Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 11 Dec, 2025 08:22 PM
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि गुरु तेग बहादुर साहिब जी का जीवन, हमें संदेश देता है कि अत्याचार चाहे कितना ही बड़ा क्यों न हो, सत्य और धर्म की शक्ति हमेशा उससे अधिक महान होती है।
गुड़गांव, (ब्यूरो): हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि गुरु तेग बहादुर साहिब जी का जीवन, हमें संदेश देता है कि अत्याचार चाहे कितना ही बड़ा क्यों न हो, सत्य और धर्म की शक्ति हमेशा उससे अधिक महान होती है। धर्म केवल पूजा करने का नाम नहीं, बल्कि सत्य, स्वतंत्रता और मानवीय गरिमा की रक्षा का मार्ग है। उन्होंने कहा कि गुरु साहिब का बलिदान मानवता का दिव्य पर्व है और भारत सदियों से इस आध्यात्मिक परंपरा का केंद्र रहा है।
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मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी गुरु तेग़ बहादुर जी के 350 वें शहीदी दिवस के अवसर पर कश्मीरी हिंदू प्रकोष्ठ हरियाणा एवं श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार को गुरुग्राम के अपैरल हाऊस में “तप से त्याग तक” संगीतमय नाटक मंचन कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में प्रख्यात अभिनेता पद्म भूषण अलंकृत अनुपम खेर मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए और मुख्यमंत्री नायब सिंह ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। मुख्यमंत्री के ओएसडी प्रभलीन सिंह ने मंच से संगत का सत्कार किया। मुख्यमंत्री के ओएसडी डॉ. राज नेहरू ने कार्यक्रम के मुख्यतिथि पद्म भूषण से सम्मानित प्रख्यात अभिनेता अनुपम खेर व मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को सम्मानित किया। डॉ. राज नेहरू ने अतिथियों का आभार भी ज्ञापित किया। कार्यक्रम में हरियाणा के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री राव नरबीर सिंह, पटौदी की विधायक बिमला चौधरी, गुरुग्राम के विधायक मुकेश शर्मा भी मौजूद रहे।
संस्कृति का आधार है त्याग : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने संबोधित करते हुए कहा कि तप से त्याग तक नाटक मंचन हमें याद दिलाता है कि हमारी संस्कृति का आधार त्याग है। हमारी सभ्यता की आत्मा तप है। हमारी राष्ट्रीयता की शक्ति सत्य है। उन्होंने कहा कि यह नाटक विशेषकर युवा पीढ़ी को बताता है कि बलिदान केवल इतिहास का अध्याय नहीं है, बल्कि एक चेतना है, जो राष्ट्र को जीवंत रखती है।
1984 पीड़ित सिख परिवारों के लिए हरियाणा सरकार का बड़ा निर्णय, आश्रितों को मिलेगी नौकरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार ने 1984 के दंगों में अपने परिजनों को खोने वाले हरियाणा के 121 सिख परिवारों के एक-एक सदस्य को सरकारी नौकरी प्रदान करने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि दिसम्बर 2022 में हरियाणा सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति की स्थापना की गई, जिससे प्रदेश के सिख समुदाय को लंबे समय से अपेक्षित स्वायत्तता प्राप्त हुई है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि हरियाणा सरकार ने सिख इतिहास, गुरु परंपरा और सिख समुदाय के प्रति सम्मान की भावना को सुदृढ़ करते हुए अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती से लेकर गुरु तेग बहादुर जी के 350वें बलिदान स्मृति वर्ष तक, हम तीव्र गति से आगे बढ़ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व में पिछले 11 वर्षों में सिख विरासत, महापुरुषों के योगदान, गुरु गद्दियों और ऐतिहासिक स्थलों को जो राष्ट्रीय महत्व मिला है, वह हमारी राष्ट्र नीति का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। इसी कड़ी में हरियाणा सरकार द्वारा सिख समुदाय, सिख इतिहास और गुरु परंपरा के सम्मान में उल्लेखनीय कार्य किए जा रहे हैं। सिरसा स्थित चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय में गुरु तेग बहादुर जी पर शोध के लिए चेयर की स्थापना की गई है, जो शोध परंपरा को नई दिशा प्रदान करेगी। हाल ही में, गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक, अंबाला को गुरु तेग बहादुर जी के नाम पर रखने की घोषणा भी की गई है। सरकार ने असंध के कॉलेज का नाम सरबंसदानी गुरु गोबिंद सिंह जी के छोटे बेटे बाबा फतेह सिंह जी के नाम पर रखने का निर्णय लेकर सिख इतिहास के प्रति सम्मान को और मजबूत किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यमुनानगर में बनने वाले मेडिकल कॉलेज का नाम 'हिंद की चादर' गुरु तेग बहादुर सिंह जी के नाम पर रखा गया है, जबकि लखनौर साहिब में माता गुजरी के नाम से वी.एल.डी.ए. कॉलेज स्थापित किया गया है। गत 27 अक्टूबर को लौहगढ़, यमुनानगर में बाबा बंदा सिंह बहादुर स्मारक का शिलान्यास किया गया है। यह सभी पहल सिख विरासत, गुरु परंपरा और सामुदायिक सम्मान के प्रति हरियाणा सरकार की निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।
गुरु तेग बहादुर साहिब जी का बलिदान संपूर्ण मानव सभ्यता के माथे का तिलक : अनुपम खेर
पद्म भूषण से सम्मानित विख्यात कलाकार अनुपम खेर ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के इतिहास में ऐसे क्षण विरले ही आते हैं जब कोई महापुरुष अपने प्राणों का त्याग कर धर्म, मानवता और सत्य को नया आयाम प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि गुरु तेग बहादुर साहिब जी का बलिदान केवल सिख इतिहास की धरोहर नहीं, बल्कि संपूर्ण मानव सभ्यता के माथे का तिलक है। उन्होंने कश्मीर के उन कठिन समयों का उल्लेख किया जब अत्याचार अपनी चरम सीमा पर था और उसी समय गुरु तेग बहादुर जी ने अद्वितीय साहस का परिचय देते हुए धर्म स्वतंत्रता की प्रथम वैश्विक घोषणा की। श्री खेर ने कहा कि गुरु महाराज का त्याग भारतीय अध्यात्म, साहस और मानवता की सर्वोच्च अभिव्यक्ति है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए सदैव प्रेरणा स्रोत रहेगा।
अनुपम खेर ने कश्मीरी हिंदू समुदाय की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया कि उन्होंने कश्मीरी विस्थापितों के दर्द को देश का दर्द बनाया और उनके पुनर्वास के लिए संवेदनशील पहले कीं। उन्होंने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का भी धन्यवाद किया कि हरियाणा ने विस्थापितों को सुरक्षा, सम्मान और पुनर्निर्माण का आधार प्रदान किया। उन्होंने कहा कि भारत की जनता ने कश्मीरी हिंदुओं को कभी पराया नहीं माना बल्कि अपनत्व का भाव देकर उनके आघातों को सहलाने का प्रयास किया। खेर ने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी की शिक्षा हमें बताती है कि सत्य का मार्ग भले कठिन हो, लेकिन वही इतिहास की दिशा बदलने का सामर्थ्य रखता है। धर्म के लिए दृढ़ रहना ही सच्चे वीरत्व और आध्यात्मिकता का परिचायक है। आरएमके आर्ट्स फाउंडेशन, जम्मू ने विजय धर द्वारा लिखित एवं निर्देशित इस नाटक का शानदार मंचन किया गया। कुलदीप सप्रू ने इस नाटक में संगीत तथा ध्वनि रूपांकन से जीवंतता भर दी।