरीज सरकारी अस्पताल की बजाय निजी अस्पतालों की ओर रुख कर रहे हैं।  
 

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