भिवानी की अरूणा तंवर को मिली टोक्यो पैरा ओलंपिक की टिकट, बधाई देने वालों का लगा तांता

Edited By Manisha rana, Updated: 14 Jun, 2021 09:03 AM

bhiwani s aruna tanwar gets tokyo para olympics ticket

हरियाणा प्रदेश से 19 खिलाडिय़ों का टोक्यो ओलंपिक में भारत देश के लिए चयन हुआ है। इन्ही में से एक अरूणा तंवर टोक्यो पैरा ओलंपिक के ताईक्वांडो खेल ...

भिवानी (अशोक भारद्वाज): हरियाणा प्रदेश से 19 खिलाडिय़ों का टोक्यो ओलंपिक में भारत देश के लिए चयन हुआ है। इन्ही में से एक अरूणा तंवर टोक्यो पैरा ओलंपिक के ताईक्वांडो खेल में 49 किलोग्राम भार वर्ग में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी। भिवानी जिला के गांव दिनोद की दिव्यांग खिलाड़ी अरूणा तंवर ने एक साधारण परिवार से उठकर ओलंपिक तक का सफर तय किया हैं। इस सफर के पीछे अरूणा तंवर के परिवार व खुद का संघर्ष भी छिपा हुआ हैं। अरूणा तंवर के पैरा ओलंपिक में चयन पर उनके परिवार ने खुशी की लहर दौड़ गई हैं।

PunjabKesari
अरूणा की उपलब्धियों की बात करें तो वर्ष 2017-18 में पांचवे राष्ट्रीय पैरा ओलंपिक ताईक्वांडो प्रतियोगिता में गोल्ड मैडल, वर्ष 2018-19 में छठे राष्ट्रीय पैरा ओलंपिक ताईक्ववांडो प्रतियोगिता में गोल्ड मैडल, वर्ष 2018 में वियतनाम में हुई चौथे एशियन पैरा ओलंपिक ताईक्वांडो प्रतियोगिता में सिल्वर मैडल, फरवरी 2019 में टर्की में आयोजित वल्र्ड पैरा ताईक्वांडो चैंपियनशिप में ब्रांज मैडल, मार्च 2019 में ईरान में हुई प्रेजीडेंट एशियन रीजन जी-टू कप में सिल्वर मैडल, वर्ष 2019 में ही जार्डन में हुई अमान एशियन पैरा ताईक्वांडो चैंपियनशिप में ब्रांज मैडल हासिल करने में सफलता प्राप्त की हैं। अब अगस्त-सितंबर में टोक्यो में आयोजित होने वाले पैरा ओलंपिक खेलों में अरूणा तंवर देश के लिए मैडल लाने के लिए कड़े संघर्ष में जुट गई हैं। इन दिनों वे रोहतक व दिल्ली में प्रैक्ट्सि कर रही हैं।

PunjabKesari
वहीं अरूणा के पिता नरेश कुमार व माता सोनिया देवी ने बताया कि 21 वर्षीय अरूणा इन दिनों खेल प्रशिक्षक का कोर्स की पढ़ाई में दाखिला लिए हुए हैं। उन्होंने बचपन में ही खेल की शुरूआत कर ली थी। वर्ष 2016 में उन्होंने ताईक्वांडो खेल को अपनाया। इससे पहले वे दिव्यांग होते हुए भी सामान्य वर्ग में खेलती रही थी। ओलंपिक में चयन के बाद अरूणा के परिजनों को उम्मीद है कि देश के लिए गोल्ड मैडल लाने का कार्य अरूणा टोक्यो ओलंपिक में करेंंगी। अरूणा के पिता एक निजी कंपनी में ड्राईवर है तथा माता घरेलू महिला हैं।

परिजनों का संघर्ष ही है कि आज अरूणा देश के लिए ओलंपिक मैडल लाने की लाईन में खड़ी हैं। अरूणा की इन उपलब्धियों से पहले परिजनों को अरूणा के दिव्यांग होने का दुख होता था, परन्तु अरूणा की मेहनत व उपलब्धियों ने उनके परिजनों की चिंता को न केवल दूर किया, बल्कि दिव्यांगता को ही वरदान बना दिया हैं। अरूणा के ओलंपिक में चयन के बाद परिजनों को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ हैं। गौरतलब है कि 47 वर्ष के बाद पैरा ताईक्वांडो प्रतियोगिता में अरूणा भारत का प्रतिनिधित्व कर रही हैं।

(हरियाणा की खबरें टेलीग्राम पर भी, बस यहां क्लिक करें या फिर टेलीग्राम पर Punjab Kesari Haryana सर्च करें।)

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!