Edited By Saurabh Pal, Updated: 21 Dec, 2023 07:58 PM
जिला कष्ट निवारण समिति की दादरी में बैठक लेने पहुंचे श्रम व रोजगार राज्य मंत्री अनूप धानक के साथ अवैध माइनिंग मामले को लेकर शिकायतकर्ता उलझ गए। मामला इतना गंभीर हो गया कि मंत्री ने शिकायतकर्ता को ही बैठक से बाहर करवा दिया...
चरखी दादरी(पुनीत श्योराण): जिला कष्ट निवारण समिति की दादरी में बैठक लेने पहुंचे श्रम व रोजगार राज्य मंत्री अनूप धानक के साथ अवैध माइनिंग मामले को लेकर शिकायतकर्ता उलझ गए। मामला इतना गंभीर हो गया कि मंत्री ने शिकायतकर्ता को ही बैठक से बाहर करवा दिया। वहीं बैठक में विधायक सोमबीर सांगवान ने भी शिकायतकर्ताओं का पक्ष लेते हुए ठोस कार्रवाई की मांग उठाई। मंत्री ने डीसी की अध्यक्षता में माइनिंग सहित कई मामलों की जांच को लेकर कमेटी बनाने के आदेश दिए। उधर शिकायतकर्ता ने सरकार, मंत्री व अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध माइनिंग के आरोप लगाते हुए दोषी अधिकारियों को जांच का जिम्मा सौंपने पर आपत्ति जताई है।
बता दें कि बृस्पतिवार दोपहर बाद दादरी के लघु सचिवालय में जिला कष्ट निवारण समिति की बैठक में श्रम राज्य मंत्री अनूप धानक परिवादों का निपटारा करने पहुंचे थे। मंत्री ने दादरी दौरे के दौरान लघु सचिवालय परिसर में कई परियाजनाओं का उद्घाटन किया। बैठक में कुल 15 शिकायतें रखी गई थी, जिनमें 9 पिछली बैठक की लंबित शिकायतें और 6 नई शिकायतें थी। इनमें से 9 शिकायतों का मौके पर ही समाधान कर दिया गया और बाकी को अगली बैठक के लिए लंबित रखा गया है। बैठक में अवैध खनन की शिकायत के दौरान विधायक सोमबीर सांगवान ने कहा कि जिला में ओवरलोड वाहन चलते हैं, जिसके कारण यातायात प्रभावित होता है और सडक़ों को भी नुकसान होता है। इस पर श्रम मंत्री ने आटीओ को निर्देश दिए कि प्रयाप्त टीम बनाकर लगातार चेकिंग सुनिश्ति करें।
मंत्री ने कहा कि अवैध माइनिंग मामले में अधिकारियों की कमेटी द्वारा जांच करवाकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने बारे निर्देश दिए हैं। किसी शिकायतकर्ता को बाहर नहीं निकाला गया।उधर शिकायतकर्ता एडवोकेट संजीव तक्षक ने बताया कि अवैध माइनिंग में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला, सरकार, मंत्री व अधिकारियों की मिलीभगत है। यह मामला पिछली कमेटी की बैठक में भी उठाया गया था। मंत्री अनूप धानक द्वारा कार्रवाई करने के बजाए उसे बैठक से बाहर निकाल दिया। वे जनहित में कार्रवाई की मांग कर रहे थे। सरकार व प्रशासन को अवैध माइनिंग मामले में ठोस कार्रवाई करनी चाहिए।
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