Edited By Punjab Kesari, Updated: 12 Feb, 2018 04:36 PM
स्वामीनाथन रिपोर्ट को लेकर एक बार फिर किसान सरकार के खिलाफ हल्ला बोल की तैयारी कर रहे हैं। स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू करवाने की मांग को लेकर 23 फरवरी को दिल्ली की ओर जाने वाले मार्गों का घेराव किया जाएगा। यह फैसला सोनीपत में नेशनल हाइवे पर आयोजित...
सोनीपत(पवन राठी): स्वामीनाथन रिपोर्ट को लेकर एक बार फिर किसान सरकार के खिलाफ हल्ला बोल की तैयारी कर रहे हैं। स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू करवाने की मांग को लेकर 23 फरवरी को दिल्ली की ओर जाने वाले मार्गों का घेराव किया जाएगा। यह फैसला सोनीपत में नेशनल हाइवे पर आयोजित किसान यूनियन की एक बैठक में लिया गया है।
भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले आज गन्नौर में अंतरराष्ट्रीय फल एवं सब्जी मंडी के सामने किसानों ने हाईवे के ऊपर धरना दिया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। किसानों ने कहा सरकार ने अभी तक एक भी वादा पूरा नहीं किया है। वहीं, अब सरकार अगर जल्द ही स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू नहीं करती है तो वह सभी एकत्रित होकर आने वाले 23 फरवरी को ट्रैक्टर ट्राली के द्वारा दिल्ली का चारों तरफ से घेराव करेंगे। यह घेराव ही सरकार के खिलाफ बड़ा आंदोलन होगा।
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम चुढ़नी ने कहा कि सरकार के बनने से पहले स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू करने का वादा किया था। जिससे किसान कर्ज मुक्ति और फसलों के उचित दाम मिल सके लेकिन ऐसा नहीं हुआ और किसान आत्महत्या कर रहे हैं। सरकार अब अपने वादे को पूरी तरह से भूल चुकी है और इसी बात को लेकर किसान 23 फरवरी को ट्रैक्टर-ट्रालियों के द्वारा दिल्ली का चारों तरफ से घेराव करेंगे। जिसमें हरियाणा के अलावा राजस्थान, पंजाब, गुजरात व अन्य राज्यों के किसान भी शामिल होंगे। इस आंदोलन से सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई होगी। सरकार आज तक किसानों के हक में एक भी फैसला नहीं कर पाई है और किसान लगातार आत्महत्या करने पर मजबूर हो रहे हैं।
बता दें चुनावों से पहले बीजेपी ने वादा किया था कि सत्ता में आते ही स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू कर दी जाएगी लेकिन सुप्रीमकोर्ट में सरकार अब हलफनामा दायर कर कह रही है कि अब रिपोर्ट की सिफारिशें लागू नहीं की जाएंगी। एक याचिका के जवाब में केन्द्र सरकार ने कहा कि लागत मूल्य पर 50 फीसदी बढ़ोतरी से मंडी में दिक्कतें आ सकती है। लिहाजा इसे लागू करना अभी संभव नहीं है। वहीं हरियाणा सरकार ने तो आयोग की सिफारिशें उनके पास होने से ही इनकार कर दिया है।