सावन माह के पहले सोमवार पर शिव की आराधना

Edited By Gaurav Tiwari, Updated: 26 Jul, 2021 08:40 PM

worship of shiva on the first monday of the month of sawan

हर-हर महादेव भोले शंकर को समर्पित सावन माह का शुभारंभ हो गया है। सावन माह के पहले सोमवार को जहां श्रद्धालुओं ने व्रत रखकर अपने ईष्ट देव भगवान शिव का जलाभिषेक कर आराधना भी की।

गुडग़ांव (ब्यूरो): हर-हर महादेव भोले शंकर को समर्पित सावन माह का शुभारंभ हो गया है। सावन माह के पहले सोमवार को जहां श्रद्धालुओं ने व्रत रखकर अपने ईष्ट देव भगवान शिव का जलाभिषेक कर आराधना भी की। कोरोना महामारी के कारण अधिकांश श्रद्धालुओं ने अपने घरों में ही भगवान शिव की आराधना कर मनोकामना पूरी करने की प्रार्थना भी की। हालांकि कोरोना के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए मंदिरों, शिवालयों व आश्रमों में श्रद्धालुओं को सीमित संख्या में जाने की अनुमति जिला प्रशासन ने दी हुई है। शहर के घंटेश्वर, सिद्धेश्वर, भूतेश्वर, गुफावाला मंदिर, सैक्टर 4 स्थित श्रीकृष्ण, श्रीराम मंदिर, सूर्य विहार के मां वैष्णो देवी मंदिर, प्रकाशपुरी आश्रम आदि में श्रद्धालु भी आराधना करने के लिए सीमित संख्या में पहुंचे। धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख है कि भगवान शिव ही अकेले ऐसे देव हैं जो साकार और निराकार दोनो ही हैं। भगवान शिव के न तो आस्था हो सकती है और न ही पार्वती के बिना श्रद्धा। ये तीनों लोकों के अधिष्ठाता हैं। युवतियों ने भी सुयोग्य वर पाने के लिए बड़ी संख्या में श्रावण माह के सोमवार का व्रत रखा और भगवान शिव की आराधना की। शिवपुराण में उल्लेख है कि भगवान शिव स्वयं ही जल हैं, इसलिए जल व दूध से ही उनका अभिषेक किया जाता है। बताया जाता है कि इसी सावन माह में ही समुद्र मंथन किया गया था। समुद्र मंथन के बाद जो हलाहल विष निकला था, उसे भगवान शंकर ने कंठ में समाहित कर सृष्टि की रक्षा की थी। 

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