Edited By Nisha Bhardwaj, Updated: 09 Jun, 2018 01:36 PM
हरियाणा सरकार द्वारा खिलाड़ियों की कमाई का 33 फीसदी हिस्सा मांगने पर खिलाड़ियों के बवाल के बाद सरकार ने अपने फैसले पर रोक लगा दी है। वहीं इस विवाद के बाद पहलवान योगेश्वर दत्त और आईएएस अशोक खेमका आमने-सामने आ गए हैं। सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन पर...
चंडीगढ़: हरियाणा सरकार द्वारा खिलाड़ियों की कमाई का 33 फीसदी हिस्सा मांगने पर खिलाड़ियों के बवाल के बाद सरकार ने अपने फैसले पर रोक लगा दी है। वहीं इस विवाद के बाद पहलवान योगेश्वर दत्त और आईएएस अशोक खेमका आमने-सामने आ गए हैं। सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन पर योगेश्वर दत्त ने ट्वीट कर आईएएस अशोक खेमका पर निशाना साधा था। जिस पर खेमका ने जवाबी ट्वीट कर विरोध के लिए मर्यादित भाषा का प्रयोग करने की सलाह दी है।
पहलवान योगेश्वर ने ट्वीट किया था कि ऐसे अफसर से राम बचाए, जब से खेल विभाग में आए है, तब से बिना सिर पैर के तुगलकी फरमान जारी किए जा रहे है। हरियाणा के खेल-विकास में आपका योगदान शून्य है किंतु ये दावा है मेरा इसके पतन में आप शत प्रतिशत सफल हो रहे है। अब हरियाणा के नए खिलाड़ी बाहर पलायन करेंगे और साहब आप जिम्मेदार।
जिसके जवाब में खेमका ने ट्वीट कर लिखा है कि खेल एवं पुलिस दोनों में शिष्टता शोभित है। इस अधिसूचना के पहले वाणिज्यिक विज्ञापन या व्यवसायिक खेल सरकारी कर्मचारी के लिए निषिद्ध था। आपका क्रोध एवं अपशब्द दोनों ठीक नहीं। 48 दिनों के विलंब के बाद अभी अचानक यह आक्रमक प्रतिक्रिया क्यों?
वहीं योगेश्वर ने फिर ट्वीट किया कि मीडिया के माध्यम से आज ये नोटिफिकेशन सामने आया है, तब जा कर तो उन खिलाड़ियों को पता चला। जिन पर इसका प्रभाव पड़ेगा। इतना बड़ा बदलाव और किसी को खबर भी नहीं। खेल के क्षेत्र से जुड़े हुए लोगो से विचार-विमर्श भी किया जा सकता था। अपनी बात-विचार दृढ़ता से रखना क्रोध-अपशब्द नहीं होता।
खेमका का जवाबी ट्वीट कर लिखा कि तो आपको जानकारी होगी कि कमर्शियल विज्ञापन एवं वाणिज्यिक खेल सरकारी कर्मचारियों के लिए निषिद्ध है। अपनी बात रखिए, लेकिन मर्यादा के साथ।
उल्लेखनीय है कि खेल विभाग ने नोटिफिकेशन जारी करते हुए कहा कि अगर वे किसी प्रोफेशनल खेल में हिस्सा लेते हैं या विज्ञापन करते हैं तो उसकी कमाई का 33% हिस्सा खेल परिषद को देना होगा। सरकार के इस फैसले के बाद रेसलर योगेश्वर दत्त, बबीता फौगाट और सुशील कुमार आदि खिलाड़ियों ने इसका विरोध किया। वहीं खिलाड़ियों द्वारा नोटिफिकेशन पर बवाल करने के बाद सीएम मनोहर लाल ने ट्वीट कर फैसले को फिलहाल रोक दिया है। मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया कि हमें हरियाणा के खिलाड़ियों पर गर्व है और मैं उन्हें प्रभावित करने वाले सभी मुद्दों पर फिर से विचार करने का आश्वासन देता हूं। खट्टर ने फैसले से जुड़ी नोटिफिकेशन फाइल मंगाई है, ताकि खिलाड़ियों की भी राय ली जा सके।