भिवानी के स्कूलों पर कार्रवाई के बाद अब शिक्षा विभाग गंभीर

Edited By Deepak Paul, Updated: 15 Jul, 2018 10:33 AM

after the action on bhiwani schools now the education department

हरियाणा के 3200 स्कूलों को अस्थायी मान्यता देने के मामले में ऊहापोह की स्थिति में फंसे शिक्षा विभाग को अब बिना रिकार्ड वाले स्कूलों की जांच भी करनी पड़ेगी। प्रदेश में हजारों ऐसे स्कूल और अकादमी चल रही हैं जिनका शिक्षा विभाग के पास कोई रिकार्ड नहीं...

चंडीगढ़(पांडेय): हरियाणा के 3200 स्कूलों को अस्थायी मान्यता देने के मामले में ऊहापोह की स्थिति में फंसे शिक्षा विभाग को अब बिना रिकार्ड वाले स्कूलों की जांच भी करनी पड़ेगी। प्रदेश में हजारों ऐसे स्कूल और अकादमी चल रही हैं जिनका शिक्षा विभाग के पास कोई रिकार्ड नहीं है। हालांकि इस मामले में भिवानी के एक व्यक्ति की शिकायत पर हाईकोर्ट भी सरकार को कार्रवाई का निर्देश दे चुका है लेकिन अब तक शिक्षा विभाग की ओर से ठोस कार्रवाई नहीं की जा सकी है। सूत्रों की मानें तो शिक्षा विभाग इस बार बिना रिकार्ड वाले छोटे स्कूलों पर कार्रवाई का मन बना चुका है और जल्द ही सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को कार्रवाई के सख्त आदेश जारी किए जाएंगे।

गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने प्रदेश भर में चल रहे गैर-मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों के प्रति सख्त रुख अख्तियार करते हुए अब तक इनके खिलाफ की गई कार्रवाई पर भी अपनी नाराजगी जाहिर की है। हाईकोर्ट के चीफ जज की बैंच ने अंतरिम आदेशों में कहा है कि गैर-मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों की ताकतवर लॉबी के दबाव में आकर स्कूल बंद करवाने की प्रक्रिया रोकी हुई है, हम चकित हैं कि राज्य के जिम्मेदार अधिकारी इन स्कूलों को बंद करवाने में नाकामयाब हुए हैं और अपनी ड्यूटी निभाने में भी नाकाम हुए हैं। हाईकोर्ट ने इन शब्दों के साथ ही प्रशासन को एक सप्ताह के अंदर अधिवक्ता के माध्यम से स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं। 

यह मामला स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल परमार की ओर से हाईकोर्ट में भिवानी जिले के 72 गैर-मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों के खिलाफ याचिका दायर की हुई है। इसी याचिका पर हाईकोर्ट ने गैर-मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों को बंद करवाने के लिए 15 फरवरी 2018 को आदेश दिए हुए हैं लेकिन इसके बावजूद शिक्षा विभाग के अधिकारी एवं जिला प्रशासन गैर-मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों पर कार्रवाई नहीं कर पाया

 इस मामले में 12 जुलाई को एक बार फिर हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाते हुए एक सप्ताह के अंदर गैर-मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों को बंद करवाने के सख्त आदेश देते हुए ये अंतिम मौका दिया है। इसके बावजूद अगर अधिकारी गैर-मान्यता प्राप्त स्कूलों एवं शिक्षा अकादमियों को बंद नहीं करवाते तो फिर कोर्ट द्वारा हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव को तलब किए जाने की भी चेतावनी दी गई है। कोर्ट के इस रुख के बाद अब शिक्षा विभाग ने प्रदेश भर में ऐसे सभी स्कूलों की पहचान कर बंद करने की योजना तैयार की है।

बीच सैशन में स्कूल न बंद करे शिक्षा विभाग : कुलभूषण 
फैडरेशन ऑफ प्राइवेट स्कूल के प्रदेशाध्यक्ष कुलभूषण शर्मा ने कहा कि घरों में बिना नाम्र्स के चल रहे स्कूलों पर कार्रवाई जायज है लेकिन अस्थायी मान्यता वाले स्कूलों को बीच सैशन में बंद करना ठीक नहीं है। शर्मा ने कहा कि प्रदेश के 3200 स्कूलों को तुरंत प्रभाव से एक साल की अस्थायी मान्यता देनी चाहिए, ताकि बीच सैशन में बच्चों का भविष्य न खराब हो। उन्होंने कहा कि यदि सरकार को इन स्कूलों की मान्यता नहीं देनी थी तो वह सैशन शुरू होने से पहले ही बंद कर देता।

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