रणजीत के मंत्री मंडल से इस्तीफे के बाद अनिल विज की डिप्टी सीएम के रूप में हो सकती है एंट्री?

Edited By Saurabh Pal, Updated: 24 Mar, 2024 10:17 PM

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हरियाणा के नायाब सिंह सैनी मंत्रिमंडल में जल्दी ही एक डिप्टी सी एम का चेहरा अनिल विज के रूप में दिखने को मिल सकता है।सूत्रों के अनुसार अनिल विज के घर जाकर नायाब सैनी चाय पीकर आ चुके हैं।

चंडीगढ़ (चंद्रशेखर धरणी): हरियाणा के नायाब सिंह सैनी मंत्रिमंडल में जल्दी ही एक डिप्टी सी एम का चेहरा अनिल विज के रूप में दिखने को मिल सकता है।सूत्रों के अनुसार अनिल विज के घर जाकर नायाब सैनी चाय पीकर आ चुके हैं। सीएम नायाब सैनी अनिल विज को बड़ा भाई बताते हैं तो अनिल विज उनको छोटे भाई की संज्ञा देते है। हिसार से भजपा की टिकट रणजीत सिंह को मिलने से आने वाले दिनों में रणजीत सिंह को मंत्रिमंडल से त्यागपत्र देना पड़ सकता है।ऐसी स्थिति में एक मंत्री का स्थान रिक्त हो जाने पर शीघ्र ही भजपा सरकार उसे भरेगी।वर्तमान राजनैतिक परिस्थितियों में पंजाबी बाहुल्य क्षेत्रों में जबरदस्त पैठ रखने वाले अनिल विज को नायाब सरकार में डिप्टी सी एम बना वापसी होने के कायास अभी से चर्चा में हैं।अनिल विज द्वारा बिना जातीय भेदभाव के जनता दरबार मे हर किसी की मदद करने के कारण वह हरियाणा के सर्वाधिक लोकप्रिय नेतायों में से एक है। अनिल विज की अगर धड़ले से सरकार में वापसी होती है तो उसका पूरा लाभ भजपा को मिलना निश्चित है।

हरियाणा की 10 लोकसभा सीटों में से भारतीय जनता पार्टी द्वारा 4 सीटों से उम्मीदवार घोषित करने में देरी करना कोई असमंजस नहीं था, बल्कि यह पार्टी की बेहद कूटनीतिक सोच और रणनीति का हिस्सा थी, ऐसा हम नहीं बल्कि लगातार बदले राजनीतिक समीकरण खुद बयां कर रहे हैं। कुरूक्षेत्र लोकसभा से कांग्रेस की टिकट पर दो बार सांसद रहे नवीन जिंदल और निर्दलीय रूप से सिरसा विधानसभा से चुनाव जीत विधायक बने रणजीत चौटाला जो भारतीय जनता पार्टी की मनोहर पार्ट-2 सरकार में तथा फिर नायाब सरकार में कैबिनेट मंत्री के पद से नवाजे गए उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया है। नवीन जिंदल को कुरुक्षेत्र से तथा रणजीत चौटाला को हिसार से भाजपा ने उम्मीदवार बनाया है। रणजीत चौटाला बेहद परिपक्व और सुलझे हुए नेता है। जाट समाज में मजबूत पकड़ रखने वाले रंजीत पूर्व प्रधानमंत्री एवं किसानों के मसीहा माने जाने वाले चौधरी देवीलाल के पुत्र हैं, इसलिए जाट समाज में उनका बड़ा सम्मान है।

2019 में हिसार लोकसभा से किसानों के ही मसीहा माने जाने वाले सर छोटूराम के नाती चौ0 वीरेंद्र सिंह के सुपुत्र बृजेंद्र सिंह भाजपा की टिकट से सांसद बने थे, लेकिन हाल ही में वह कांग्रेस में शामिल हो गए, ऐसे में भाजपा को एक मजबूत चेहरे की हिसार में जरूरत थी। रणजीत चौटाला भाजपा के लिए हिसार में तुरुप के इक्के साबित होने वाले हैं। क्योंकि 2019 में भाजपा ने हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटें जीती थी और इस बार केंद्रीय नेतृत्व ने 400 सीटें पार का लक्ष्य रखा है तो किसी भी तरह से पार्टी जोखिम लेने के मूड में नहीं है। बदले राजनीतिक समीकरणो के चलते पार्टी बड़ी कूटनीति पर काम कर रही है।

हिसार से बृजेंद्र सिंह कांग्रेस के एक ताकतवर उम्मीदवार साबित हो सकते हैं तो उनकी काट में रणजीत चौटाला उन पर भारी पड़ेंगे। इसकी तैयारी कर ली गई है और दूसरी तरफ अब संभावना है कि वह जल्द ही नायाब मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे सकते हैं। इससे मंत्रिमंडल में एक सीट वेकेंट हो जाएगी। इससे अनिल विज जैसे वरिष्ठ पूर्व मंत्री की नाराजगी को भी दूर किया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार उन्हें उपमुख्यमंत्री के पद से नवाजा जाएगा। क्योंकि अनिल विज एक तरफ जहां हरियाणा भाजपा के सबसे वरिष्ठ - कद्दावर और पार्टी समर्पित नेता है, पार्टी के लिए उनके बलिदान और संघर्ष जग जाहिर है। बड़े आंदोलनों में विपक्ष में रहने के दौरान उनकी भूमिका भी बड़ी रही है। वरिष्ठ नेताओं के आगे अड़कर उन्होंने पुलिस की लाठियां खाई है। इसके साथ-साथ मंत्री रहने के दौरान प्रदेश भर से उनके दर पर आई हुई जनता उनकी भारी मुरीद है। पंजाबी समाज में भी उनका बड़ा भारी प्रभाव है। मंत्रिमंडल में उन्हें जगह ना मिल पाने के बाद से प्रदेश भर में उनके हक में जनता की आवाज सुनाई दे रही है। पंजाबी समाज के मनोहर लाल को मुख्यमंत्री के पद से हटाए जाने तथा अनिल विज को मंत्रिमंडल में जगह ना मिल पाने से पंजाबी समाज में एक बड़ा भारी रोष भी है। जिसका बड़ा भारी नुकसान भाजपा को हो सकता है। यानि अगर कहें कि विज की अनदेखी से एक बड़ा साइलेंट वोटर भाजपा के खिलाफ जा सकता है।

हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों में से 15 से 18 सीटों पर विज का भारी प्रभाव है। तीन लोकसभा सीटों पर उनकी केवल चुप्पी भाजपा के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है। क्योंकि नायब सैनी को मुख्यमंत्री बेशक बना दिया गया हो लेकिन एक बड़ा टास्क नायब सैनी के सामने खड़ा हो चुका है। सभी 10 लोकसभा सीटे जीतकर देना तथा फिर विधानसभा चुनाव में सरकार बनाकर केंद्रीय नेतृत्व को खुश करने की भी बड़ी जिम्मेदारी उनके कंधों पर आ चुकी है। अगर इसमें कहीं भी चूक हुई तो केंद्र की नजर में उनका कद छोटा हो जाएगा। अब हाल ही में नवनियुक्त मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का अनिल विज के निवास अंबाला में जाकर उनसे मिलना, उनके पांव छूकर उनका आशीर्वाद लेना, एक अच्छे संकेत की तरफ इशारा दे रहे हैं।

सूत्रों की माने तो रणजीत चौटाला के सांसद उम्मीदवार बनने के बाद अब वह कभी भी मंत्रिमंडल से इस्तीफा देंगे। सीट वेकेंट होने पर अनिल विज को मंत्रिमंडल में बतौर उपमुख्यमंत्री एडजस्ट किया जाएगा। इससे प्रदेशभर में जनता जो अनिल विज को अपना मसीहा- हितेषी मानती है उनकी भी नाराजगी इससे दूर होगी और भारतीय जनता पार्टी का इंसाफ भी जनता की नजर में नजर आएगा। बता दे कि नायब सैनी की अनिल विज से मुलाकात के बाद मीडिया से रूबरू होने पर नायब सैनी ने विज को बड़ा भाई और अनिल विज ने सैनी को अपना छोटा भाई कहकर सम्मान दिया था। तो अब देखना यह रहेगा कि छोटा भाई अपने बड़े भाई को कोई तोहफा देने की तैयारी कर चुके हैं या नहीं। हरियाणा के बेहद सुलझे हुए ईमानदार नेता अनिल विज एक बड़ी राजनीतिक हस्ती है। जनता के दिलो- दिमाग पर उनका बड़ा भारी असर है। इसलिए उनको मंत्रिमंडल में शामिल करना भाजपा के लिए बड़ा फायदे का सौदा साबित होगा।

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