Edited By Punjab Kesari, Updated: 07 Dec, 2017 06:07 PM
बच्चों के कंधों से बस्ते का बोझ कम करने के लिए बैग लैस योजना शुरू की गई है। यह अभी पहली कक्षा में लागू हुई है। खंड के भापरा प्राथमिक पाठशाला का चयन होने पर उसमें पहली कक्षा के बच्चों के लिए लॉकर का निर्माण हो रहा है। बच्चे इन्हीं लाकर में अपने बैग...
समालखा(अरविंद कुमार):बच्चों के कंधों से बस्ते का बोझ कम करने के लिए बैग लैस योजना शुरू की गई है। यह अभी पहली कक्षा में लागू हुई है। खंड के भापरा प्राथमिक पाठशाला का चयन होने पर उसमें पहली कक्षा के बच्चों के लिए लॉकर का निर्माण हो रहा है। बच्चे इन्हीं लाकर में अपने बैग रखकर घर जाएंगे। वहीं दूसरी तरफ खेलकूद जैसी क्रियाओं के लिए शनीवार का दिन निर्धारित किया गया है। बैग लैस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए सरकार ने प्रदेश के 22 जिलों के करीब 120 खंड से प्राइमरी स्कूल में पहली कक्षा के बच्चों के लिए लॉकर बनाने के लिए प्रपोजल मांगा था। एसएसए की ओर से सभी स्कूलों को बजट जारी किया गया है। खंड से भी उक्त योजना में भापरा स्थित प्राथमिक पाठशाला को चयनित किया गया था।
पाठशाला के 65 बच्चे होंगे बैग लैस : बीईओ बृजमोहन गोयल
खंड से भापरा स्थित प्राथमिक पाठशाला को बैग लैस के लिए चयनित किया गया है। पहली में पढ़ने के लिए आने वाले 65 बच्चों के लिए गेट के पास वाले कमरों में ही लॉकर बनाए जा रहे हैं। हाल में उनके ऊपर जाली लगाने का काम हो रहा है। इसमें बच्चे छुट्टी के बाद अपना बैग रखकर जाएंगे और सुबह आने पर निकाल लेंगे। शुरुआत में पहली कक्षा को लेकर इस योजना को लागू किया गया है। यदि ये सफल होती है तो इसे 2 व 3 कक्षा में भी लागू किया जा सकता है।
ताले नहीं लगेंगे, रंग से रखेंगे पहचान : सुरेश कुमार
बच्चों के बैग को लेकर बनाए जाने वाले लॉकर पर ताला नहीं लगेगा। हर लॉकर का रंग अलग अलग होगा। रंग से ही बच्चे अपने लाकर ही पहचान रखेंगे। पहली कक्षा के बच्चे छोटे होते हैं। वो ताला लगा और खोल नहीं पाएंगे। जाली लगने का काम पूरा होते ही बच्चों के बैग लाकर में रखवाने शुरू कर उनको बस्ते के बोझ से छुटकारा मिल जाएगा।