Birthday Special: कल्पनाओं से भी ऊंची थी 'कल्पना' की उड़ान

Edited By Updated: 17 Mar, 2017 12:20 PM

birthday special today is birthday of kalpana chawla

अंतरिक्ष पर पहुंचने वाली भारतीय मूल की हरियाणा की पहली महिला कल्पना चावला का आज जन्मदिन है।

करनाल:अंतरिक्ष पर पहुंचने वाली भारतीय मूल की हरियाणा की पहली महिला कल्पना चावला का आज जन्मदिन है। कल्पना ने न सिर्फ अंतरिक्ष की दुनिया में उपलब्धियां हासिल कीं, बल्कि तमाम छात्र-छात्राओं को सपनों को जीना सिखाया। कल्पना बचपन से ही अंतरिक्ष में घूमने की कल्पना करती थी और एक दिन उन्होंने अपनी इस कल्पना को सच कर दिखाया। 
1962 को करनाल में हुआ था कल्पना का जन्म, सभी प्यार से कहते थे मोंटू
भारतीय अंतरिक्ष यात्री का गौरव हासिल करने वाली अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला का जन्म 17 मार्च 1962 को हरियाणा के करनाल में हुआ था। उनके पिता का नाम श्री बनारसी लाल चावला और माता का नाम संजयोती था। कल्पना अपने परिवार के चार भाई बहनों में सबसे छोटी थी। कल्पना को सभी प्यार से मोंटू कहते थे। 

भारत की बहादुर बेटी थीं कल्पना चावला
कल्पना चावल भारत की बहादुर बेटी थीं। उन्होंने 41 साल की उम्र में अपनी पहली अंतरिक्ष यात्रा की जो आखिरी साबित हुई। उनके वे शब्द सत्य हो गए जिसमें उन्होंने कहा था कि मैं अंतरिक्ष के लिए ही बनी हूं। हर पल अंतरिक्ष के लिए ही बिताया है और इसी के लिए मरूंगी।

आज भी दुनिया के लिए एक मिसाल है कल्पना चावला
भले ही 1 फरवरी 2003 को कोलंबिया स्पेस शटल के दुर्घटनाग्रस्त होने के साथ कल्‍पना की उड़ान रुक गई लेकिन आज भी वह दुनिया के लिए एक मिसाल है। कल्पना ने फ्रांस के जान पियर से शादी की जो एक फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर थे। शुरुआती पढ़ाई करनाल के टैगोर बाल निकेतन में हुई। जब वह आठवीं क्लास में पहुंचीं तो उन्होंने अपने पिता से इंजिनियर बनने की इच्छा जाहिर की। पिता उन्हें डॉक्टर या टीचर बनाना चाहते थे। परिजनों का कहना है कि बचपन से ही कल्पना की दिलचस्पी अंतरिक्ष और खगोलीय परिवर्तन में थी। वह अकसर अपने पिता से पूछा करती थीं कि ये अंतरिक्षयान आकाश में कैसे उड़ते हैं? क्या मैं भी उड़ सकती हूं? पिता बनारसी लाल उनकी इस बात को हंसकर टाल दिया करते थे।

1995 में कल्पना नासा में अंतरिक्ष यात्री के तौर पर शामिल हुई और 1998 में उन्हें अपनी पहली उड़ान के लिए चुना गया। खास बात यह थी कि अंतरिक्ष में उड़ने वाली वह पहली भारतीय महिला थीं। इससे पहले राकेश शर्मा ने 1984 में सोवियत अंतरिक्ष यान से उड़ान भरी थी। कल्पना ने अपने पहले मिशन में 1.04 करोड़ मील सफर तय कर पृथ्वी की 252 परिक्रमाएं और 360 घंटे अंतरिक्ष में बिताए। इसके बाद नासा और पूरी दुनिया के लिए दुखद दिन तब आया जब अंतरिक्ष यान में बैठीं कल्पना अपने 6 साथियों के साथ दर्दनाक घटना का शिकार हुईं। कल्पना की दूसरी यात्रा उनकी आखिरी यात्रा साबित हुई और 1 फरवरी 2003 को कोलंबिया अंतरिक्ष यान पृथ्वी की कक्षा में प्रवेश करते ही टूटकर बिखर गया।

पहले ही तय हो गई थी कल्पना चावला की मौत, नहीं दी गई जानकारी
जिस दिन कल्पना चावला ने अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी थी, उसी दिन तय हो गई थी उनकी मौत. सिर्फ कल्पना ही नहीं, उनके साथ गए 7 यात्रियों के अंत का अलार्म भी डिस्कवरी की उड़ान के साथ बज चुका था। 16 दिन ये लोग मौत के साये में रहे। नासा सब जानता था लेकिन उसने किसी को कुछ नहीं बताया। कोलंबिया स्पेस शटल के उड़ान भरते ही पता चल गया था कि ये सुरक्षित जमीनपर नहीं उतरेगा, तय हो गया था कि सातों अंतरिक्ष यात्री मौत के मुंह में ही समाएंगे। फिर भी उन्हें इसकी जानकारी नहीं दी गई। बात हैरान करने वाली है, लेकिन यही सच है। इसका खुलासा मिशन कोलंबिया के प्रोग्राम मैनेजर ने किया है।

हरियाणा सरकार से नखुश हैं कल्पना चावला के परिजन  
हरियाणा सरकार ने उड़नपरी के नाम पर करनाल में सरकारी अस्पताल का नाम कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज रखा और कुरुक्षेत्र में पिहावा राजमार्ग पर कल्पना चावला तारामंडल बनाया। हालांकि, अब इस पर भी सियासत शुरू हो गई है जिससे कल्पना के परिजन खुश नहीं है। हरियाणा सरकार ने करनाल में कल्पना चावला के नाम पर यूनिवर्सिटी बनाने की घोषणा की थी, लेकिन मनोहर सरकार ने उसका नाम बदलकर जनसंघ के वरिष्ठ नेता स्व. दीनदयाल उपाध्याय के नाम पर कर दिया है। हैरानी की बात है कि मुख्यमंत्री ने कैबिनेट मीटिंग बुलाकर यूनिवर्सिटी का नाम बदल दिया। इसे लेकर विपक्षी दलों ने काफी विरोध किया।
 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!