Edited By Manisha rana, Updated: 08 Jun, 2020 12:22 PM
सोनीपत के गांव आहुलाना के बीएसएफ के हेड कांस्टेबल सुरेश कुमार की छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में हुई मौत के बाद उनका पार्थिव शरीर...
सोनीपत (पवन राठी) : सोनीपत के गांव आहुलाना के बीएसएफ के हेड कांस्टेबल सुरेश कुमार की छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में हुई मौत के बाद उनका पार्थिव शरीर लेकर बीएसएफ के जवान गांव में पहुंचे। बताया गया था कि जवान ने आत्महत्या की है। गांव में पार्थिव शरीर पहुंचने पर परिजनों ने अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया। परिजनों का कहना था कि सुरेश कुमार आत्महत्या नहीं कर सकता। उनकी मौत के मामले में अधिकारिक जांच होनी चाहिए और उन्हें शहीद का दर्जा दिया जाना चाहिए व सरकारी नौकरी दी जानी चाहिए।
जानकारी अनुसार गांव आहुलाना के रहने सुरेश कुमार बीएसएफ की 157 बटालियन में छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में बतौर हेड कांस्टेबल पर तैनात थे। वह अपने दल के साथ शुक्रवार को नक्सल विरोधी अभियान के लिए गए थे। बीएसएफ की तरफ से बताया गया है कि सर्च अभियान के बाद दल के जवान जब शनिवार सुबह वापस लौट रहे थे तब अपने शिविर से लगभग दो सौ मीटर पहले सुरेश कुमार ने खुद को गोली मार ली। गोली की आवाज सुनने के बाद जब अन्य जबान उसके पास पहुंचे तो उन्हें सुरेश लहुलूहान हालत में मिला। तब उसकी मौत चुकी थी।इस घटना की सूचना मिलने के बाद से ही परिजन स्तब्ध थे।
आज बीएसएफ इंस्पेक्टर मनोज कुमार बीएसएफ जवान सुरेश कुमार के पार्थिव शरीर को लेकर गांव में पहुंचे। इंस्पेक्टर मनोज कुमार ने कहा कि उन्हें पार्थिव शरीर घर पहुंचाने के लिए भेजा गया है। सुरेश की मौत के मामले में जांच जारी है। जांच के बाद ही पूरे मामले का खुलासा होगा।
उनकी पत्नी सुदेश देवी का कहना था उनके पति की मौत के मामले में जांच कर उन्हें न्याय दिया जाए। उनका कहना था कि वह किसी सूरत में आत्महत्या नहीं कर सकते। उनके घर में सबकुछ ठीक है। ऐसे में सुरेश कुमार को शहीद का दर्जा दिया जाएगा। इसी मांग को लेकर परिजनों ने सुरेश कुमार के शव को लेने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि परिवार को सरकारी सुविधा मिले और सरकारी नौकरी भी।
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