Edited By Pawan Kumar Sethi, Updated: 01 Dec, 2025 06:22 PM

भोंडसी जेल में कैदियों को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से स्थापित नवनिर्मित आईटीआई का शुभारंभ 6 दिसंबर को भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्यकांत द्वारा किया जाएगा।
गुड़गांव, (ब्यूरो): भोंडसी जेल में कैदियों को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने के उद्देश्य से स्थापित नवनिर्मित आईटीआई का शुभारंभ 6 दिसंबर को भारत के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सूर्यकांत द्वारा किया जाएगा। यह पहल न्यायपालिका की उस संवेदनशील सोच को दर्शाती है, जिसके तहत कारागारों को सुधार, पुनर्वास और कौशल विकास का केंद्र बनाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इस आईटीआई के माध्यम से कैदियों को तकनीकी शिक्षा एवं व्यावहारिक प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे वे रिहाई के बाद सम्मानजनक आजीविका के साथ समाज में पुनः स्थापित हो सकें।
मुख्य न्यायाधीश के प्रस्तावित दौरे को ध्यान में रखते हुए महानिरीक्षक (कारागार) बी सतीश बालन व न्यायिक अधिकारियों का प्रतिनिधिमंडल सोमवार को जिला कारागार भोंडसी पहुंचा। न्यायिक अधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय से एडीजे अमित ग्रोवर, सुनील चौहान एडीजे, सुनील दीवान एडीजे, महावीर सिंह एडीजे, रजत सीजेएम, जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के सचिव एवं सीजेएम राकेश कादियान भी शामिल रहे।
निरीक्षण के दौरान महानिरीक्षक ने कारागार में आईटीआई से संबंधित अवसंरचना, प्रशिक्षण क्षमताओं तथा सुविधाओं का अवलोकन करते तैयारियों को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कारागार अधीक्षक और अन्य अधिकारियों से तैयारियों की विस्तृत जानकारी लेते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए ताकि सभी व्यवस्थाएं मुख्य न्यायाधीश के आगमन से पूर्व सुचारू और मानकों के अनुरूप पूरी हो सकें। कारागार अधीक्षक विवेक चौधरी ने कार्यक्रम को लेकर महानिरीक्षक को विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मुख्य न्यायाधीश छ: दिसंबर को पहले जिला कारागार में स्किल डेवलपमेंट सेंटर और निर्माण सदन का दौरा करेंगे। इसके उपरांत वे आरटीसी, भोंडसी में सेमिनार को संबोधित करेंगे।
न्यायिक अधिकारियों के प्रतिनिधिमंडल ने निरीक्षण के दौरान वर्कशॉप, जेल रेडियो, कंप्यूटर लैब, इलेक्ट्रॉनिक्स लैब, फिजिक्स लैब, संगीतशाला, सैलून और स्किल डेवलपमेंट सेंटर का दौरा किया। उन्होंने प्रत्येक केंद्र पर उपलब्ध संसाधनों, प्रशिक्षण सामग्री, प्रशिक्षकों की उपलब्धता तथा कैदियों की भागीदारी को विस्तार से परखा। एडीजे अमित ग्रोवर ने कहा कि आईटीआई सहित विभिन्न कौशल केंद्र कैदियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में अत्यंत प्रभावी साबित होंगे।