Edited By Isha, Updated: 14 Jun, 2024 06:19 PM
वैत में हुए अग्निकांड में यमुनानगर के अनिल गिरी की भी मौत हो गई। रोजी-रोटी की तलाश में अपने वतन को छोड़कर कुवैत में गए हुए लगभग 5 वर्ष से अधिक हो गए थे और अब घर आने की ही तैयारी में थे, लेकिन कुवैत के इमारत में लगी आग में 42 मजदूरों के साथ अनिल की...
यमुनानगर (सुरेंद्र मेहता): कुवैत में हुए अग्निकांड में यमुनानगर के अनिल गिरी की भी मौत हो गई। रोजी-रोटी की तलाश में अपने वतन को छोड़कर कुवैत में गए हुए लगभग 5 वर्ष से अधिक हो गए थे और अब घर आने की ही तैयारी में थे, लेकिन कुवैत के इमारत में लगी आग में 42 मजदूरों के साथ अनिल की भी जिंदगी छीन ली।
यमुनानगर का अनिल गिरी जिस का पुश्तैनी गांव बिहार के गोपालगंज में है, की बहन यमुनानगर के एक कॉलेज में कार्यरत है। अनिल की पत्नी और दो बच्चे उसकी घर वापसी के इंतजार में थे में थे कि कुवैत की अग्निकांड अनिल की मौत में उन्हें तोड़कर रख दिया।बतौर बेलडिंग असिस्टेंट के रूप में अनिल गिरी लगभग 5 वर्ष पहले कुवैत गए हुए थे। बीच में एक बार यमुनानगर आना भी हुआ था लेकिन दोबारा नही लौट सके।
चार भाई बहनों मे छोटा अनिल की बहन नीतू गिरी, भांजी मालती जो स्थानीय गुरु नानक गर्ल्स कॉलेज के कैंटीन में कार्यरत है ने रोते हुए बताया कि घटना के एक दिन पहले घर के सभी लोगों से फोन पर बात हुई थी।अनिल के एक मित्र जो कुवैत में किसी दूसरी कंपनी में था ने बताया की अनिल की मौत जलकर नहीं बल्कि कमरे में सभी पांच साथियों के साथ दम घुट कर हो जाने के जाने के कारण हुई है। अनिल की बहन ने सरकार से भी प्रार्थना की है उसके परिवार की हिफाजत सरकार करें नहीं तो उसके पास अब जीने का कोई सहारा नहीं है।