3 साल बाद मिला इंसाफ : हत्या के मामले में शामिल 2 आरोपियों को उम्र कैद की सजा

Edited By Isha, Updated: 05 Apr, 2024 01:16 PM

accused involved in murder case sentenced to life imprisonment

पलवल जिला अदालत में एडीजे राजेश गर्ग की अदालत ने हत्या के एक मामले में दो आरोपितों को उम्र कैद की सजा सुनाई है। मामला 21 नवंबर 2020 का है। मृतक अर्जुन पुत्र बाबुलाल का शव सिटी थाना क्षेत्र में परशुराम कॉलोनी

पलवल(दिनेश): पलवल जिला अदालत में एडीजे राजेश गर्ग की अदालत ने हत्या के एक मामले में दो आरोपितों को उम्र कैद की सजा सुनाई है। मामला 21 नवंबर 2020 का है। मृतक अर्जुन पुत्र बाबुलाल का शव सिटी थाना क्षेत्र में परशुराम कॉलोनी के पीछे खेतों में पड़ा मिला था। उससे एक दिन पूर्व दो युवक मृतक के घर पर जाकर जान से मारने की धमकी देकर आए थे, जिसके आधार पर धमकी देने वाले योगेश व मंगल के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 आदि के तहत सिटी थाने में मुकदमा दर्ज हुआ था। आज माननीय राजेश गर्ग की अदालत द्वारा तीन साल पांच माह चले केस में दोनों दोषियों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई।

हत्या के मामले में सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 19 नवम्बर 2020 को पलवल लाइनपुरा मोहल्ले में रहने वाले 30 वर्षीय अर्जुन पुत्र बाबूलाल को गोरल्ला मोहल्ला निवासी योगेश पुत्र किरण पाल व मंगल पुत्र मूलचंद उर्फ मूली के द्वारा किसी रंजिश को लेकर उसके घर पर जाकर जांच करने की धमकी दी गई थी। 20 तारीख को अर्जुन अचानक लापता हो गया। अगले दिन 21 नवंबर 2020 को अर्जुन का शव  परशुराम कॉलोनी के पीछे खेतों में पड़ा मिला था। शव की मौके अर्जुन के बड़े भाई धारा के  द्वारा धारा शिनाख्त की गई।


पलवल सिटी थाना पुलिस ने मामले में एफआईआर नंबर 496 दर्ज कर आईपीसी धारा 302,34 तथा एससी एसटी एक्ट लगाया गया था। पीड़ित पक्ष के वकील चंद्रशेखर राठौर ने बताया कि लगभग 3 साल 5 महीने चला जिसमें 19 गवाह फाइल पर आए थे। तमाम गवाह और सबूतों के आधार पर अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश घर की अदालत में आज फैसला सुनाया है। अदालत के फैसले के बाद पीड़ित पक्ष ने राहत महसूस करते हुए अदालत का एक अच्छा फैसला बताया है। और कहा है कि उनका भाई तो लौट कर आ नही सकता लेकिन दोषियों को उम्र कैद की सजा होने पर भाई की आत्मा शांति जरूर मिली होगी। अदालत का यही अच्छा फैसला है हमें न्याय मिला है।
 
 विनोद सरदाना ने जानकारी देते हुए बताया कि इस मामले में सबसे अहम सबूत में मृतक तथा दोनों आरोपितों के कपड़ों पर एक ही ब्लड ग्रुप का ब्लड लगा हुआ पाया गया था। साथ ही दोषियों के पास एक मोबाइल फोन बरामद किया गया था जिसमें 18 सेकंड की एक वीडियो बरामद की गई थी। जिसमें एक आरोपित पिटाई कर रहा था और दूसरे ने वह वीडियो बनाई थी। वही पीड़ित परिवार के वकील चंद्रशेखर राठौर ने इस फैसले को एक अच्छा फैसला बताते हुए एडीजे राजेश गर्ग की अदालत की प्रशंशा की है।
 

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